आधिकारिक खुलासे के बावजूद आईएमएफ ने दिए 8479 करोड़

 ड्रग्स तस्करी से लेकर सारे जरायम धंधे में शामिल है पाकिस्तान

 आधिकारिक खुलासे के बावजूद आईएमएफ ने दिए 8479 करोड़

आतंकवाद की दोगली सुविधाजनक परिभाषा का खतरनाक नतीजा

नई दिल्ली, 12 मई (एजेंसियां)। पाकिस्तान आतंकवाद और नशीले पदार्थों की तस्करी समेत सभी जरायम धंधों में लिप्त है। इसकी आधिकारिक जानकारी होते हुए भी अंतरराष्ट्री मुद्रा कोष (आईएमएफ) और अमेरिका ने पाकिस्तान को वित्तीय सहायता प्रदान की। भारत ने ऋण पर एतराज जताते हुए पाकिस्तान के खराब ट्रैक रिकॉर्ड का हवाला भी दिया लेकिन पाकिस्तान इसे पाने में कामयाब रहा। आईएमएफ ने भारत के विरोध की अनदेखी करते हुए पाकिस्तान को 1 बिलियन डॉलर यानी 8479 करोड़ रुपए से ज्यादा लोन दिया है। भारत ने लोन पर एतराज जताते हुए पाकिस्तान के खराब ट्रैक रिकॉर्ड का हवाला दिया और कहा कि पाकिस्तान ने पहले भी जो आर्थिक सहायता प्राप्त की हैउसका उपयोग सही तरीके से नहीं किया है।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इसके बाद घोषणा की कि अमेरिका पाकिस्तान के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को बढ़ाएगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बयान भारत और पाकिस्तान के युद्ध विराम पर सहमत होने के लिए बधाई संदेश के साथ आयाजिसमें उन्होंने कहा कि अमेरिका दोनों देशों के साथ व्यापार बढ़ाएगा। यह उल्लेखनीय है कि ट्रंप पहले पाकिस्तान पर 9/11 हमले के मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन को छह साल तक शरण देने और अमेरिका को उसकी जानकारी न देने का आरोप लगा चुके हैं। इसके बावजूद पाकिस्तान को अमेरिका से बीते 15 वर्षों में लगभग 33 बिलियन डॉलर की आर्थिक सहायता मिलती रही है।

पाकिस्तान आतंकवादी संगठनों को समर्थन देता हैऔर आशंका है कि उसे मिलने वाली आर्थिक मदद का एक हिस्सा भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए करेगा। विडंबना यह है कि अमेरिकी न्याय विभाग ने पाकिस्तान से जुड़ी कंपनियों के एक नेटवर्क का भंडाफोड़ किया हैजिस पर खतरनाक सिंथेटिक ओपिओइड की शिपिंग और वैश्विक ऑनलाइन धोखाधड़ी करने का गंभीर आरोप है। यह खुलासा डलास स्थित ईवर्ल्डट्रेड नामक कंपनी से संबंधित है। इस कंपनी ने आइसोटोनिटाज़ीन और कार्फेंटानिल जैसे अत्यधिक शक्तिशाली सिंथेटिक ओपिओइड के वितरण में भूमिका निभाई। कार्फेंटानिल फेंटेनाइल से प्राप्त सबसे मजबूत सिंथेटिक ओपिओइड में से एक है। यह मॉर्फिन से 1000 गुना अधिक शक्तिशाली है। ये अमेरिका में नशीले पदार्थों से सबसे ज्यादा मौत के लिए जिम्मेदार हैं। जनवरी से जून 2023 के बीच37 राज्यों में कार्फेंटानिल से जुड़ी ओवरडोज़ होने के कारण मौत के 238 मामले दर्ज किए गए।

अदालती दस्तावेजों के अनुसार ईवर्ल्डट्रेड ज़नीम बिलवानी के नाम पर पंजीकृत थाजो कराचीपाकिस्तान में रहता है। बिलवानी एबटैच लिमिटेड नामक पाकिस्तानी आईटी और मार्केटिंग फर्म का निदेशक भी है। इस कंपनी को पहले ट्रेडमार्क पंजीकरण घोटालों में संलिप्तता के चलते यूएस पेटेंट एंड ट्रेडमार्क ऑफिस और गूगल द्वारा चिह्नित किया गया था। 2021 में एबटैच पर फाइलिंग फीस की अधिक वसूलीदस्तावेजों में हेरफेर कर धोखाधड़ी करने का आरोप लगा था। इसके बाद अमेरिकी अधिकारियों ने एबटैच पर प्रतिबंध लगा दिया था। कुछ समय बादएबटैच ने अपना नाम बदलकर इंटरसिस लिमिटेड कर लियालेकिन उसका कराची का पता वही रहा।

