ऊर्जा निगमों में बेमानी नियम लागू करने का विरोध
उपभोक्ता परिषद ने खटखटाया नियामक आयोग का दरवाजा
लखनऊ, 22 अक्टूबर (एजेंसियां)। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन द्वारा लागू की जा रही वर्टिकल व्यवस्था का विरोध तीव्र होता जा रहा है। केस्को, अलीगढ़, मेरठ, बरेली के बाद राजधानी लखनऊ लेसा, नोएडा सहित अन्य क्षेत्रों में इसे लागू करने को लेकर नियामक आयोग में विधिक लोक महत्व प्रस्ताव दाखिल कर दिया गया है। यह प्रस्ताव राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने दाखिल किया है।
मंगलवार को नियामक आयोग में दाखिल किए गए प्रस्ताव में राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि केस्को, अलीगढ़, मेरठ, बरेली, औ
परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने प्रस्ताव दाखिल करते हुए विद्युत वितरण संहिता के प्रावधानों के उल्लंघन का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि 1947 में बने राज्य विद्युत परिषद की संरचना में बदलाव किया जा रहा है। विद्युत नियामक आयोग को विश्वास में नहीं लिया गया। परिषद ने बताया कि मनमाने नियम लागू करने से 1912 कॉल सेंटर पूरी तरह निष्क्रिय हो गया है। शिकायतें दर्ज नहीं हो रहीं और समाधान का कोई ट्रैक उपलब्ध नहीं। ओटीपी आधारित शिकायत प्रणाली की कोई स्पष्ट प्रक्रिया उपभोक्ताओं को नहीं बताई गई है। जबकि आयोग ने निर्देश दिया था कि इस पर एक रिपोर्ट तैयार कर इसे लागू किया जाए। अभी तक इसे लागू न करने की वजह भी नहीं बताई जा रही है। उपभोक्ताओं को यह जानकारी नहीं दी जा रही कि किस अधिकारी से संपर्क करें, कहां जाएं या अपनी शिकायतें कैसे दर्ज कराएं। न कोई जन सूचना, न सार्वजनिक दिशा-निर्देश और न ही समय-सीमा निर्धारित की गई है।
नियामक आयोग से विधिवत अनुमति लेने के बजाय पावर कारपोरेशन ने तुगलकी आदेश जारी कर दिया। उपभोक्ता परिषद ने मांग की है कि वर्टिकल व्यवस्था तत्काल प्रभाव से रोकी जाए। उपभोक्ताओं को स्पष्ट एवं पारदर्शी सूचना दी जाए। 1912 कॉल सेंटर की व्यवस्था तत्काल दुरुस्त की जाए और ओटीपी आधारित प्रणाली को उपयुक्त और सुगम बनाया जाए।
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