काशी के घाट पर संगीत, नृत्य और लोक कलाओं का सजेगा मंच

एक से चार नवंबर तक होगा काशी गंगा महोत्सव

काशी के घाट पर संगीत, नृत्य और लोक कलाओं का सजेगा मंच

वाराणसी28 अक्टूबर (एजेंसियां)। देव दीपावली से पहले काशी के घाटों पर संगीतनृत्य व लोक कलाओं की संगीतमय सरिता बहेगी। मां जान्हवी के पावन तट पर इस वर्ष गंगा महोत्सव का आयोजन 1 से 4 नवम्बर तक किया जाएगा। योगी सरकार के प्रयास से राजघाट पर देशभर के नामचीन कलाकार अपनी प्रस्तुति देकर काशी की इस सांस्कृतिक परंपरा को और भव्य बनाएंगे जिनमें शास्त्रीयभक्ति तथा लोक संगीत का अद्भुत संगम दिखाई देगा। इस महोत्सव में गायक हंसराज रघुवंशी अपने भजनों से श्रोताओं को भक्ति रस से ओत-प्रोत करेंगे। वहींपद्मश्री मालिनी अवस्थी अपने लोक गायन से उत्तर भारत की लोक परंपराओं को जीवंत करेंगी। पद्मश्री गीता चन्द्रन का भरतनाट्यम नृत्य भी कार्यक्रम का विशेष आकर्षण रहेगा। वहींनमो घाट पर काशी सांसद सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रतियोगिता के प्रमुख कलाकार भी अपनी प्रस्तुति देंगे।

संयुक्त निदेशक पर्यटन दिनेश कुमार ने बताया कि चार दिवसीय इस उत्सव में गीतसंगीतनृत्य और वादन की गंगा बहेगी। गंगा महोत्सव के मंच पर लोक और शास्त्रीय संगीत की स्वर लहरियां गूंजेंगी तो साथ ही पारंपरिक नृत्य शैलियों की झलक भी देखने को मिलेगी। महोत्सव में विशेष रूप से गायक हंसराज रघुवंशी आयोजन के अंतिम दिन अपने भजनों से श्रद्धा और भक्ति का भाव जगाएंगे। वहींपद्मश्री मालिनी अवस्थी 3 नवंबर को लोक गायन से काशी की धरती पर उत्तर भारत की लोक परंपराओं को सजीव करेंगी। इसके अतिरिक्त2 नवंबर को पद्मश्री गीता चंद्रन भरतनाट्यम की प्रस्तुति देंगी। गंगा महोत्सव के अंतर्गत होने वाली प्रस्तुतियां शाम 4 बजे से शुरू होंगी।

एक नवंबर को पं. माता प्रसाद मिश्र एवं पं. रविशंकर मिश्र कथक युगल नृत्यकविता मोहंती ओडिसी नृत्यविदुषी श्वेता दुबे गायनविदुषी कमला शंकर स्लाइड गिटारडॉ. रिपि मिश्र शास्त्रीय गायनडॉ. दिवाकर कश्यप एवं डॉ. प्रभाकर कश्यप उपशास्त्रीय गायनरवि शर्मा एवं समूह ब्रज लोक नृत्य एवं संगीत और पं नवल किशोर मल्लिक शास्त्रीय गायन प्रस्तुत करेंगे। दो नवंबर को शिवानी शुक्ला गायनप्रवीण उद्भव तालयात्राराजकुमार तिवारी उर्फ राजन तिवारी गायनडॉ. अर्चना आदित्य महास्कर गायनसवीरसाकार कलाकृति पारम्परिक लोक नृत्यवंदना मिश्रा गायनपं. साहित्य नाहर एवं पं. संतोष नाहर सितार एवं वायलिन जुगलबंदीओम प्रकाश भजन गायन और पद्मश्री गीता चन्द्रन भरतनाट्यम प्रस्तुत करेंगी। तीन नवंबर को मीना मिश्रा गायनविशाल कृष्ण कथक नृत्यदिव्या शर्मा हिंदुस्तानी खयाल गायकीराकेश कुमार जनजातीय लोक नृत्यइंदु गुप्ता लोक गायनचेतन जोशी बांसुरी वादनविदुषी कविता द्विवेदी ओडिसी नृत्य और पद्मश्री मालिनी अवस्थी लोक गायन प्रस्तुत करेंगी। चार नवंबर को डॉ. शुभांकर डे गायनडॉ. प्रेम किशोर मिश्र एवं साथी-सितारसरोद जुगलबंदी एवं गायनराहुल रोहित मिश्र शास्त्रीय गायनरूपन सरकार सामंत शास्त्रीय गायनवासुमती बद्रीनाथन शास्त्रीय गायनशिवानी मिश्रा कथक समूह नृत्यमानसी रघुवंशी गायन और हंसराज रघुवंशी भजन गायन प्रस्तुत करेंगे।

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