ऑपरेशन सिंदूर में हमने गिराए पाकिस्तान के 10 विमान
वायुसेना दिवस पर एयर चीफ मार्शल एपी सिंह का बेबाक बयान
हमने न तो अमेरिकी एफ-16 को बख्शा न चीनी जेएफ-17 को
विश्व के नक्शे में रहना है तो आतंकवाद रोकें: जनरल द्विवेदी
नई दिल्ली, 03 अक्टूबर (एजेंसियां)। भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह ने पाकिस्तान के सफेद झूठ का पर्दाफाश करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना के हवाई हमलों में पाकिस्तान के चार से पांच लड़ाकू विमान तबाह हुए। इनमें पाकिस्तान के अत्याधुनिक एफ-16 लड़ाकू विमान भी शामिल थे। 93वें वायुसेना दिवस पर बोलते हुए एयर चीफ मार्शल ने पाकिस्तान के दावों को मनोहर कहानियां बताया। वायुसेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के कई एयरबेस को निशाना बनाया और उनके रडार, कमांड सेंटर, हैंगर आदि को ध्वस्त किया। वायुसेना प्रमुख ने कहा, हमारे पास सबूत हैं कि पाकिस्तान का एक सी-130 श्रेणी का विमान, उसके कम से कम चार से पांच लड़ाकू विमान, जिनमें एफ-16 शामिल हैं और एसएएम सिस्टम को भी तबाह किया गया।
वायुसेना प्रमुख एपी सिंह ने कहा, हमारी सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों ने पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों को उनके अपने क्षेत्र में भी उड़ने नहीं दिया था। यह इतिहास में दर्ज हुआ कि हमने पाकिस्तान में 300 किलोमीटर भीतर तक हमला किया। इसके चलते पाकिस्तान कोई हिमाकत नहीं कर सका। वायुसेना प्रमुख बोले, हम देख रहे हैं कि दुनिया में क्या हो रहा है। दो युद्ध चल रहे हैं और हाल-फिलहाल उनके खत्म होने की कोई चर्चा नहीं है, लेकिन हमने पाकिस्तान को उस स्थिति में पहुंचा दिया, जहां वह संघर्ष विराम के लिए गिड़गिड़ाए और हमले रोकने की मांग करे। हमने एक राष्ट्र के तौर पर फैसला करते हुए हमले रोके क्योंकि हम जो चाहते थे, हम वो कर चुके थे। मुझे लगता है कि ये कुछ ऐसा है, जो दुनिया को हमसे सीखना चाहिए।
ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को हुए नुकसान की जानकारी देते हुए वायुसेना प्रमुख ने कहा कि जहां तक ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को हुए नुकसान की बात है, हमने उनके कई एयरफील्ड और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। हमारे हमलों के चलते उनके कम से कम चार रडार्स, दो कमांड और कंट्रोल सेंटर, दो जगहों पर रनवे, तीन अलग-अलग जगहों पर स्थित उनके हैंगर्स को नुकसान पहुंचाया। हमारे पास सबूत हैं कि उनका एक सी-130 श्रेणी का विमान, कम से कम चार से पांच लड़ाकू विमान, जिनमें एफ-16 शामिल हैं, इनके साथ ही एक एसएएम सिस्टम को भी तबाह किया गया। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान के एयरबेस के तीन हैंगर पर भी अटैक किया था, जिसमें उसके करीब 4 से 5 एयरक्राफ्ट तबाह हो गए। इसमें अमेरिका निर्मित एफ-16 और चीन निर्मित जेएफ-17 शामिल हैं।
एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा कि जमीन पर 4 से 5 F-16 लड़ाकू विमान नष्ट कर दिए गए क्योंकि भारत ने रडार सिस्टम, कमांड और नियंत्रण केंद्रों, रनवे और हैंगरों पर सटीक हमले किए। उन्होंने यह भी कहा कि लड़ाकू विमानों के अलावा जमीन पर ध्वस्त किए गए लक्ष्यों में चार जगहों पर रडार, दो जगहों पर कमांड और नियंत्रण केंद्र, दो रनवे, तीन हैंगर और एक सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (SAM) प्रणाली शामिल है।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान रूस से खरीदे गए एस-400 सिस्टम ने अहम भूमिका निभाई थी और पाकिस्तान के हर हवाई हमले को नाकाम कर दिया था। जब इसे लेकर सवाल किया गया तो वायुसेना प्रमुख ने कहा कि जाहिर है, इसने अच्छा प्रदर्शन किया। इसलिए, ऐसे और अधिक सिस्टम की जरूरत है। ये कितनी संख्या में खरीदे जा सकते हैं, इसकी कोई सीमा नहीं है। यह एक अच्छी हथियार प्रणाली साबित हुई है। हमारी अपनी प्रणाली भी विकसित हो रही है, इसलिए हम इस पर हर तरह से विचार करेंगे।
उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (एएमसीए) के बारे में एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा, जहां तक मैं समझता हूं, यह इसी दशक में उड़ान भरेगा। करीब 2028 में इसकी पहली उड़ान की योजना है और 2035 तक, इसे भारतीय वायु सेना में शामिल किया जाना है। मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि अगर हम वास्तव में चाहें, तो इसे समय-सीमा से पहले हासिल किया जा सकता है। यह संभव है। और जहां तक तकनीक का सवाल है, एएमसीए तकनीक हमारे दिमाग में बिल्कुल स्पष्ट है कि हमें क्या चाहिए और क्या जरूरी है और यह कहां और कैसे उपलब्ध है।
भारतीय वायु सेना प्रमुख ने कहा, जहां तक एलसीए एमके2 का सवाल है, मेरे हिसाब से, एलसीए एमके2 और एमके1ए का ही विस्तार है। दोनों एक ही श्रेणी के विमान हैं, लेकिन एमके2 ज्यादा हथियार ले जाने में सक्षम होगा। यह रेंज और सहनशक्ति के मामले में भी बेहतर प्रदर्शन कर पाएगा। यह बड़े हथियार ले जाने में सक्षम होगा। इसलिए यह हमारी योजना में बहुत महत्वपूर्ण है। एसयू-57 के सवाल पर वायुसेना प्रमुख ने कहा, मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि हमें सभी विकल्पों पर विचार करना होगा, और रक्षा मंत्रालय और भारतीय वायु सेना में किसी भी हथियार प्रणाली को शामिल करने की एक निश्चित प्रक्रिया है, और उसी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। इसलिए जो भी आएगा वह इस बात पर निर्भर करेगा कि कौन सी जरूरतें पूरी होती हैं और हमारे लिए क्या सबसे अच्छा है।
दूसरी तरफ, बीकानेर में भारतीय थलसेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, जिसमें 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए थे। श्रीगंगानगर जिले के घड़साना के गांव 22 एमडी में आर्मी छावनी पहुंचे सेना प्रमुख ने जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि जिस तरह से भारत ने ऑपरेशन सिंदूर 1.0 में संयम रखा है, अबकी बार भारत ये संयम नहीं रखेगा। इस बार हम आगे की कार्रवाई करेंगे और कुछ इस तरह की कार्रवाई करेंगे कि पाकिस्तान को सोचना पड़ेगा कि उसे भूगोल में रहना है या नहीं।
जनरल द्विवेदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर हमारी जिंदगी से इस तरह से जुड़ गया है कि जब तक हम जीवित रहेंगे, तब तक यह हमारे साथ रहेगा। अगर पाकिस्तान को दुनिया के नक्शे में (भूगोल में) अपनी जगह बनाए रखनी है, तो पाकिस्तान जो आतंकवाद को सरंक्षण दे रहा है, उसे अब आतंकवाद को रोकना पड़ेगा। सेना प्रमुख ने जवानों से कहा कि अब आप अपनी पूरी तैयारी करके रखें, अगर भगवान ने चाहा तो जल्द ही ये मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस देश की कोई भी महिला अपनी मांग में सिंदूर लगाती है तो उस समय वो भारतीय सेना के जवानों को याद करती है, जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस बार आतंकवाद के खिलाफ जो ऑपरेशन सिंदूर किया गया है, पूरे ऑपरेशन का नाम एक ही रखा गया था, जबकि इससे पहले जो भी ऑपरेशन किए गए हैं, उनके नाम अलग-अलग हुआ करते थे।
