“सरकारी नौकरी के नाम पर लालच, पूरे बिहार की जमीन हड़पने की साज़िश!”
— केशव मौर्य का लालू परिवार पर तीखा वार
लखनऊ, 26 अक्टूबर (एजेंसियां)। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव पर करारा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि “नौकरी के बदले जमीन” की योजना दरअसल एक राजनीतिक धोखा है, जो बिहार की जनता को ठगने और राज्य की संपत्ति पर लालू परिवार का कब्जा जमाने की गहरी साज़िश का हिस्सा है।
मौर्य ने रविवार को अपने आधिकारिक सोशल मीडिया मंच एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा — “तेजस्वी यादव कह रहे हैं कि उनकी सरकार आने पर हर घर से एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाएगी, लेकिन इसके बदले जमीन ले ली जाएगी। यानी अगर हर घर से एक-एक व्यक्ति को नौकरी मिलेगी, तो धीरे-धीरे पूरे बिहार की जमीन पर बैनामा उनके परिवार के नाम हो जाएगा। ये कोई योजना नहीं, बल्कि ‘बिहार कब्जा अभियान’ है।”
मौर्य ने कहा कि तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद यादव को जनता अब अच्छी तरह पहचान चुकी है। यह परिवार कभी सामाजिक न्याय की बात करके वोट लेता है, तो कभी “गरीबों के मसीहा” का मुखौटा लगाकर गरीबों की संपत्ति हड़पने का काम करता है। उन्होंने कहा कि “बिहार में लालू परिवार की राजनीति हमेशा घोटालों और भ्रष्टाचार के इर्द-गिर्द घूमती रही है। अब ‘नौकरी के बदले जमीन’ जैसे नए नारे के जरिए वे फिर से जनता को लूटने का इंतजाम कर रहे हैं।”
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के लोग पहले ही देख चुके हैं कि 2004 से 2009 के बीच जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे, तब इसी तरह का जमीन के बदले नौकरी घोटाला हुआ था। उन्होंने कहा कि “सीबीआई की जांच में साफ हो चुका है कि रेलवे में ग्रुप-डी की नौकरियों के बदले उम्मीदवारों की जमीन और संपत्तियां लालू परिवार के नाम करवाई गईं। ये जमीनें बाजार भाव से बहुत कम कीमत पर ली गईं, जिससे परिवार ने अपार संपत्ति इकट्ठी कर ली।”
मौर्य ने कहा कि अब तेजस्वी यादव उसी पुराने “फॉर्मूले” को नए नाम से पेश कर रहे हैं। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, “बाप ने रेल के नाम पर जमीनें लीं, बेटा अब सरकारी नौकरी के नाम पर वही खेल दोहराने निकला है। फर्क बस इतना है कि तब यह भ्रष्टाचार था, अब इसे नीति बना दिया गया है।”
उन्होंने कहा कि राजद परिवार बिहार को अपनी जागीर समझने लगा है। हर बार सत्ता में आने पर ये लोग अपने रिश्तेदारों, चहेतों और माफियाओं को फायदा पहुंचाने की योजनाएं बनाते हैं। जनता की भलाई इनके एजेंडे में कभी नहीं रही। “लालू परिवार के शासन में बिहार की सड़कों पर गड्ढे थे, कानून व्यवस्था रसातल में थी और युवाओं के हाथों में रोजगार की जगह लाठियां थीं।”
मौर्य ने कहा कि आज जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में देश में पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया और डिजिटल गवर्नेंस को बढ़ावा दिया जा रहा है, तब लालू परिवार फिर से जातीय राजनीति और भ्रष्टाचार को जिंदा करने में लगा है। उन्होंने कहा, “लालू यादव के राज में नौकरी पाने के लिए योग्यता नहीं, बल्कि जमीन और रिश्वत चाहिए थी। अब तेजस्वी उसी विरासत को गौरवशाली बताकर जनता को गुमराह कर रहे हैं।”
उन्होंने सवाल उठाया कि क्या सरकारी नौकरी के बदले जमीन लेना किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में न्यायसंगत है? क्या यह गरीबों को रोजगार देने की नीति है या उनके भविष्य को बेचने की रणनीति? मौर्य ने कहा कि यह योजना बिहार के युवाओं के साथ एक धोखा है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार की जनता अब जाग चुकी है। उन्हें पता है कि “लालू परिवार” की किसी भी योजना का मतलब होता है – जनता का नुकसान और परिवार का फायदा। उन्होंने चेतावनी दी कि जनता को “नौकरी के बदले जमीन” जैसी मकड़ी के जाल में फंसाने की कोशिश करने वालों को 2025 में आने वाले चुनावों में करारा जवाब मिलेगा।
उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव का यह बयान बताता है कि वे अब भी अपने पिता के भ्रष्टाचार की विरासत से मुक्त नहीं हो पाए हैं। “लालू-तेजस्वी की राजनीति अब बिहार को नहीं, सिर्फ उनके परिवार की तिजोरी को समृद्ध करने के लिए चल रही है।”
मौर्य ने कटाक्ष करते हुए कहा, “अगर नौकरी के बदले जमीन देना ही तेजस्वी का विकास मॉडल है, तो जल्द ही बिहार में खेतों पर नहीं, लालू परिवार के नाम की तख्तियां लगेंगी।” उन्होंने कहा कि बिहार की जनता इस “संपत्ति लूट योजना” को कभी स्वीकार नहीं करेगी।
#KeshavPrasadMaurya, #LaluFamily, #TejashwiYadav, #BiharPolitics, #JobForLandScam, #Corruption, #RJDScam, #BiharNews, #PoliticalAttack, #KumaraswamyNews, #LaluYadav, #TejashwiScam, #RJDUnderFire

