मशरूम की खेती को मिल रहा यूपी में प्रोत्साहन

मशरूम की खेती से लेकर कारोबार तक में महिलाएं भी सक्रिय

 मशरूम की खेती को मिल रहा यूपी में प्रोत्साहन

लखनऊ28 जून (एजेंसियां)। योगी सरकार प्रदेश में मशरूम की खेती को भी प्रोत्साहन दे रही है। प्रदेशभर में इसके तहत विशेष अभियान चलाया जा रहा है। राजधानी लखनऊ समेत आठ जिलों में इस लाभकारी कारोबार ने रफ्तार भी पकड़ ली है। विशेष अभियान के तहत किसानों को मशरूम की खेती से जोड़कर न केवल रोजगार दिया जा रहा हैबल्कि उन्हें तकनीकी व वैज्ञानिक खेती की ओर भी अग्रसर किया जा रहा है।

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मशरूम की खेती केवल पुरुषों तक सीमित नहीं रहीअब महिलाएं भी इस क्षेत्र में मजबूती से कदम रख रही हैं। मथुरा की गीता देवी और हरदोई की सोनाली सभरवाल प्रदेश की महिलाओं के लिए नई प्रेरणा बन गई हैं। गीता देवी ने ढाई साल पहले मशरूम की खेती की शुरुआत की थी। उन्होंने योगी सरकार के सहयोग से 1 करोड़ 61 लाख रुपए के प्रोजेक्ट की नींव रखी। उन्हें 70 लाख रुपए का लोन मिला और आज मथुरा से लेकर आगरा और दिल्ली तक उनकी उगाई गई मशरूम की सप्लाई हो रही है। गीता देवी के इस प्रोजेक्ट से उन्हें हर साल 20 से 25 लाख रुपए तक की आय हो रही है। वे न केवल आसपास के लोगों के लिए बल्कि अन्य जिलों की महिलाओं के लिए भी प्रेरणास्रोत बन गई हैं। सोनाली सभरवाल ने भी हरदोई में मशरूम की खेती को एक मिशन के तौर पर अपनाया है और अन्य ग्रामीण महिलाओं को भी इसके लिए प्रेरित कर रही हैं।

जिन आठ जिलों में मशरूम की खेती से किसानों की अच्छी कमाई हो रही है, उनमें लखनऊमथुरासहारनपुरमिर्जापुरजौनपुरहरदोईरायबरेली और भदोही जिले शामिल हैं। राज्य सरकार तकनीकी और वैज्ञानिक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना और एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के जरिए किसानों को संसाधन और सहयोग दे रही है। इन योजनाओं से किसान न केवल पारंपरिक खेती से आगे बढ़ रहे हैंबल्कि हाई प्रॉफिट वाले एग्री बिजनेस को भी अपना रहे हैं। एआईएफ के तहत लाभार्थी ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। जिसमें केंद्र सरकार द्वारा 3 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 3 प्रतिशत ब्याज सहायता प्रदान की जा रही है। मशरूम उत्पादन को लेकर किसानों को ट्रेनिंगवर्कशॉप और फील्ड विजिट के जरिए पूरी तकनीकी जानकारी दी जा रही है। विशेषज्ञ टीमें किसानों को वैज्ञानिक पद्धति से खेती करने के लिए लगातार मार्गदर्शन कर रही हैं। इससे उत्पादकता बढ़ने के साथ-साथ किसानों की आमदनी में भी इजाफा हो रहा है। उत्तर प्रदेश में तकनीकी कृषि और महिलाओं की भागीदारी से अब खेती केवल जीविकोपार्जन का साधन नहींबल्कि आत्मनिर्भरता और समृद्धि का माध्यम बन चुकी है।

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