मंत्री प्रियांक खड़गे और असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के बीच सोशल मीडिया पर जुबानी जंग जारी

मंत्री प्रियांक खड़गे और असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के बीच सोशल मीडिया पर जुबानी जंग जारी

बेंगलूरु / शुभलाभ ब्यूरो। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और कर्नाटक के आईटी-बीटी मंत्री प्रियांक खड़गे के बीच सोशल मीडिया पर जुबानी जंग मंगलवार को भी जारी रही, जहाँ खड़गे ने सरमा की टिप्पणियों को राजनीतिक रूप से उन्मादी करार दिया।

सेमीकंडक्टर कंपनियों के स्थान को लेकर शुरू हुआ यह विवाद पिछले कुछ दिनों में कई मोड़ ले चुका है। सरमा द्वारा मार्च 2024 में पोस्ट की गई एक एक्स पोस्ट का हवाला देते हुए, खड़गे ने बताया कि सरमा ने खुद स्वीकार किया है कि बेंगलुरु में हज़ारों असमियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।

खड़गे ने एक्स पर लिखा — “प्रिय मुख्यमंत्री, मुझे उम्मीद है कि आपको पिछले साल असम में प्रतिभाओं के बारे में की गई अपनी टिप्पणी याद होगी। आपके अपने कथन के अनुसार, हज़ारों असमियों को बेंगलुरु में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मुझे खुशी है कि कर्नाटक का पारिस्थितिकी तंत्र असम के युवाओं का समर्थन करने में सक्षम है। राजनीतिक उन्मादी टिप्पणियों के बजाय एक साधारण धन्यवाद ही काफी होता।”

मंत्री की यह तीखी प्रतिक्रिया सोमवार को मीडिया द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में सरमा द्वारा उन्हें ‘प्रथम श्रेणी का मूर्ख’ कहे जाने के बाद आई है।

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यह सब तब शुरू हुआ जब खड़गे ने एक मीडिया हाउस को बताया कि केंद्र सरकार कर्नाटक के लिए निर्धारित निवेश को असम और गुजरात — जो दोनों भाजपा शासित राज्य हैं — में स्थानांतरित करने के लिए सेमीकंडक्टर कंपनियों पर दबाव डाल रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या दोनों राज्यों में ऐसे उद्योगों के लिए पर्याप्त प्रतिभा है।

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जवाबी कार्रवाई में, सरमा ने आरोप लगाया कि खड़गे ने असम के युवाओं का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि यह बयान असम के युवाओं की योग्यता पर सवाल उठाने जैसा है।

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इस पर खड़गे ने पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा उनके शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका बयान असम या गुजरात के युवाओं की क्षमता को लेकर नहीं, बल्कि केंद्र सरकार द्वारा औद्योगिक निवेशों में पक्षपातपूर्ण रवैये पर था।

खड़गे ने आगे कहा कि भाजपा के एक दशक के शासन के बाद भी असम शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक विकास के सूचकांकों में सबसे नीचे के पाँच राज्यों में शामिल है। उन्होंने सवाल किया कि अगर असम के युवा इतने प्रतिभाशाली हैं तो वे अपने राज्य को छोड़कर नौकरी के लिए बाहर क्यों जा रहे हैं।

कांग्रेस के संचार प्रमुख रमेश बाबू ने भी खड़गे का समर्थन करते हुए कहा कि सरमा की टिप्पणियाँ कर्नाटक, कन्नड़ और दलित समाज का अपमान हैं।

27 अक्टूबर को भाजपा के आईटी विभाग के प्रभारी अमित मालवीय ने भी खड़गे पर निशाना साधा और कहा कि उनके कार्यकाल में कर्नाटक गूगल के 15 अरब डॉलर के डेटा सेंटर निवेश से वंचित रह गया है, जो अब विशाखापट्टनम को मिला है।

खड़गे ने जवाब दिया कि गुजरात को सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग पारिस्थितिकी तंत्र मिलने का एकमात्र कारण प्रधानमंत्री की राजनीतिक प्राथमिकताएँ हैं। उन्होंने कहा कि “वंशवाद वाला तंज अब पुराना पड़ चुका है — असली मुद्दा यह है कि किसे अवसर दिए जा रहे हैं और क्यों।”

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