बेंगलुरू में राजनीतिक भूचाल: मेयर पर अविश्वास प्रस्ताव, बीजेपी–कांग्रेस आमने-सामने

नगर निगम में संख्या बल की जंग तेज, दोनों दलों ने अपने पार्षदों को ‘रिसॉर्ट पॉलिटिक्स’ में भेजा

बेंगलुरू में राजनीतिक भूचाल: मेयर पर अविश्वास प्रस्ताव, बीजेपी–कांग्रेस आमने-सामने

बेंगलुरु, 3 दिसम्बर,(एजेंसियां)। बेंगलुरू की राजनीति में मंगलवार को बड़ा उलटफेर तब देखने को मिला जब सत्ताधारी गठबंधन के भीतर बढ़ते मतभेदों के बीच मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया गया। प्रस्ताव पेश होते ही बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दल सक्रिय हो गए और अपने-अपने पार्षदों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाकर ‘रिसॉर्ट पॉलिटिक्स’ का दौर शुरू कर दिया।

सूत्रों के मुताबिक, अविश्वास प्रस्ताव कांग्रेस समर्थित पार्षदों के एक गुट ने दिया है, जो मेयर पर फंड वितरण में भेदभाव, विकास कार्यों में देरी और कुछ ठेकों में अनियमितताओं के आरोप लगा रहा है। बीजेपी ने इस राजनीतिक संकट को अपना मौका मानते हुए अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन संकेत दिया है ताकि निगम में सत्ता समीकरण बदला जा सके।

कांग्रेस नेतृत्व ने इसे “बीजेपी द्वारा प्रायोजित अस्थिरता” करार दिया है और कहा है कि विपक्ष सिटी कॉर्पोरेशन में स्थिर प्रशासन नहीं चाहता। वहीं बीजेपी का दावा है कि “मेयर की कार्यशैली के कारण शहर का विकास रुका हुआ है और पार्षद स्वयं असंतुष्ट हैं।”

स्थिति को संभालने के लिए दोनों दलों ने अपने पार्षदों को शहर से बाहर एक-एक रिसॉर्ट में ठहराया है, जिससे किसी भी ‘क्रॉस वोटिंग’ की आशंका न रहे। पार्टी व्हिप भी जारी किए जा चुके हैं। इसी बीच, JD(S) ने अभी अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है, जिससे निगम में शक्ति संतुलन और पेचीदा हो गया है।

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अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग अगले सप्ताह होने की संभावना है और यह स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में बेंगलुरू की स्थानीय राजनीति बेहद गर्म रहने वाली है। यदि मेयर को बहुमत नहीं मिलता, तो शहर में नई राजनीतिक दलबंदी और प्रशासनिक फेरबदल तय माना जा रहा है।

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