हंगामे की भेंट चढ़ गया संसद का शीतकालीन सत्र
नई दिल्ली, 20 दिसंबर (एजेंसियां)। संसद का शीतकालीन सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया। इस सत्र में राज्यसभा में केवल 40.03 फीसदी ही काम हुआ। राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि सदन में केवल 43 घंटा 27 मिनट काम हुआ। जबकि लोकसभा का हाल भी कुछ ऐसा ही रहा है। शुक्रवार को एक देश एक चुनाव विधेयक के लिए बन रही जेपीसी में राज्यसभा के 12 सांसदों को नामित किया गया। इसके बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।
सुबह जब राज्यसभा में कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्ष ने प्रदर्शन किया। इसके बाद सदन की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित कर दी गई। इसके बाद सभापति ने सदन के नेता जेपी नड्डा और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने बिना किसी हंगामे के सदन चलाने के लिए कहा। जब सदन की कार्यवाही 12 बजे फिर से शुरू हुई तो सभापति ने विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से एक देश एक चुनाव विधेयक को लेकर बन रही जेपीसी के लिए उच्च सदन से सदस्यों को नामित करने का प्रस्ताव रखने के लिए कहा। जेपीसी के लिए 12 सदस्यों को नामित करने के प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
इसके बाद अपने समापन भाषण में सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि इस सत्र में 40.03 फीसदी ही काम हुआ। पूरे सत्र में 43 घंटा 27 मिनट काम हो सका। उन्होंने कहा कि सांसद के तौर पर देश के लोग हमारी कड़ी आलोचना कर रहे हैं। यह सही भी है क्योंकि लगातार हो रहे व्यवधान लोकतांत्रिक संस्थानों में जनता के विश्वास को लगातार कम कर रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान को लेकर हो रहे हंगामे के बीच लोकसभा से शुक्रवार को एक देश एक चुनाव से जुड़े दो विधेयकों को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा गया। सदन की कार्यवाही के दौरान विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी की। इस दौरान स्पीकर ओम बिरला ने कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से संविधान (129वां संशोधन) विधेयक 2024 और केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक 2024 को संसद की संयुक्त समिति को भेजने का प्रस्ताव पेश करने को कहा। हंगामे के बीच प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इसके बाद लोकसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।