सौहार्द कर्नाटक संगठन ने चित्तपुर में होने वाले आरएसएस मार्च का विरोध किया
कलबुर्गी, 22 अक्टूबर (एजेंसियां)। कर्नाटक के सामाजिक संगठन सौहार्द कर्नाटक ने चित्तपुर में आगामी 2 नवंबर को आयोजित होने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी मार्च के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराया है। संगठन ने प्रशासन से अपील की है कि इस मार्च की अनुमति शांति और सौहार्द के हित में रद्द की जाए, क्योंकि इससे क्षेत्र में तनाव और अशांति फैलने की आशंका है।
सौहार्द कर्नाटक संगठन ने विशेष रूप से जुलूस के दौरान लाठियों की मौजूदगी पर चिंता व्यक्त की है। संगठन के प्रतिनिधियों ने कहा कि इस प्रकार के मार्च से सामुदायिक माहौल प्रभावित हो सकता है और लोगों में असुरक्षा की भावना पैदा हो सकती है। संगठन ने सरकार से आग्रह किया है कि वह शांति, सद्भाव और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाए।
इससे पहले आरएसएस ने अपने शताब्दी वर्ष समारोह और विजयादशमी उत्सव के अवसर पर 19 अक्टूबर को चित्तपुर में रूट मार्च और विशेष कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति मांगी थी। हालांकि, चित्तपुर के तहसीलदार ने उस समय कानून-व्यवस्था संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए अनुमति देने से इंकार कर दिया था।
प्रशासन ने बताया था कि उसी दिन भीम आर्मी और भारतीय दलित पैंथर्स ने भी उसी मार्ग (रूट) पर रैली निकालने की अनुमति मांगी थी, जिससे संभावित टकराव की स्थिति बन सकती थी। यही कारण था कि तहसीलदार ने आरएसएस के मार्च की अनुमति अस्थायी रूप से रोक दी थी।
अनुमति रद्द होने के बाद आरएसएस ने कर्नाटक उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। सुनवाई के बाद न्यायालय ने 2 नवंबर को चित्तपुर में शताब्दी मार्च आयोजित करने की अनुमति दे दी। अदालत ने कहा कि आरएसएस पहले भी राज्य के 250 से अधिक स्थानों पर शांति पूर्वक मार्च आयोजित कर चुका है, जहाँ किसी प्रकार की अप्रिय घटना नहीं हुई।
साथ ही, अदालत ने आयोजकों को एक नया आवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया ताकि प्रशासन कानून-व्यवस्था की मौजूदा स्थिति का मूल्यांकन कर सके और अनुमति पर पुनर्विचार कर सके।
सौहार्द कर्नाटक संगठन ने अदालत के निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, “हम न्यायालय के आदेशों का सम्मान करते हैं, लेकिन प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी संगठन की गतिविधियों से क्षेत्रीय सौहार्द, सामाजिक एकता और कानून-व्यवस्था प्रभावित न हो। हमारा विरोध हिंसा या राजनीति के लिए नहीं, बल्कि शांति के पक्ष में है।”
चित्तपुर और आसपास के क्षेत्रों में प्रशासन ने अब सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। पुलिस ने कहा है कि मार्च के दौरान किसी भी तरह की उकसाने वाली गतिविधि या नारेबाज़ी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