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जांच में खुलासा हुआ कि एबटैच और बदनाम पाकिस्तानी कंपनी एक्सैक्ट के बीच गहरा संबंध है। 2015 में एक्सैक्ट को फर्जी डिग्रियां बेचने और ब्लैकमेल पर आधारित जबरन वसूली की अंतरराष्ट्रीय योजनाएं चलाने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था। शुरुआती दौर में पाकिस्तानी अदालतों ने कई एक्सैक्ट अधिकारियों को गिरफ्तार कर दोषी ठहरायालेकिन रिपोर्टों के अनुसार इनमें से किसी ने भी अपनी सजा पूरी नहीं की। इनमें से कई ने बाद में एबटैच और अन्य मोर्चों के तहत धोखाधड़ी गतिविधियां फिर से शुरू कर दीं। अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ कॉलेजिएट रजिस्ट्रार्स एंड एडमिशन ऑफिसर्स ने रिपोर्ट में खुलासा किया है कि 2016 में पाकिस्तानी जज ने रिश्वत लेकर एक्सैक्ट के अधिकारियों को बरी करने की बात मानी।

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2021 मेंपाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (एफआईए)  ने अज़नीम बिलवानी और लगभग 50 अन्य लोगों पर एक घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगायाजिनमें से अधिकांश एबटैच से जुड़े थे। एफआईए के अनुसारकराची स्थित डिजिटोनिक्स लैब्सजिसे जुनैद मंसूर संचालित करता थाउसने जबरन वसूली और फर्जी प्रमाणपत्रों की बिक्री के जरिए हर महीने लगभग 2.5 मिलियन डॉलर यानी  21.18 करोड़ की कमाई की। कंपनी पर ट्रेडमार्क बनाने और फर्जीवाड़े के अन्य कई आरोप भी लगे। जांच में सामने आया कि ईबुक पब्लिशिंगमोबाइल ऐप डेवलपमेंटफिशिंग वेबसाइट्स और लोगो डिजाइन जैसी सेवाओं के नाम पर ग्राहकों से अग्रिम भुगतान लेकर धोखाधड़ी की जाती थीऔर बाद में उनकी जानकारी को बाहर लाने की धमकी देकर उन्हें ब्लैकमेल किया जाता था। इस घोटाले में जुनैद मंसूर के भाई कासिम मंसूर का भी नाम शामिल था। एफआईए ने यह भी बताया कि इन पाकिस्तानी कंपनियों के नेटवर्क ने दुनियाभर में लोगों को निशाना बनाया और उससे दर्जनों फ्रंट वेबसाइट्स संचालित की।

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अमेरिकी अदालत के दस्तावेजों और साइबर सुरक्षा शोधकर्ताओं द्वारा की गई जांच से यह सामने आया कि वही पाकिस्तानी आरोपित जिन्होंने एक्सैक्ट और एबटैच के संचालन को बढ़ायाउन्होंने ही टेक्सास में भी अपना कारोबार को बढ़ाया। रेट्रोक्यूब एलएलसी360 डिजिटल मार्केटिंग एलएलसीमैजेस्टिक घोस्टराइटिंग और इंटरसिस लिमिटेड जैसी कई कंपनियाँ 1910 पैसिफ़िक एवेन्यूडलास में एक ही पते से काम करती पाई गईं। इन कंपनियों में मुहम्मद बुरहान मिर्ज़ा और मुहम्मद सलमान यूसुफ जैसे एक्सैक्ट और एबटैच से जुड़े कई व्यक्ति शामिल थे। इन कंपनियों के खिलाफ धोखाधड़ीअनुबंध का उल्लंघन जैसे कई मुकदमे भी दायर किए गए थे। इन आरोपों में धोखाधड़ी वाली घोस्टराइटिंग सेवाएँअकादमिक धोखाधड़ी सेवाएं और अमेरिकी उपभोक्ताओं को धोखा देने के लिए बनाई गई अपसेलिंग योजनाएं शामिल थीं।

ईवर्ल्डट्रेड के आरोपों के अलावाजांचकर्ताओं ने यह भी पाया कि कराची स्थित वेबसाइट एक्सपोर्टहबडॉटकॉमजो उसी क्षेत्र से जुड़ी संस्थाओं द्वारा संचालित हैपर चीन और अन्य देशों के आपूर्तिकर्ताओं से फेंटेनाइल साइट्रेट की लाइव लिस्टिंग मौजूद थी। ट्रंप ने न केवल पाकिस्तान के साथ व्यापार बढ़ाने का वादा किया हैबल्कि उन्होंने कश्मीर पर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता के तरीकों को ढूंढ़ने की बात भी कही हैजिसे उन्होंने 1,000 साल पुराना संघर्ष बताया। हालांकि पाकिस्तान का गठन 1947 में हुआ थायानी 100 साल से भी कम समय पहले। पाकिस्तान से जुड़े नेटवर्कजो आइसोटोनीटाज़ीनकार्फेंटानिल और फेंटेनाइल साइट्रेट जैसे घातक सिंथेटिक ओपिओइड की तस्करी में लिप्त हैंएक बार फिर इस दुष्ट राष्ट्र के खतरनाक दोहरे खेल को उजागर करते हैं। इस्लामाबाद को आईएमएफ से लोन मिल रहा है। खुद अमेरिका में भी सैकड़ों मौतें ड्रग्स की वजह से हो रही है जिसका संचालन कराची स्थित एक्सैक्ट और एबटैच से जुड़ी संस्थाएं कर रही हैं।