भारतीय वायुसेना ने मांगे 114 फाइटर जेट

रूस से एसयू-57 लड़ाकू विमान खरीदने की हो रही डील

 भारतीय वायुसेना ने मांगे 114 फाइटर जेट

ऑपरेशन सिंदूर के बाद राफेल की भी बढ़ी मांग

नई दिल्ली, 11 अगस्त (एजेंसियां)। भारत सरकार एक तरफ रूस से पांचवीं जेनरेशन के एसयू-57 लड़ाकू विमान खरीदने की डील फाइनल कर रही है तो दूसरी तरफ भारतीय सेना एसयू-57 के साथ-साथ राफेल लड़ाकू विमानों की भी मांग कर रही है। ऑपरेशन सिंदूर में कारगर साबित होने के कारण भारतीय वायुसेना ने और राफेल लड़ाकू विमान खरीदे जाने की आवश्यकता जताई है। ऑपरेशन सिंदूर में राफेल ने स्काल्प क्रूज मिसाइलों और हैमर प्रेसिजन-गाइडेड हथियारों का इस्तेमाल करके आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद किया था।

उल्लेखनीय है कि अमेरिका के टैरिफ-दबाव के कारण भारत ने अमेरिका से एफ-35 लड़ाकू विमान खरीदने का निर्णय टाल दिया और रूस से एसयू-57 लड़ाकू विमान खरीदने का निर्णय लिया। रूस ने इस विमान की तकनीकी जानकारियां भी भारत से साझा करने की सहमति दे दी हैजिससे भारत में ही भविष्य में विमान का निर्माणउसकी मरम्मत और रखरखाव हो सकेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बौखलाहट यह बड़ी वजह है। एसयू-5 रूसी लड़ाकू विमानों की खरीद को मंजूरी ऐसे समय दी गईजब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इसी वर्ष भारत का दौरा करने वाले हैं।

भारत खुद भी स्वदेशी एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) के रूप में पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान बना रहा हैलेकिन इसके बनने और भारतीय वायुसेना में शामिल होने में कम से कम 8 से 10 साल लगेंगे। रूस ने पांचवीं जेनरेशन के एसयू-57 लड़ाकू विमान का ऑफर भारत को पहले से दे रखा है। रूस भारत को एसयू-57 लड़ाकू विमान की टेक्नोलॉजी ट्रांसफर करने के साथ साथ सोर्स-कोड भी सौंपने के लिए तैयार है। रूस ने भारत को यह ऑफर भी दिया है कि एसयू-57 खरीदने पर वो भारत के एएमसीए कार्यक्रम में तकनीकी मदद भी करेगा। एसयू-57 स्टील्थ फाइटर जेट को दुनिया के सबसे एडवांस फाइटर जेट्स में गिना जाता है। एसयू-57 दो-इंजन वाला मल्टी-रोल स्टील्थ जेट हैजो सुपरसोनिक स्पीडएडवांस्ड एवियोनिक्स और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर क्षमताओं से लैस है।

भारतीय वायुसेना राफेल विमान के लिए भी जल्द ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) से प्रारंभिक मंजूरी मांगेगी। अभी वायुसेना के पास 31 फाइटर स्क्वाड्रन (16-18 विमानों की टुकड़ी) हैंजो अगले महीने पुराने मिग-21 विमानों के रिटायर होने के बाद 29 तक सिमट जाएंगे। जबकि वायुसेना को 42.5 स्क्वाड्रन की जरूरत हैताकि वह पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसियों से एक साथ होने वाली चुनौतियों का सामना कर सके। इस कमी को पूरा करने के लिए वायुसेना चाहती है कि रूस से एसयू57 विमानों के साथ-साथ फ्रांस से और राफेल लड़ाकू विमान खरीदे जाएं। उल्लेखनीय है कि रूस के एसयू-57 पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान हैंजबकि राफेल 4.5वीं पीढ़ी के।

Read More चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुई भगदड़ की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को लेनी चाहिए: विजयेन्द्र

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने चीनी मूल के जे-10 लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल कियाजो पीएल-15 मिसाइलों से लैस थे। ये मिसाइलें 200 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तक मार कर सकती हैं। इसके अलावा खबर है कि चीन जल्द ही पाकिस्तान को 40 जे-35 स्टील्थ फाइटर जेट्स देने वाला हैजो पांचवीं पीढ़ी के अत्याधुनिक विमान हैं। दूसरी ओर भारत के पास अभी पांचवीं पीढ़ी का कोई विमान नहीं है। राफेल 4.5वीं पीढ़ी का हैजो भारत का सबसे आधुनिक विमान है।

Read More पर विपक्षी दलों की एक भी आपत्ति नहीं आई

मल्टी रोल फाइटर (एमआरएफ) प्रोजेक्ट के तहत 114 नए विमान खरीदे जाने हैं। यह प्रस्ताव पिछले 7-8 वर्षों से अंटका हुआ है। इसके अलावा भारत के पास अभी पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट्स नहीं हैंजबकि पाकिस्तान को चीन से ऐसे विमान मिलने वाले हैं। भारत का अपना एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) 2035 तक तैयार होगा। रूस से सुखोई-57 मिलने के लिए भी भारतीय वायुसेना को इंतजार करना पड़ेगा। वायुसेना चाहती है कि मल्टी रोल फाइटर की मांग जल्द से जल्द पूरी हो। नौसेना को भी 2028-2030 तक 26 राफेल-मरीन विमान मिलने वाले हैंजो आईएनएस विक्रांत विमानवाहक पोत से ऑपरेट करेंगे।

Read More आंतरिक आरक्षण निर्णय के बाद मेडिकल कॉलेजों में रिक्तियां भरी जाएंगी: शरण प्रकाश पाटिल

Tags: