वोट चोरी की आग लगाकर मलेशिया में ले रहे ठंडई
हर बार की तरह इस बार भी राहुल गांधी विदेश फुर्र...
आतंकी इस्लामिक धर्मगुरु जाकिर नाइक से मिलने की चर्चा
चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर वोट चोरी का आरोप लगा कर इस बार फिर राहुल गांधी चुपचाप मौज-मस्ती करने मलेशिया फुर्र हो गए। राहुल गांधी का यह रूटीन कृत्य हो गया है। अलग-अलग मसलों पर देश में द्वेष-घृणा और विद्रूपता फैलाकर वे विदेश तफरीह के लिए भाग जाते हैं। इस बार राहुल गांधी मलेशिया की राजधानी क्वालालंपुर में तफरीह करते, तेज रफ्तार से स्कूटर चलाते हवा खाते दिख रहे हैं। हालांकि तेज चर्चा है कि राहुल गांधी आतंकी इस्लामिक धर्मगुरु जाकिर नाइक से मिलने मलेशिया गए हैं।
कांग्रेस पार्टी को जब भी नेतृत्व की जरूरत होती है तब-तब राहुल गांधी गुपचुप विदेश निकल जाते हैं। चुनाव आयोग पर वोट चोरी का आरोप लगा कर देश में तनावपूर्ण माहौल बनाने वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उसी बहाने बिहार में वोटर अधिकार यात्रा शुरू की, जो राहुल गांधी के सवालों से ज्यादा विवादों की वजह से चर्चा में रही। उसी दरम्यान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी मां को गालियां दी गईं और आखिर में तो अफरातफरी में यात्रा खत्म करनी पड़ी। यात्रा खत्म हुई तो राहुल गांधी फिर छुट्टी पर निकल गए। राहुल गांधी की मलेशिया से सामने आई तस्वीरों पर तमाम सवाल उठ रहे हैं।
राहुल गांधी की इन्हीं गतिविधियों के कारण उन पर पार्ट टाइम नेता का टैग लगा हुआ है। विदेशों से जो तस्वीरें सामने आ रही हैं वे फिर राहुल गांधी की उसी छवि को पुख्ता कर रही हैं। इन तस्वीरों से सवाल खड़े होते हैं कि क्या राहुल गांधी के लिए बिहार की वह अधिकार यात्रा या अन्य राजनीतिक यात्राएं क्या महज एक औपचारिकता होती हैं? जिन्हें वे जल्दी-जल्दी पूरा करें और छुट्टियां मनाने भागें। ऐसी ही राहुल गांधी की यह मलेशिया यात्रा भी साबित कर रही है। इस यात्रा को लेकर सियासी गलियारे में अलग-अलग तरह की चर्चा है। कोई राहुल गांधी की मलेशिया यात्रा के पीछे उनके लापरवाह रवैये पर बात कर रहा है तो किसी को इस यात्रा के पीछे गहरी साजिश नजर आ रही है। यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी की किसी विदेश यात्रा को लेकर इस तरह का बवाल हुआ हो। अमेरिका, इटली और बैंकॉक जैसी यात्राओं के दौरान भी राहुल गांधी पर सवाल उठ चुके हैं।
राहुल गांधी का इस बार अचानक चुपके से मलेशिया निकल जाना कई सवाल खड़े कर रहा है। राहुल गांधी मलेशिया के लंगकावी में छुट्टियां मना रहे हैं। चर्चा है कि राहुल गांधी और देश से निकाले गए विवादास्पद इस्लामिक धर्मगुरु जाकिर नाइक के बीच कोई गुप्त मुलाकात होने वाली है। उल्लेखनीय है कि इस्लामी कट्टरपंथी जाकिर नाइक ने भारत से निकाले जाने के बाद मलेशिया की नागरिकता ही ली है। कुछ अन्य लोग राहुल गांधी से यह सवाल भी पूछ रहे हैं कि जब पूरा उत्तर भारत बाढ़ में डूबा हुआ है तो ऐसे में क्या देश के विपक्ष के नेता को मलेशिया ट्रिप पर जाना जरूरी था? लोगों का सवाल है कि क्या कोई जन-नेता ऐसा भी होता है कि जब जनता की जरूरत हो तो वह उन्हें छोड़कर छुट्टियां मनाने निकल पड़े?
