आनंद शर्मा ने कांग्रेस विदेश प्रकोष्ठ का अध्यक्ष पद छोड़ा

आनंद शर्मा ने कांग्रेस विदेश प्रकोष्ठ का अध्यक्ष पद छोड़ा

नई दिल्ली, 11 अगस्त (एजेंसियां)। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसीके विदेश प्रकोष्ठ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। शर्मा कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्लूसीके सदस्य बने रहेंगे। वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद शर्मा उस सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थेजिसने भारत के बड़े कूटनीतिक अभियान ऑपरेशन सिंदूर के तहत कई देशों का दौरा किया था।

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा एनसीपी (एसपी) सांसद सुप्रिया सुले के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। प्रतिनिधिमंडल में राजीव प्रताप रूड़ी (भाजपा)विक्रमजीत सिंह साहनी (आपा)मनीष तिवारी (कांग्रेस)अनुराग सिंह ठाकुर (भाजपा)लावु श्री कृष्ण देवरायलू (टीडीपी)बी मुरलीधरन (भाजपा) और कूटनीतिक विशेषज्ञ अकबरुद्दीन भी शामिल थे।

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने आनंद शर्मा के प्रति गहरा सम्मान और उनकी प्रशंसा की तथा विदेश मामलों में उनकी असाधारण समझ की सराहना की। कांग्रेस सांसद ने कहा कि वह और आनंद शर्मा ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल के एक ही समूह का हिस्सा थेजहां समूह के सदस्यों को शर्मा की समझ से काफी लाभ हुआ। मनीष तिवारी ने कहा, चार दशकों से भी ज्यादा समय तक आनंद शर्मा के साथ काम करने का सौभाग्य और सम्मान मिला। विदेश मामलों में उनकी समझ अद्भुत है। खासकर अफ्रीका के मामले में उनके ज्ञान की गहराई अत्यन्त तीक्ष्ण है। तिवारी ने कहा, चूंकि हम मई के अंत से जून 2025 की शुरुआत तक एक ही राजनीतिक-रणनीतिक प्रतिनिधिमंडल में साथ थेइसलिए हमें उनकी अंतर्दृष्टि से बहुत लाभ हुआ। उन्होंने अपने जीवन के लगभग साढ़े पांच दशक कांग्रेस की सेवा में बिताए हैं। हम उनके उनके स्वस्थ और संपूर्ण जीवन की कामना करते हैं।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नेता आनंद शर्माशशि थरूर और मनीष तिवारी ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थेजो विदेशों में गया था। हालांकिसंसद में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान कांग्रेस के वक्ताओं में ये लोग शामिल नहीं किए गए थे। मनीष तिवारी ने बहस में शामिल रहने के लिए पार्टी नेतृत्व से अनुरोध किया था, लेकिन उनका अनुरोध अस्वीकार कर दिया गया। शशि थरूर ने तो बहस में शामिल होने से ही मना कर दिया था। क्योंकि थरूर पूरी तरह से केंद्र सरकार के साथ थे। उस दौरान थरूर ने कई बयान भी दिए थेजो कांग्रेस पार्टी की लाइन के विपरीत थे।

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