मतदाता संशोधन के बाद धनदाता निषेधन

चुनाव में धन के इस्तेमाल पर निर्वाचन आयोग सख्त

 मतदाता संशोधन के बाद धनदाता निषेधन

पर्यवेक्षक तैनात, तीन दिन में 33.97 करोड़ जब्त

नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (एजेंसियां)। बिहार चुनाव में पैसों के दुरुपयोग पर चुनाव आयोग सख्त है। चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद अब तक तीन दिनों में आयोग ने 33.97 करोड़ रुपए जब्त किए हैं। इसी के साथ चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों के खर्च पर निगरानी के लिए व्यय पर्यवेक्षक भी तैनात किए हैं। इसे चुनाव के दौरान पैसों के दुरुपयोग और मतदाताओं को प्रभावित करने के प्रयासों पर रोक लगाने के लिए निर्वाचन आयोग का बड़ा कदम बताया जा रहा है। आयोग ने सभी विधानसभा क्षेत्रों में व्यय पर्यवेक्षकों की तैनाती की है। जो उम्मीदवारों के चुनावी खर्च पर पैनी नजर रखेंगे।

आगामी चुनावों में धनबलमुफ्तखोरी के साथ-साथ नशीली दवाओंनशीले पदार्थों और शराब के इस्तेमाल पर अंकुश लगाने के लिए आयोग ने दो चरणों में होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों और आठ विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनावों के लिए सभी प्रवर्तन एजेंसियों को निर्देश जारी किए हैं। चुनाव आयोग ने कहा कि उम्मीदवारों द्वारा किए जाने वाले चुनावी खर्च की निगरानी के लिए व्यय पर्यवेक्षकों को पहले ही तैनात कर दिया गया है और वे चुनाव की अधिसूचना के दिन अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में पहुंच गए हैं।

चुनाव आयोग ने कहाअपने दौरे के दौरान वे व्यय निगरानी में लगी सभी टीमों से मिलेंगे। उड़नदस्तेनिगरानी दलवीडियो निगरानी दल मतदाताओं को लुभाने के लिए धनबल या अन्य प्रलोभनों के किसी भी संदिग्ध मामले पर नजर रखने के लिए चौबीस घंटे सतर्क रहेंगे। इसी के साथ चुनाव आयोग ने बताया कि चुनाव की घोषणा के बाद से विभिन्न प्रवर्तन एजेंसियों ने कुल 33.97 करोड़ रुपए की नकदीशराबड्रग्स और मुफ्त सामान जब्त किया है।

चुनावों में धनबलमुफ्तखोरी के साथ-साथ ड्रग्सनशीले पदार्थों और शराब के इस्तेमाल पर अंकुश लगाने के लिए चुनाव आयोग ने राज्य पुलिस विभागराज्य उत्पाद शुल्क विभागआयकर विभागएफआईयू-आईएनडीआरबीआईएसएलबीसीडीआरआईसीजीएसटीएसजीएसटीसीमा शुल्कईडीएनसीबीआरपीएफसीआईएसएफएसएसबीबीसीएएसएएआई, डाक विभागराज्य वन विभाग और राज्य सहकारिता विभाग सहित सभी प्रवर्तन एजेंसियों को निर्देश जारी किए हैं।

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उम्मीदवारों द्वारा किए जाने वाले चुनावी खर्च की निगरानी रखने के लिए व्यय पर्यवेक्षकों को पहले ही तैनात कर दिया गया है और वे चुनाव की अधिसूचना जारी होने के दिन ही अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में पहुंच चुके हैं। इस दौरान वे व्यय निगरानी में लगी सभी टीमों से मिलेंगे। मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए धन-बल या अन्य प्रलोभन के किसी भी संदिग्ध मामले पर नजर रखने के लिए उड़न दस्तेनिगरानी दलवीडियो निगरानी दल चौबीसों घंटे सतर्क रहेंगे।

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आयोग ने चुनाव अवधि के दौरान वास्तविक समय के आधार पर एफएसएसएसटी और प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा किए गए अवरोधन/जब्ती की रिपोर्टिंग के लिए चुनाव जब्ती प्रबंधन प्रणाली (ईएसएमएस) नामक ऑनलाइन प्रणाली को भी सक्रिय किया है। आयोग ने इस बात पर भी बल दिया कि प्रवर्तन प्राधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इन निर्देशों के प्रवर्तन के लिए जांच और निरीक्षण के दौरान आम नागरिकों को असुविधा या परेशानी न हो। चुनाव आयोग ने यह भी कहा है कि कोई भी आम नागरिक सी-विजिल ऐप के माध्यम से ऐसे किसी भी उल्लंघन के संबंध में शिकायत कर सकता है।

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