साहित्य के नायक को दी गई श्रद्धांजलि, आज चामुंडी की तलहटी में होगा अंतिम संस्कार
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| कन्नड़ सारस्वत जगत के दिग्गज, प्रतिष्ठित लेखक, उपन्यासकार, सरस्वती सम्मान से सम्मानित, पद्भूषण डॉ. एस.एल. भैरप्पा को उनके प्रशंसकों, गणमान्य व्यक्तियों, लेखकों और कलाकारों ने श्रद्धांजलि अर्पित की|
बुधवार को दिवंगत हुए भैरप्पा के अंतिम दर्शन गुरुवार को बेंगलूरु स्थित रवींद्र कलाक्षेत्र परिसर में आयोजित किए गए| राज्य के कोने-कोने से आए साहित्यप्रेमी, पाठक, राजनीतिक गणमान्य व्यक्ति, कलाकार, बड़े और छोटे पर्दे के अभिनेता और अभिनेत्रियों ने दिवंगत महान लेखक को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की| मुख्यमंत्री सिद्धरामैया, उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार, विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक, कन्नड़ एवं संस्कृति मंत्री शिवराज थंगदागी, पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. सी.एन. अश्वथनारायण, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र, वरिष्ठ अभिनेत्रियाँ तारा अनुराधा, मालविका अविनाश, दूरदर्शन, आकाशवाणी के कलाकार, वरिष्ठ पत्रकार और प्रशंसकों के एक विशाल समूह ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की|
प्रशंसकों द्वारा भैरप्पा के उपन्यासों और साहित्य की प्रशंसा करते देखना आम बात थी| पाठकों ने अपने-अपने तरीके से बताया कि किस प्रकार भैरप्पा ने अपने उपन्यासों के माध्यम से कन्नड़ साहित्य को समृद्ध किया| हासन जिले के संतेशिवरा गाँव, उनके गृहनगर से भी बड़ी संख्या में प्रशंसक पहुँचे थे| इसके अलावा, मैसूरु, जहाँ वे कार्यरत थे, और सुदूर सहित विभिन्न स्थानों से उनके मित्र और रिश्तेदार दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि देने आए| दोपहर तक जनता के दर्शन की अनुमति थी| दोपहर में पार्थिव शरीर को मैसूरु ले जाया गया| वहाँ, शाम को कलामंदिर में जनता को उनके दर्शन की अनुमति दी गई|
शुक्रवार को भैरप्पा का अंतिम संस्कार मैसूरु में चामुंडी पहाड़ियों की तलहटी में राज्य सरकार द्वारा निर्धारित सभी सम्मानों और धार्मिक अनुष्ठानों के साथ किया जाएगा| इसी बीच भैरप्पा के निधन पर पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा और केंद्रीय मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने गहरा शोक व्यक्त किया है| देवेगौड़ा ने अपने शोक संदेश में कहा कि कन्नड़ साहित्य जगत के प्रख्यात लेखक, सरस्वती सम्मान पुरस्कार से सम्मानित और पद्मभूषण डॉ. एस.एल. भैरप्पा के निधन की खबर सुनकर उन्हें गहरा दुख हुआ है| कन्नड़ साहित्य जगत को उत्कृष्ट उपन्यास देने वाले और लाखों पाठकों के दिलों को छूने वाले भैरप्पा का निधन कन्नड़ साहित्य जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है|
देवेगौड़ा ने कहा ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और मैं भी उनके परिवार और प्रशंसकों के दुःख में शामिल हूँ| केंद्रीय मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया| उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा कि प्रसिद्ध उपन्यासकार सरस्वती समान पुरस्कार विजेता, जिन्होंने अपने उपन्यासों पर्व और उत्तरकांड के माध्यम से महाभारत और रामायण को पढ़ने के हमारे तरीके को बदल दिया, के निधन की खबर सुनकर गहरा सदमा पहुँचा है| मैंने भैरप्पा के उपन्यासों को ध्यान से पढ़ा है| मैं उनकी कहानी कहने की शैली और चरित्र-निर्माण की प्रतिभा से अभिभूत हूँ| वे एक सच्चे भारतीय उपन्यासकार थे, जिनका जन्म कन्नड़ की धरती पर हुआ और उन्होंने कन्नड़ में ही लिखा| उन्होंने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि उनके निधन से एक बहुत बड़ा शून्य पैदा हो गया है| भैरप्पा के निधन से मुझे व्यक्तिगत रूप से बहुत दुख हुआ है|
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