एचएएल और रूस की यूएसी ने नागरिक जेट एसजे-100 के उत्पादन के लिए हाथ मिलाया
बेंगलूरु / शुभलाभ ब्यूरो| हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और रूस की यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन (यूएसी) ने नागरिक कम्यूटर विमान एसजे-100 के उत्पादन के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं|
एसजे-100 एक दोहरे इंजन वाला, संकीर्ण बॉडी वाला विमान है और अब तक २०० से ज़्यादा विमानों का उत्पादन किया जा चुका है और १६ से ज़्यादा वाणिज्यिक एयरलाइन ऑपरेटरों द्वारा इनका संचालन किया जा रहा है| एचएएल ने कहा कि एसजे-१०० भारत में उड़ान योजना के तहत छोटी दूरी की कनेक्टिविटी के लिए एक क्रांतिकारी बदलाव साबित होगा| इस व्यवस्था के तहत, एचएएल के पास घरेलू ग्राहकों के लिए एसजे-100 विमान बनाने का अधिकार होगा| एचएएल और यूएसी के बीच यह सहयोग दोनों संगठनों के बीच आपसी विश्वास का परिणाम है| यह भारत में एक पूर्ण यात्री विमान के उत्पादन का पहला उदाहरण भी होगा| एचएएल ने कहा, "ऐसी आखिरी परियोजना एचएएल द्वारा एवरो एचएस-748 का उत्पादन था, जो 1961 में शुरू हुआ और 1988 में समाप्त हुआ| इसमें आगे कहा गया है कि अनुमान है कि अगले 10 वर्षों में, भारतीय विमानन क्षेत्र को क्षेत्रीय संपर्क के लिए इस श्रेणी के २०० से अधिक जेट विमानों और हिंद महासागर क्षेत्र में आस-पास के अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थलों की सेवा के लिए अतिरिक्त 350 विमानों की आवश्यकता होगी|
बेंगलुरु स्थित सार्वजनिक उपक्रम ने कहा, एसजे-100 विमान का निर्माण भारतीय विमानन उद्योग के इतिहास में एक नए अध्याय की शुरुआत है| यह नागरिक उड्डयन क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने की दिशा में एक कदम है| विनिर्माण से निजी क्षेत्र भी मजबूत होगा और विमानन उद्योग में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे| इस समझौता ज्ञापन पर 27 अक्टूबर, 2025 को मास्को, रूस में एचएएल के प्रभात रंजन और यूएसी के ओलेग बोगोमोलोव ने हस्ताक्षर किए|

