पायलट संघ ने की विमानों की गहन जांच की मांग
उड्डयन क्षेत्र के लिए चौकन्ना रहने के संकेत
संघ ने डीजीसीए को लिखा आवश्यक पत्र
नई दिल्ली, 06 अक्टूबर (एजेंसियां)। भारतीय पायलट संघ (फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स) ने एयर इंडिया के अमृतसर-बर्मिंघम बोइंग 787 विमान में अचानक रैम एयर टर्बाइन (आरएटी) सक्रिय होने के बाद देशभर के सभी 787 विमानों के इलेक्ट्रिकल सिस्टम की जांच की मांग की है। यह घटना 4 अक्टूबर को हुई थी, विमान सुरक्षित लैंड हुआ।
फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (एफआईपी) ने रविवार को अहम कदम उठाते हुए सिविल एविएशन महानिदेशक (डीजीसीए) से देश में सभी बोइंग 787 विमानों के इलेक्ट्रिकल सिस्टम की पूरी तरह जांच कराने की मांग की है। यह मांग मुख्य रूप से एयर इंडिया के अमृतसर से बर्मिंघम जा रहे बोइंग 787 विमान में अचानक आपातकालीन पावर सिस्टम (रैम एयर टर्बाइन- आरएटी) के खुद-ब-खुद खुल जाने के बाद आई है।
एयर इंडिया के मुताबिक, अक्टूबर चार को विमान के बर्मिंघम में लैंडिंग के दौरान आरएटी स्वतः ही 500 फुट की ऊंचाई पर चालू हो गया, लेकिन विमान सुरक्षित लैंड कर गया। मामले में पायलट संघ ने कहा कि विमान के एयरक्राफ्ट हेल्थ मॉनिटरिंग सिस्टम ने बस पावर कंट्रोल यूनिट (बीपीसीयू) में खराबी पाई है, जिससे आरएटी के खुलने की संभावना है। बीपीसीयू विमान के इलेक्ट्रिकल सिस्टम को नियंत्रित करता है और आरएटी तब खुलता है जब इंजन या इलेक्ट्रिकल/हाइड्रोलिक सिस्टम फेल हो जाए। यह पंखे की मदद से आपातकालीन पावर जनरेट करता है।
डीजीसीए ने इस घटना की गहन जांच करने की बात कही है। आरएटी विमान में तब अपने आप काम करता है जब दोनो इंजन बंद हो जाएं या इलेक्ट्रॉनिक या हाइड्रोलिक सिस्टम में पूरी तरह से खराबी आ जाए। यह विंड स्पीड का इस्तेमाल कर आपातकालीन पावर जनरेट करता है।
मामले में डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विमान लैंडिंग के समय 400 फुट की ऊंचाई पर आरएटी एक्टिव हुआ, लेकिन पायलट ने कोई समस्या रिपोर्ट नहीं की। बोइंग के निर्देशानुसार जांच और रखरखाव किए गए, जिसमें कोई खराबी नहीं मिली। विमान को अब सेवा के लिए मंजूरी दे दी गई है। गौरतलब है कि इससे पहले जून में एअर इंडिया के एक बोइंग 787 विमान एआई-171 की अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान के दौरान दुर्घटना हो गई थी, जिसमें 260 लोग मारे गए थे। उस दुर्घटना की जांच कर रही एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) ने पाया था कि विमान के इंजन फ्यूल कंट्रोल स्विच अनजाने में बंद हो गए थे।
मामले में एफआईपी ने कहा है कि डीजीसीए ने अब तक बोइंग 787 के सिर्फ ईंधन नियंत्रण स्विच की जांच की है, जबकि पूरे इलेक्ट्रिकल सिस्टम की जांच जरूरी है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा के लिए यह जरूरी है कि डीजीसीए बोइंग 787 के इलेक्ट्रिकल सिस्टम की पूरी जांच करे और दोषों को दूर करे। हालांकि अमेरिकी विमान निर्माता बोइंग ने इस मामले में अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
रैम एयर टर्बाइन यानी आरएटी एक सुरक्षा उपकरण है, जो तब सक्रिय होता है जब विमान की मुख्य बिजली और हाइड्रोलिक सिस्टम में किसी तरह की समस्या आ सकती है। इलेक्ट्रिकल फेलियर, हाइड्रॉलिक सिस्टम फेलियर और दोनों इंजन फेल होने पर ये प्लेन के निचले हिस्से से बाहर निकल आता है। जबकि ऐसी स्थिति में ये रेडियो समेत फ्लाइट के जरूरी कंट्रोल्स को चालू रखने का काम करता है। हालांकि इससे विमान ऊपर नहीं जा सकता है, इसे एक छोटे प्रोपेलर की तरह माना जाता है। हालांकि, इस घटना के दौरान सभी बिजली और हाइड्रोलिक सिस्टम सामान्य पाए गए, और विमान की बर्मिंघम हवाई अड्डे पर लैंडिंग कराई गई।