बहरहाल, चुनावी मौसम के दौरान या ऐसे समय जब उनकी पार्टी को उनकी सबसे ज्यादा जरूरत हो, जनता को बताए बिना छुट्टियों पर निकल जाने का राहुल गांधी का इतिहास रहा है। इसे लेकर यह सवाल भी उठ चुका है कि वह पार्टी पर संकट के बीच ही यात्राएं करते हैं, साथ ही भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप को बढ़ावा भी देते हैं। साल 2019 में उनकी बैंकॉक यात्रा इसी तरह से विवादों में आई थी। उस समय भी चुनावों के बीच में छोड़कर वो घूमने निकल गए थे। इन सवालों के पीछे की वजह भी ठोस है। राहुल गांधी ने विदेश यात्राओं के दौरान कई बार भारत विरोधी तत्वों से मुलाकात की है। उदाहरण के लिए साल 2023 में ही उन्होंने अमेरिका की यात्रा के दौरान हिंदू फॉर ह्यूमन राइट्स की सह-संस्थापक सुनीता विश्वनाथ से मुलाकात की। यह संस्था हिंदुओं की नहीं बल्कि एक इस्लामवादी वकालत समूह है, जो भारत में मुसलमानों से भेदभाव करने का हिंदुओं पर आरोप लगाता है।
साल 2022 के अप्रैल महीने में जब कांग्रेस पार्टी को नेतृत्व की जरूरत थी और प्रशांत किशोर को कांग्रेस में शामिल करने की चर्चा चल रही थी, उस समय भी वे बेफिक्र होकर घूमने निकल गए थे। प्रशांत किशोर के पार्टी में शामिल होने से इनकार करने के तुरंत बाद राहुल गांधी लगभग 10 दिनों के लिए अचानक गायब हो गए और उनकी कोई जानकारी नहीं मिल पाई। उस दौरान कांग्रेस पार्टी को बिना किसी नेतृत्व के काम करना पड़ा जबकि पार्टी गहरे संकट में थी। इससे पहले, दिसंबर 2021 में, जब पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव में पार्टी को करारी हार मिली थी, राहुल गांधी निजी यात्रा के लिए इटली के दौरे पर थे। उनकी यात्रा की ही वजह से उस समय पंजाब में चुनावी तैयारियों को बड़ा झटका लगा क्योंकि कई रैलियां उनकी वापसी तक टाल दी गईं। उनकी यही यात्रा आम आदमी पार्टी की जीत और उनकी अपनी पार्टी के सफाया होने की वजह बनी।
सितंबर 2021 में, जब पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के कारण कांग्रेस संकट में थी, उस वक्त भी गांधी परिवार शिमला में छुट्टियां मना रहा था। दिसंबर 2020 में जब कांग्रेस पार्टी का 136वाँ स्थापना दिवस मनाया जा रहा था, राहुल गांधी फिर इटली चले गए। इसी तरह अक्टूबर 2019 में हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनावों से ठीक 15 दिन पहले वो बैंकॉक चले गए थे। इसी तरह 2019 के लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद, बिना नतीजे देखे ही लंदन रवाना हो गए और छुट्टियां मनाने लगे। यहां तक कि उन्होंने सोनिया गांधी द्वारा बुलाई गई अहम बैठक में भी हिस्सा नहीं लिया। इसके अलावा, राहुल गांधी अक्सर अपनी विदेश यात्राओं के दौरान एसपीजी सुरक्षा (विशेष सुरक्षा दल) नहीं लेते थे और सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करते रहे। इसी कारण सरकार ने उनकी एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली। इस पर संसद में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी सवाल उठाए।
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