धमकी भरे कॉल का वीडियो पोस्ट किया
हमारी लड़ाई आरएसएस द्वारा फैलाई जा रही गंदी मानसिकता के खिलाफ: प्रियांक खड़गे
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| कर्नाटक के आईटी-बीटी और ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री प्रियांक खड़गे द्वारा यह कहने के एक दिन बाद कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और सरकारी संपत्तियों पर उसकी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने पर धमकी भरे कॉल मिल रहे हैं, उन्होंने बुधवार को एक्स पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें एक व्यक्ति को मंत्री को कठोर और असंसदीय भाषा में गाली देते हुए सुना जा सकता है| इसे उन्हें मिल रही धमकी और गाली-गलौज वाली कॉलों का एक नमूना बताते हुए, खड़गे ने कहा कि यह वीडियो आरएसएस द्वारा युवाओं के दिमाग में भरी जा रही गंदगी का एक छोटा सा उदाहरण है|
उन्होंने कहा जबकि भाजपा नेताओं के बच्चे अपना उज्ज्वल भविष्य बना रहे हैं, गरीब और वंचित परिवारों के बच्चों को दूसरों को गाली देने और धमकाने के लिए बलि का बकरा बनाया जा रहा है| अगर मैं शिकायत दर्ज कराता हूँ, तो इससे केवल उस व्यक्ति की जिंदगी को नुकसान होगा और उन लोगों को कोई नुकसान नहीं होगा जिन्होंने उसे इस मानसिक स्थिति में धकेला| वीडियो में, जो खड़गे और एक अज्ञात व्यक्ति के बीच फोन पर हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग है, फोन करने वाले को मंत्री की माँ के लिए हिंदी में अपशब्द कहते सुना जा सकता है|
इसके जवाब में, खड़गे ने जानना चाहा कि क्या कर्नाटक के भाजपा नेता बी.वाई. विजयेंद्र, आर. अशोक, सी.टी. रवि, वी. सुनील कुमार, प्रताप सिम्हा, चलवाडी नारायणस्वामी और अन्य मोदी और मोहन भागवत की माताओं के लिए इस तरह की गालियाँ देना स्वीकार्य मानेंगे| आरएसएस पर अपना हमला जारी रखते हुए, उन्होंने कहा हमारी लड़ाई व्यक्तियों के खिलाफ नहीं, बल्कि आरएसएस द्वारा फैलाई जा रही इस गंदी मानसिकता के खिलाफ है| यह उन दुष्ट ताकतों के खिलाफ लड़ाई है जो मासूमों का ब्रेनवॉश कर रही हैं और उनके दिमाग को दूषित कर रही हैं| आरएसएस के कार्यकर्ताओं को बुद्ध, बसवन्ना और अंबेडकर के आदर्शों से परिचित कराने की जरूरत दोहराते हुए, खड़गे ने कहा कि वह मासूम बच्चों और युवाओं को ऐसी भ्रष्ट व्यवस्था का शिकार होने से बचाने के लिए कड़े कदम उठाएँगे|
मंत्री ने कहा अगर उन्हें लगता है कि मैं इन धमकियों और अपमानों से घबरा जाऊँगा, तो वे भ्रम में हैं| मेरी राजनीति सिर्फ सत्ता-केंद्रित नहीं है, बल्कि वैचारिक राजनीति है, एक जन-केंद्रित राजनीति है जो निर्दोष युवाओं को इस दुष्चक्र से बाहर निकालने का प्रयास करती है| रविवार को, जिस दिन आरएसएस ने बेंगलूरु में सौ कार्यक्रम आयोजित किए (जिनमें से कई स्कूल परिसरों और अन्य सरकारी परिसरों में आयोजित किए गए), खड़गे ने मांग की कि सरकारी संपत्तियों पर ऐसी गतिविधियों की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए|
उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा देश के बच्चों, युवाओं, जनता और समग्र समाज की भलाई के हित में, मैं विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता हूँ कि सरकारी संपत्तियों के परिसरों में आरएसएस द्वारा संचालित सभी प्रकार की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया जाए, चाहे वे शाखा, सांघिक या बैठक के नाम पर हों| सिद्धरामैया ने कहा कि उन्होंने मुख्य सचिव को पड़ोसी राज्य तमिलनाडु सरकार द्वारा वहाँ आरएसएस की गतिविधियों को प्रतिबंधित करने के लिए उठाए गए कदमों का अध्ययन करने का निर्देश दिया है|