चांदी की ईंटों संग युवक गिरफ्तार, पुलिस के हत्थे चढ़ा चोरी के गहनों को पिघलाने वाला गिरोहबाज
शिवपुरी, 23 सितंबर (एजेंसियां)। मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक ऐसे युवक को गिरफ्तार किया है, जो चोरी की चांदी को पिघलाकर ईंटों के रूप में ढालकर बाजार में बेचने का काम करता था। यह गिरफ्तारी कोलारस अनुविभाग मुख्यालय के पास पूरणखेड़ी टोल प्लाजा के निकट ग्वालियर–देवास फोरलेन राष्ट्रीय राजमार्ग पर की गई, जहां संदिग्ध अवस्था में खड़े युवक को पुलिस ने घेराबंदी कर दबोच लिया। गिरफ्तार आरोपी के पास से पुलिस ने चार चांदी की ईंटें और धातु पिघलाने की मशीन बरामद की है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि पकड़ा गया आरोपी सोनू कुशवाह (30) अशोकनगर जिले का रहने वाला है। प्रारंभिक पूछताछ में उसने स्वीकार किया है कि वह लंबे समय से सोना और चांदी चुराने वाले गिरोह से जुड़ा हुआ है। गिरोह चोरी किए गए आभूषणों को इकट्ठा कर उसके पास पहुंचाता था और वह उन्हें मशीन से पिघलाकर ईंटों का रूप देता था, ताकि पहचान छिपाई जा सके। इसके बाद इन्हें स्थानीय बाजारों में ऊंचे दामों पर बेचकर नकदी हासिल की जाती थी। आरोपी का यह खेल लंबे समय से चल रहा था और पुलिस को लगातार इसकी गतिविधियों पर संदेह था।
सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में पुलिस को पुख्ता जानकारी मुखबिर से मिली थी। मुखबिर ने बताया था कि एक युवक राष्ट्रीय राजमार्ग पर संदिग्ध हालत में खड़ा है और उसके पास भारी मात्रा में कीमती धातु हो सकती है। सूचना मिलते ही पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की और मौके पर पहुंचकर युवक को धर दबोचा। तलाशी में जब चार चांदी की ईंटें बरामद हुईं, तो पुलिस को यकीन हो गया कि यह मामला सामान्य चोरी का नहीं, बल्कि संगठित अपराध का हिस्सा है। बरामद मशीन ने इस संदेह को और मजबूत कर दिया, क्योंकि धातु को पिघलाने की प्रक्रिया सामान्य व्यक्ति के बस की बात नहीं होती। इसके लिए विशेष उपकरणों और अनुभव की आवश्यकता होती है।
जांच के दौरान यह भी सामने आया है कि आरोपी चोरी के गहनों को सीधे बेचने की बजाय उन्हें पिघलाकर ठोस चांदी की ईंटें बनाता था। इसका कारण यह था कि आभूषणों के रूप में बेचना जोखिमभरा था और पुलिस आसानी से चोरी के सामान की पहचान कर सकती थी। जबकि पिघली हुई और फिर से ढली चांदी की ईंटों को पहचानना बेहद मुश्किल हो जाता था। इस तरीके से आरोपी और उसका गिरोह लंबे समय से पुलिस और प्रशासन की आंखों में धूल झोंकते आ रहे थे।
पुलिस की इस कार्रवाई से स्थानीय स्तर पर हड़कंप मच गया है। शिवपुरी और कोलारस क्षेत्र के बाजारों में इस गिरोह की गहरी पैठ होने की आशंका जताई जा रही है। कई व्यापारियों के नाम भी सामने आ सकते हैं, जो संभवतः चोरी की चांदी को खरीदने का काम कर रहे थे। जांच एजेंसियां अब इस दिशा में तेजी से काम कर रही हैं और आरोपी से गहन पूछताछ की जा रही है। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि सोनू कुशवाह की गिरफ्तारी से इस संगठित अपराध के कई परतें खुलेंगी और संभव है कि चोरी के अन्य मामलों का भी राजफाश हो।
इस घटना के बाद आमजन और व्यापारी वर्ग में चर्चा तेज हो गई है कि आखिर इतने लंबे समय तक चोरी की चांदी का यह धंधा कैसे चलता रहा। सवाल यह भी उठ रहा है कि बिना स्थानीय स्तर पर सहयोग के इस तरह का नेटवर्क पनपना संभव नहीं है। यह आशंका जताई जा रही है कि कहीं न कहीं स्थानीय स्तर पर कुछ लोग भी आरोपी के संपर्क में रहे होंगे, जो चोरी के गहनों को ठिकाने लगाने में मददगार साबित हुए।
फिलहाल पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उसे अदालत में पेश करने की तैयारी की जा रही है। साथ ही, बरामद चांदी की ईंटों का मूल्यांकन भी कराया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार बरामद चांदी की कीमत लाखों रुपये में है। धातु पिघलाने की मशीन भी पुलिस ने जब्त कर ली है, जिसे अब फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इससे कितनी मात्रा में चांदी या अन्य धातुएं अब तक ढाली गई हैं।
इस पूरे घटनाक्रम ने पुलिस को सजग कर दिया है। पुलिस अधिकारी मान रहे हैं कि यह मामला किसी बड़े चोरी के गिरोह की ओर इशारा करता है, जिसका नेटवर्क न केवल शिवपुरी और कोलारस बल्कि अशोकनगर और आसपास के जिलों तक फैला हुआ है। आरोपी से पूछताछ कर उसके सहयोगियों और चोरी की गई अन्य संपत्ति का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।
गौरतलब है कि शिवपुरी जिले में पिछले कुछ महीनों से चोरी और लूट की वारदातें लगातार सामने आती रही हैं। कई बार लोगों ने पुलिस पर इन अपराधों को रोकने में नाकामी का आरोप भी लगाया। लेकिन इस मामले में पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने यह संकेत दिया है कि अब अपराधियों पर शिकंजा कसने की गंभीर तैयारी शुरू हो गई है।
आरोपी सोनू कुशवाह की गिरफ्तारी से पुलिस को उम्मीद है कि चोरी की चांदी और सोना बेचने वाले नेटवर्क का बड़ा हिस्सा उजागर होगा। इस कार्रवाई को पुलिस ने अपनी बड़ी सफलता बताया है और कहा है कि आरोपी से मिली जानकारी के आधार पर आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां संभव हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्च अधिकारी भी इस जांच पर नजर बनाए हुए हैं।
इस गिरफ्तारी के साथ ही पुलिस ने एक ऐसे खेल का पर्दाफाश किया है, जिसमें चोरी के आभूषणों को पिघलाकर उनकी पहचान मिटाई जाती थी और उन्हें नई शक्ल में बाजार में बेचा जाता था। यह तरीका अपराधियों के लिए कमाई का आसान जरिया बन गया था, लेकिन अब पुलिस की सतर्कता ने उनके इस नेटवर्क को तोड़ने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है।
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