यूपी का रक्षा उद्योग ढांचा और निवेश बन रहा विकास का आधार

अबतक 45 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव, 15 लाख करोड़ धरातल पर

यूपी का रक्षा उद्योग ढांचा और निवेश बन रहा विकास का आधार

रक्षा उद्योग कॉरिडोर में अबतक 28 हजार करोड़ से अधिक का निवेश

लखनऊ, 11 सितंबर (एजेंसियां)। उत्तर प्रदेश अगले 22 वर्षों में एक नए औद्योगिक और सामरिक अवतार में उभरने की ओर अग्रसर है। निवेश और रक्षा उद्योग दो ऐसे स्तंभ हैंजो न केवल उत्तर प्रदेश की समृद्धि बल्कि पूरे देश की आत्मनिर्भरता का आधार बनेंगे।

2017 से पहले उत्तर प्रदेश निवेश और उद्योग के क्षेत्र में पिछड़े राज्यों में गिना जाता था। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की स्थिति बेहद सीमित थी और रक्षा क्षेत्र में निजी भागीदारी लगभग नगण्य थी। न तो निवेशकों को सुरक्षित वातावरण मिलता था और न ही पर्याप्त नीति समर्थन। बीते साढ़े आठ साल में यूपी ने निवेश के क्षेत्र में ऐतिहासिक छलांग लगाई है। प्रदेश को अब तक 45 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैंजिनमें से 15 लाख करोड़ रुपए से अधिक को धरातल पर उतारा जा चुका है। इसके परिणामस्वरूप 60 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार और लाखों परिवारों को स्वरोजगार मिला है।

फरवरी 2024 में आयोजित ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के दौरान ही 10 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों का क्रियान्वयन शुरू हुआ। यूपी ने उद्यमियों के लिए 33 सेक्टोरल नीतियां लागू कीं और ‘निवेश मित्र’ जैसे डिजिटल प्लेटफार्म को शुरू कियाजो देश का सबसे कुशल सिंगल विंडो पोर्टल बन चुका है। प्रदेश में टेक्सटाइललेदरप्लास्टिकपरफ्यूमकेमिकल और फार्मा पार्क तेजी से विकसित हो रहे हैं। हरदोई-कानपुर में लेदर क्लस्टरगोरखपुर में प्लास्टिक पार्क और कन्नौज में परफ्यूम पार्क प्रदेश को उद्योग का नया हब बना रहे हैं। आज यूपी देश का सबसे बड़ा एमएसएमई केंद्र हैजहां 96 लाख से अधिक एमएसएमई इकाइयां कार्यरत हैं।

फरवरी 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर ने यूपी को सामरिक मजबूती का केंद्र बना दिया है। आगराअलीगढ़कानपुरलखनऊझांसी और चित्रकूट में स्थापित छह नोड्स पर तेजी से काम हो रहा है। यूपी में अब तक 170 से अधिक एमओयू साइन हुए हैंजिनसे 28 हजार करोड़ रुपए से अधिक का निवेश और 4600 से अधिक रोजगार का वादा है। इनमें अदाणीएआर पॉलिमरवैरिविन डिफेंसएमिटेक इंडस्ट्रीज़ और ब्रह्मोस जैसी नामचीन डिफेंस सेक्टर की कंपनियां कार्य शुरू कर चुकी हैं। जैसेकानपुर में बुलेटप्रूफ जैकेट और आधुनिक सैन्य सामग्री का उत्पादन हो रहा है। अलीगढ़ में स्मॉल आर्म्स और राडार तकनीक पर काम चल रहा है। सबसे बड़ी उपलब्धि हैलखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल का उत्पादनजो प्रदेश को वैश्विक स्तर पर रक्षा उत्पादन का हब बनाएगा।

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सरकार ने रक्षा क्षेत्र को मजबूत करने के लिए आईआईटी कानपुर और आईआईटी बीएचयू से समझौता किया है। यह संस्थान रक्षा निवेशकों को अनुसंधान एवं विकासस्टार्टअप्स को इनक्यूबेशन और नई तकनीक उपलब्ध कराने में मदद कर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट विजन है कि यूपी को मैन्युफैक्चरिंग एक्सपोर्ट और एफडीआई में देश में प्रथम स्थान दिलाना है। 2047 तक यूपी में फॉर्च्यून ग्लोबल 500 की कम से कम 5 कंपनियां मुख्यालय स्थापित करेंइसके लिए रणनीतिक स्तंभ तय किए गए हैंइनमें एयरोस्पेसडिफेंस प्रोडक्शनअपैरलईवी और सेमीकंडक्टर सेक्टर को सबसे अधिक वरीयता दी जा रही है।

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फिलहाल यूपी की जीएसडीपी करीब 353 बिलियन डॉलर है। लक्ष्य है कि 2030 तक इसे वन ट्रिलियन डॉलर, 2036 तक दो ट्रिलियन डॉलर और 2047 तक छह ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचना है। इसके लिए प्रदेश को 16 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर बनाए रखनी होगी। इसमें निवेश और रक्षा उद्योग दोनों प्रमुख आधार स्तंभ होंगे।

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