सेना प्रमुख ने कहा कि पहलगाम में आतंकी हमला होने के बाद जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था, उस समय पूरा विश्व भारत के साथ जुड़ गया था। पूरे विश्व ने इस आतंकी हमले की निंदा की थी। उन्होंने कहा- भारत ने पाकिस्तान में 9 टारगेट हिट किए थे, इनमें से 7 आर्मी ने और 2 वायु सेना की ओर से हिट किए गए थे। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने यह भी कहा कि जिन आतंकी ठिकानों को भारत ने खत्म किया था, उनका सबूत भी पूरी दुनिया को दिखाया है। अगर भारत सबूत नहीं दिखाता तो पाकिस्तान इन सबको छुपा लेता। उन्होंने कहा कि इस बार भारत पूरी तैयारी के साथ है। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ऑपरेशन सिंदूर 1.0 में अच्छा काम करने वाले सेना के तीन अधिकारियों को विशेष रूप से सम्मानित किया। कार्यक्रम में बीएसएफ की 140वीं बटालियन के कमांडेंट प्रभाकर सिंह, राजपूताना राइफल्स के मेजर रितेश कुमार और हवलदार मोहित गैरा को सम्मानित किया गया।
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि उसे आतंकवाद प्रायोजन बंद करना होगा, अन्यथा वह विश्व मानचित्र पर अपनी जगह खो सकता है। ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने आतंकी ठिकानों को नष्ट किया और सैनिकों को भविष्य के लिए तैयार रहने को कहा। राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के अनूपगढ़ में शुक्रवार को सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि यदि पाकिस्तान विश्व मानचित्र पर अपनी जगह बनाए रखना चाहता है, तो उसे अपनी धरती पर आतंकवाद को प्रायोजित करना बंद करना होगा। जनरल द्विवेदी ने सैनिकों को संबोधित करते हुए यह स्पष्ट किया कि भारत अब ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दिखाए गए संयम को दोहराएगा नहीं।
जनरल द्विवेदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पूरी दुनिया को पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों के सबूत दिए। उन्होंने बताया कि यदि भारत ने ये सबूत उजागर नहीं किए होते, तो पाकिस्तान इन तथ्यों को छिपा लेता। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के भीतर नौ लक्ष्यों पर हमला किया, जिनमें से सात सेना ने और दो वायुसेना ने नष्ट किए। जनरल द्विवेदी ने स्पष्ट किया कि भारत का उद्देश्य केवल आतंकियों को निशाना बनाना था, न कि आम पाकिस्तानी नागरिकों को नुकसान पहुंचाना।
सेना प्रमुख ने सैनिकों से पूरी तरह तैयार रहने को कहा। उन्होंने कहा कि अब अपने आप को पूरी तरह तैयार रखें, यदि भगवान ने चाहा, तो मौका जल्द आएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत इस बार पहले जैसा संयम नहीं दिखाएगा और ऐसी कार्रवाई करेगा, जो पाकिस्तान को अपनी स्थिति पर विचार करने के लिए मजबूर कर दे। सीमा के पास रहने वाले लोगों के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में जनरल द्विवेदी ने कहा कि भारत इन लोगों को आम नागरिकों के बजाय सैनिकों के रूप में देखता है। उन्होंने कहा कि वे हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर युद्ध में खड़े हैं। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि आने वाला संघर्ष सिर्फ सेना का नहीं, बल्कि पूरे देश का है। उन्होंने 1965 और 1971 के युद्धों का उल्लेख करते हुए कहा कि उस समय भी आम नागरिकों ने सैनिकों का साथ दिया था।
सेना प्रमुख ने सीमा पर रहने वाली जनता के उत्साह की सराहना की और कहा कि उनका जोश सैनिकों का मनोबल बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि वे आगे भी हमारे साथ खड़े रहें। मैं उनकी भावना के लिए उन्हें धन्यवाद देता हूं। जनरल द्विवेदी ने बताया कि 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पूरी दुनिया ने भारत का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि भारत ने केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, क्योंकि पाकिस्तान द्वारा आतंकियों को प्रायोजित किया जा रहा था।
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