पीएमएफएमई परियोजना में कर्नाटक की अभूतपूर्व प्रगति: मंत्री चालुवरायस्वामी

पीएमएफएमई परियोजना में कर्नाटक की अभूतपूर्व प्रगति: मंत्री चालुवरायस्वामी

बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम (पीएमएफएमई) योजना कर्नाटक की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है| केंद्र और राज्य सरकारों के संयुक्त उद्यम, इस योजना के अंतर्गत, राज्य सरकार अतिरिक्त १५ प्रतिशत सब्सिडी प्रदान कर रही है, जबकि सूक्ष्म उद्यमियों को ५० प्रतिशत या अधिकतम १५ लाख रुपये की ऋण-आधारित सब्सिडी मिल रही है| इसमें ६ लाख रुपये की केंद्रीय सब्सिडी और ९ लाख रुपये की राज्य सब्सिडी शामिल है|

कर्नाटक के कृषि मंत्री एन. चालुवरायस्वामी के नेतृत्व और कर्नाटक राज्य कृषि उत्पाद प्रसंस्करण एवं निर्यात निगम लिमिटेड (केएसईएपीसी) के प्रबंध निदेशक सी.एन. शिवप्रकाश के अथक प्रयासों, जो इस योजना की सफलता के लिए जिम्मेदार हैं, की उद्यमियों और किसानों द्वारा व्यापक रूप से सराहना की गई है| पिछले पाँच वर्षों में पीएमएफएमई योजना के अंतर्गत ऋण स्वीकृति में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है| २०२१-२२ में कुल २५९ ऋण स्वीकृत किए गए, जो २०२२-२३ में बढ़कर १८१३, २०२३-२४ में १,९९७, २०२४-२५ में २३२१ और २०२५-२६ की पहली तिमाही में ३१४ हो गए| दूसरी तिमाही में अगस्त के अंत तक ३९० ऋण स्वीकृत किए जा चुके हैं| इसने ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने, पलायन रोकने और किसानों की उपज का मूल्यवर्धन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है|

मुख्यमंत्री ने २०२५-२६ के अपने बजट भाषण में राज्य में अतिरिक्त ५००० लघु खाद्य प्रसंस्करण उद्यम स्थापित करने का लक्ष्य घोषित किया है, जिसके लिए २०६ करोड़ रुपये का अनुदान प्रदान किया गया है| राज्य इस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है और केपीईसी कृषि मंत्री चेलुवरायस्वामी के मार्गदर्शन में इस परियोजना को कुशलतापूर्वक क्रियान्वित कर रहा है| केपीईसी इस परियोजना के लिए राज्य नोडल एजेंसी के रूप में कार्य कर रही है और प्रबंध निदेशक सी.एन. शिवप्रकाश के नेतृत्व में इसने कई अभिनव कदम उठाए हैं| चालू वित्तीय वर्ष (२०२५-२६) की शुरुआत से ही परियोजना के कार्यान्वयन में तेजी आई है और जिला प्रभारी मंत्री के नेतृत्व में जिलेवार जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं|

ऐसे कार्यक्रम १९ जिलों में पहले ही आयोजित किए जा चुके हैं और प्रत्येक कार्यक्रम में ३००-४०० संभावित उद्यमियों और किसानों ने भाग लिया है और आवेदन जमा करने के लिए आगे आए हैं| केपीईसी ने हाल ही में उद्यमियों की मदद के लिए ८९ जिला संसाधन व्यक्तियों की नियुक्ति की है और १०० और लोगों की नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है| हेल्पलाइन केंद्र, बैंकिंग सलाहकार प्रकोष्ठ (३ कुशल विशेषज्ञों के साथ), अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों के लिए विशेष अभियान और अलग हेल्पलाइन केंद्र स्थापित किए गए हैं|

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सभी प्रमुख बैंकों के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठकें की गई हैं और बैंक में लंबित आवेदनों के शीघ्र निपटान के लिए कदम उठाए गए हैं| ये सभी प्रयास सी.एन. शिवप्रकाश की दूरदर्शिता और समर्पण के कारण इस योजना की प्रगति दोगुनी हो गई है| इस योजना के तहत स्थापित की जा रही इकाइयाँ मुख्य रूप से अनाज इकाइयाँ, स्वस्थ गन्ना तेल इकाइयाँ, गुड़ उत्पादन इकाइयाँ और शुद्ध मसाले हैं| ये खाद्यान्न के घटक हैं| ये रेशे, प्रोटीन, विटामिन और खनिज युक्त उत्पाद उत्पन्न करते हैं और नागरिकों के स्वास्थ्य में योगदान करते हैं| यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढाँचे का निर्माण कर रही है और किसानों को उनकी उपज का अच्छा मूल्य दिला रही है|

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