रेवड़ी बांटने से नहीं होता सच्चा सशक्तिकरण
मुफ्त की सियासी रेवड़ी बांटने पर धनखड़ का प्रहार
नई दिल्ली, 13 मई (एजेंसियां)। देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रेवड़ी योजनाओं को लेकर तीखा कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि सच्चा सशक्तिकरण मदद करने से होता है, मुफ्त की चीजें और खैरात बांटने से नहीं। जब महिलाएं आगे आती हैं तो संतुलित आर्थिक विकास और सामाजिक वृद्धि होती है।
मेघालय के स्वयं सहायता समूह के सदस्यों के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति को मुफ्त चीजें देकर उसकी जेब भरना, सच्चा सशक्तीकरण नहीं है। सच्चा सशक्तिकरण वह है कि आप उस व्यक्ति का हाथ थाम लें ताकि वह व्यक्ति स्वयं सशक्त बन जाए। इससे खुशी मिलती है, संतुष्टि मिलती है, आपको आंतरिक शक्ति मिलती है और आपको अपने परिवार पर गर्व भी होता है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत का पूर्वोत्तर हमारा गहना है। 1990 के दशक में केंद्र सरकार की लुक ईस्ट नीति थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस नीति को एक अतिरिक्त आयाम दिया है - लुक ईस्ट से एक्ट ईस्ट। यह कार्रवाई भी बहुत प्रभावी ढंग से हुई है। मेघालय में पर्यटन, खनन, आईटी और सेवाओं के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने आर्थिक विकास और महिला सशक्तिकरण में राज्य की उपलब्धियों की सराहना की तथा इसका श्रेय केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर दूरदर्शी नेतृत्व को दिया। उन्होंने कहा कि यह दूरदर्शी नेतृत्व है जो अधिकारियों को सही दिशा में कार्य करने के लिए प्रेरित करता है। मेघालय की आर्थिक प्रगति की सराहना करते हुए धनखड़ ने कहा कि किसी राज्य की अर्थव्यवस्था सकल राज्य घरेलू उत्पाद से निर्धारित होती है। इसमें मेघालय में 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस दौरान मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा भी उपस्थित थे।

