लखनऊ में बना ब्रह्मोस का ब्रह्मास्त्र
ब्रह्मोस मिसाइल की पहली खेप लखनऊ से रवाना
राजनाथ और आदित्यनाथ ने दिखाई हरी झंडी
रिकॉर्ड समय में तैयार, हर साल बनेंगी सौ मिसाइलें
लखनऊ, 18 अक्टूबर (एजेंसियां)। देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को लखनऊ स्थित ब्रह्मोस एयरोस्पेस इकाई में तैयार की गई ब्रह्मोस मिसाइलों की पहली खेप को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर तो बस पाकिस्तान के लिए एक ट्रेलर था। पाकिस्तान की एक-एक इंच जमीन ब्रह्मोस के दायरे में है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ब्रह्मोस की ताकत से अब पूरी दुनिया परिचित हो चुकी है। ब्रह्मोस केवल भारत की नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में अपने मित्र देशों की रक्षा करने का सबसे सटीक हथियार है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, भारत अपने सपने को भरोसे में बदलने की ताकत रखता है। इसी भरोसे ने हमें ऑपरेशन सिंदूर में ताकत दी। जीत हमारी आदत बन चुकी है। इस आदत को और मजबूत बनाना है। ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत दुनिया ने देखी। हर साल करीब 100 मिसाइल सिस्टम लखनऊ यूनिट से बनकर तैयार होगा। ब्रह्मोस जल सेना, थल सेना, वायु सेना की रीढ़ बन चुका है। राजधानी लखनऊ में शनिवार को आत्मनिर्भर भारत का एक नया अध्याय लिखा गया, जब ब्रह्मोस एयरोस्पेस लिमिटेड की लखनऊ इकाई में उत्पादित सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइलों के पहले बैच का फ्लैग ऑफ केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। भारत माता की जय के जयघोष के बीच जब मिसाइलों का पहला जत्था रवाना हुआ तो गौरव और देशभक्ति से वातावरण गूंज उठा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के प्रयास से ब्रह्मोस लखनऊ में विकसित हुआ है, जो देश की खुशहाली का माध्यम बना है। जब व्यक्ति सुरक्षित रहता है, तभी चैन की नींद सोता है। लखनऊ में बनी मिसाइल पूरे देशवासियों की सुरक्षा और समृद्धि की गारंटी है। उन्होंने कहा कि लखनऊ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया संकल्प को साकार करने का यह क्षण प्रफुल्लित करने वाला है। उन्होंने कहा कि यह मिसाइल न केवल भारत की सुरक्षा सुनिश्चित करती है, बल्कि दुनिया में अपने मित्र देशों की रक्षा करने का सबसे सक्षम हथियार भी है। ब्रह्मोस के माध्यम से भारत अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ-साथ मित्र राष्ट्रों की सुरक्षा जरूरतों को भी पूरा करने में सक्षम हो गया है। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।
सीएम योगी ने 2018 के पहले इन्वेस्टर्स समिट का जिक्र करते हुए कहा कि लखनऊ में ही प्रधानमंत्री ने दो डिफेंस मैनुफैक्चरिंग कॉरिडोर की घोषणा की थी, जिसमें से एक उत्तर प्रदेश को मिला। उत्तर प्रदेश के लखनऊ, कानपुर, आगरा, अलीगढ़, झां
सीएम योगी ने बताया कि आज डीजी ब्रह्मोस ने 40 करोड़ का जीएसटी चेक सौंपा है। हर वर्ष 100 ब्रह्मोस मिसाइल बनेंगी, जो बढ़कर 150 तक पहुंचेंगी, तो 150-200 करोड़ जीएसटी मिलेगा। यह आम के आम और गुठली के दाम जैसा है। लखनऊ की भूमि अब सोना उगल रही है। यह देश की सुरक्षा की पूर्ति कर रही है और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बना रही है। उन्होंने आवश्यकता पड़ने पर डीआरडीओ को और लैंड उपलब्ध कराने का आश्वासन भी दिया।
कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री ने बूस्टर भवन का भी उद्घाटन किया, जो ब्रह्मोस प्रोजेक्ट की क्षमता विस्तार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। साथ ही दोनों ने बूस्टर डॉकिंग प्रक्रिया का प्रदर्शन भी देखा। इसी क्रम में एयरफ्रेम और एवियोनिक्स, वारहेड भवन में पीडीआई (प्री डिस्पैच इंस्पेक्शन) तथा ब्रह्मोस सिमुलेटर उपकरणों का प्रेजेंटेशन भी दिखाया गया। इसके अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परिसर में ही रुद्राक्ष के पौधे का वृक्षारोपण भी किया। इस दौरान स्टोरेज ट्रॉली प्रदर्शन और मोबाइल ऑटोनॉमस लॉन्चर का प्रदर्शन भी हुआ। कार्यक्रम के दौरान डीजी (ब्रह्मोस) डॉ. जयतीर्थ आर. जोशी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक चेक और जीएसटी बिल सौंपा।
लखनऊ के भटगांव स्थित ब्रह्मोस एयरोस्पेस लिमिटेड का उद्घाटन 11 मई 2025 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया था। लखनऊ की यह यूनिट डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर योजना का हिस्सा है, जो 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में शुरू की गई थी। इस इंटीग्रेशन और टेस्टिंग फैसिलिटी को लगभग 300 करोड़ रुपए की लागत से 80 हेक्टेयर क्षेत्र में बनाया गया है। इसका शुरुआती लक्ष्य हर साल 80 से 100 मिसाइलें तैयार करना है, जिसे बाद में 150 तक बढ़ाया जा सकता है।
ब्रह्मोस मिसाइल भारत के डीआरडीओ और रूस की कंपनी के संयुक्त उपक्रम से बनती है। यह दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों में से एक है। इसे जमीन, समुद्र और हवा, तीनों प्लेटफॉर्म से दागा जा सकता है। इस साल की शुरुआत में, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पहली बार ब्रह्मोस मिसाइल का इस्तेमाल वास्तविक युद्ध में किया था। भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली को भेदते हुए उनके फौजी ठिकानों पर सटीक प्रहार किए थे। इस कार्रवाई में स्कर्दू, भोलारी, जैकबाबाद और सरगोधा के एयरबेस को भारी नुकसान पहुंचा था। यह मिसाइल अपनी अत्यधिक गति और सटीकता के लिए जानी जाती है।
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