पूर्वोत्तर के राज्य हमारे लिए अष्टलक्ष्मी हैं : मोदी

मणिपुर, मिजोरम, असम के बाद अरुणाचल पहुंचे प्रधानमंत्री

पूर्वोत्तर के राज्य हमारे लिए अष्टलक्ष्मी हैं : मोदी

अरुणाचल को मिली 5100 करोड़ की परियोजनाएं

ईटानगर, 22 सितंबर (एजेंसियां)। मणिपुर, मिजोरम और असम के बाद अब अरुणाचल प्रदेश। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश और दुनिया को यह संदेश दे दिया है कि भारत की मौजूदा सरकार की नीति और निर्णयों में पूर्वोत्तर राज्य प्राथमिकता पर हैं। अरुणाचल प्रदेश की धरती से पीएम मोदी ने कहा कि पूर्वोत्तर के राज्य अष्टलक्ष्मी हैं और सरकार उनके सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने स्थानीय नागरिकों से मिलकर स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अरुणाचल प्रदेश में 5,100 करोड़ से ज्यादा की इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं का शुभारंभ किया। इनमें दो बड़े जलविद्युत प्रोजेक्टतवांग में कन्वेंशन सेंटर और कनेक्टिविटी एवं स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाएं शामिल हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियां पूर्वोत्तर राज्यों के सर्वांगीण विकास और सशक्तिकरण के लिए हैं। उन्होंने पिछले कई वर्षों में पिछली सरकारों द्वारा अरुणाचल प्रदेश के विकास की अनदेखी की तुलना में केंद्र की उपलब्धियों को रेखांकित किया और कहा कि नेक नीयत के सही नतीजे अब दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2014 में जब देशवासियों ने उन्हें सेवा का अवसर दिया तो उन्होंने कांग्रेसी सोच से देश को मुक्त करने का संकल्प लिया। पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि उनकी प्रेरणा किसी राज्य में वोट और सीटों की संख्या से नहींबल्कि राष्ट्र को सर्वोपरि रखने की भावना से आती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रहित ही उनके हर फैसले की नींव है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने अरुणाचल दौरे को तीन कारणों से विशेष बताया। पहलानवरात्र के शुभ अवसर पर हिमालय की गोद में स्थित इस भूमि पर आकर मां शैलपुत्री का आशीर्वाद प्राप्त हुआ। दूसरादेश में नेक्स्ट जेन जीएसटी सुधार लागू हुए और जीएसटी बचत उत्सव  की शुरुआत हुईजिससे त्यौहारों के मौसम में जनता को डबल बोनस मिला। तीसराअरुणाचल प्रदेश में कई बड़े परियोजनाओं का उद्घाटन किया गयाजो राज्य के विकास को नई गति देंगे। पीएम मोदी ने कहा कि तवांग मठ से नमसाई तक अरुणाचल शांति और संस्कृति का अद्भुत संगम है और मां भारती का गौरव है। पीएम मोदी ने अरुणाचल को उगते सूरज की धरती बताते हुए कहा कि यहां का हर नागरिक शौर्य और शांति का प्रतीक हैजैसे तिरंगे का पहला रंग केसरिया हैवैसे ही अरुणाचल का रंग भी शौर्य का प्रतीक है।

कार्यक्रम में मौजूद सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कभी भी पूर्वोत्तर को राजनीति के तराजू में नहीं तोला। उन्होंने हमेशा यही कहा कि भारत तभी आगे बढ़ेगा जब नॉर्थ ईस्ट आगे बढ़ेगा। 2014 से पहले पूर्वोत्तर नकारात्मक कारणों से जाना जाता थालेकिन अब यह विकास का इंजन बनकर देश की प्रगति में योगदान दे रहा है।

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अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थानीय व्यापारियोंउद्योगपतियों और करदाताओं के साथ जीएसटी दरों में हालिया सुधारों के प्रभाव पर भी चर्चा की। पीएम ने व्यापारियों से सीधे बातचीत की और उनकी चिंताओं को सुना। यह बैठक एक सक्रिय संवाद के रूप में आयोजित की गईजिसमें व्यापारियों ने अपने अनुभव और सुझाव साझा किए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जीएसटी दरों के हालिया संशोधन से व्यापारियों और उद्योग पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने व्यापारियों को आश्वस्त किया कि सरकार उनकी समस्याओं को गंभीरता से ले रही है और आर्थिक गतिविधियों को सुचारू बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।

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इस अवसर पर पीएम मोदी ने व्यापारियों को गर्व से कहो ये स्वदेशी है के पोस्टर भी दिए। दुकानदारों ने खुशी जताई और कहा कि वे इन पोस्टरों को अपने दुकानों पर लगाकर स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देंगे। प्रधानमंत्री ने इस पहल को एक उत्सव का रूप देते हुए स्थानीय व्यापारियों और करदाताओं को राष्ट्रीय भावना से जोड़ने का प्रयास किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में यह कदम आवश्यक है। उन्होंने व्यापारियों को प्रेरित किया कि वे स्थानीय उत्पादों के उपयोग और प्रचार के माध्यम से आर्थिक सशक्तिकरण में योगदान दें। व्यापारियों ने कहा कि जीएसटी सुधारों से कीमतों और बिक्री पर असर पड़ेगालेकिन स्वदेशी उत्पादों के प्रचार से उनकी बिक्री में वृद्धि संभव है। पीएम मोदी ने व्यापारियों की राय को महत्व देते हुए कहा कि सभी सुझावों को नीति निर्माण में शामिल किया जाएगा।

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प्रधानमंत्री ने आज जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया, उनमें ताटो-विद्युत प्रोजेक्ट शामिल है। इसकी क्षमता 186 मेगावाट है। अरुणाचल प्रदेश सरकार और एनईईपीसीओ के संयुक्त प्रयास से 1,750 करोड़ रुपए की लागत ये यह प्रोजेक्ट विकसित होगा। यह परियोजना सालाना 802 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन करेगी। 240 मेगावाट क्षमता वाला हेओ प्रोजेक्ट भी इसी साझेदारी में 1,939 करोड़ रुपए की लागत से विकसित होगा और सालाना 1,000 मिलियन यूनिट बिजली देगा। ये दोनों प्रोजेक्ट्स राज्य की हाइड्रोइलेक्ट्रिक क्षमता बढ़ाकर क्षेत्रीय ऊर्जा सुरक्षा में अहम योगदान देंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने एक और योजना के तहत तवांग में 145.37 करोड़ रुपए की लागत से 1,500 लोगों की क्षमता वाला कन्वेंशन सेंटर भी लॉन्च किया। यह सेंटर वैश्विक मानकों के अनुसार बनाया जाएगा और पर्यटन व सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा। इसके अलावा पीएम ने स्वास्थ्यकनेक्टिविटी और फायर सेफ्टी जैसे विभिन्न सेक्टरों में 1,290 करोड़ रुपए से अधिक की अन्य परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया।

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