केवल जनसंख्या के संबंध में होगा पुनः सर्वेक्षण: सिद्धरामैया
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| पिछड़ा वर्ग के लिए स्थायी आयोग द्वारा किए गए शैक्षणिक और सामाजिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट को प्रारंभिक रूप से स्वीकार कर लिया गया है| मुख्यमंत्री सिद्धरामैया ने स्पष्ट किया है कि केवल जनसंख्या से संबंधित जानकारी का ही पुनः सर्वेक्षण करने के लिए कदम उठाए जाएंगे| चिक्कबल्लापुर जिले के बोमसंद्रा गांव में हेलीपैड पर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि हाईकमान ने निर्देश दिया है कि जाति जनगणना को लेकर कुछ शिकायतें हैं| सर्वेक्षण किए हुए ९ साल हो गए हैं|
उन्होंने कहा कि ६०-७० दिनों में पुनः सर्वेक्षण किया जाएगा| हाईकमान के निर्देश से सिद्धरामैया निराश हैं या नहीं, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के बारे में मेरा निर्णय महत्वपूर्ण नहीं है| हाईकमान के निर्देशानुसार हम पुनः सर्वेक्षण करेंगे| जहां भी आवश्यक होगा, शैक्षणिक संस्थानों में अतिथि व्याख्याताओं की नियुक्ति की जा रही है| उनकी संख्या में वृद्धि की जाएगी| उनका मानदेय पहले ही बढ़ाया जा चुका है और आवश्यक सुविधाएं प्रदान की गई हैं| उन्होंने कहा कि हमने प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक शिक्षा को उच्च प्राथमिकता दी है|
देश में गरीबी कम होने का एकमात्र कारण भाजपा की नरेंद्र मोदी सरकार नहीं है| कांग्रेस गरीबी हटाओ कार्यक्रम चलाती रही है| उन्होंने कहा कि इससे गरीबी कम हो रही है| उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रवर्तन निदेशालय को कानून के अनुसार की गई किसी भी कार्रवाई पर कोई आपत्ति नहीं है| हम कानून के उल्लंघन का समर्थन नहीं करेंगे| चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास भगदड़ मामले में भाजपा राजनीति कर रही है| झूठ बोलना और लोगों को गुमराह करना और इस्तीफा मांगना आम बात हो गई है| कुंभ मेले में ४० से ५० लोगों की जान चली गई| क्या उन्हें तब इस्तीफा नहीं मांगना चाहिए था? प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन किया गया पुल उसी दिन गिर गया और १४० लोग मारे गए| क्या तब नरेंद्र मोदी से इस्तीफा मांगा गया था? जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब गोधरा कांड में हजारों लोग मारे गए थे| क्या मोदी ने इस्तीफा दिया? कोविड के दौरान ऑक्सीजन त्रासदी में २३ लोग मारे गए| क्या तब भाजपा के मुख्यमंत्री ने इस्तीफा दिया था? भाजपा राजनीति के लिए इस्तीफा मांग रही है| इसमें कोई सच्चाई नहीं है| घटना की जांच के लिए न्यायमूर्ति माइकल कुन्हा की अध्यक्षता में एक सदस्यीय आयोग का गठन किया गया है| उन्होंने कहा कि वे इस समय कोई बयान नहीं देंगे| उन्होंने कहा कि तुमकुरु जिले को बेंगलूरुउत्तर जिला घोषित करने के गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर के बयान की कैबिनेट बैठक में चर्चा के बाद समीक्षा की जाएगी| जलजीवन मिशन और कुसुम-सी परियोजनाओं में राज्य सरकार का हिस्सा ५० प्रतिशत है, जबकि केंद्र सरकार केवल ३० प्रतिशत दे रही है| लाभार्थियों को २० प्रतिशत वहन करना होगा| राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन परियोजना में भी हमारा हिस्सा बढ़ा है| हालांकि, उन्होंने इस बात पर असंतोष व्यक्त किया कि इन परियोजनाओं को प्रधानमंत्री की परियोजनाओं का नाम दिया गया है| उन्होंने कहा कि भले ही हमारा हिस्सा बढ़ा है, लेकिन हम किसानों और आम लोगों की भलाई के लिए केंद्र प्रायोजित परियोजनाओं को स्वीकार कर रहे हैं| येत्तिनाहोले परियोजना कब पूरी होगी, यह स्पष्ट रूप से कहना संभव नहीं है| परियोजना जिलों के मंत्रियों, विधायकों, सांसदों और सिंचाई विभाग के अधिकारियों की बैठक बुलाई गई है| १९ तारीख को कैबिनेट की बैठक है| उस दिन उचित निर्णय की घोषणा की जाएगी| उन्होंने कहा कि यह परियोजना करीब २ साल में पूरी हो सकती है| राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत है| हमने गारंटी योजनाओं में पैसा मुहैया कराया है| विकास योजनाओं के लिए अनुदान भी बढ़ाया है| पूंजीगत व्यय में ३१ हजार करोड़ रुपए की बढ़ोतरी की है| उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि राज्य सरकार दिवालिया नहीं है| चुनाव घोषणा पत्र में किए गए ५९३ वादों में से हमने १४३ पूरे कर दिए हैं| भाजपा ने केंद्र में ६०० वादे किए थे| जिनमें से १० प्रतिशत भी पूरे नहीं हुए हैं| इसलिए उन्होंने कहा कि जनता तय करे कि केंद्र और राज्य सरकार को कितने अंक देने हैं|

