12 राज्यों में शुरू हो गई एसआईआर की प्रक्रिया

 चुनाव आयोग ने देशव्यापी एसआईआर का ऐलान किया

12 राज्यों में शुरू हो गई एसआईआर की प्रक्रिया

बिहार में सफल एसआईआर के बाद 12 राज्यों में दूसरा फेज

चुनावों से पहले एसआईआर किया जाना सबसे ज्यादा जरूरी 

नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (एजेंसियां)। राष्ट्रीय निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के दूसरे चरण में 12 राज्यों में प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की है। इसमें मतदाता सूची में सुधारनए मतदाताओं का समावेश और सूची में त्रुटियों का निवारण किया जाएगा। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि एसआईआर का फेज-1 खत्म हो गया है। अब इसका दूसरा चरण शुरू होने वाला है। बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण सफल तरीके से किया गया। ज्ञानेश कुमार ने घोषणा की कि विशेष गहन पुनरीक्षण के दूसरे फेज में देश के 12 राज्यों में यह अभियान चलाया जाएगा।

चुनाव आयुक्त ने कहा कि जिन राज्यों में एसआईआर क्रिया पूरी की जाएगीउन सभी राज्यों की मतदाता सूचियां आज रात 12 बजे फ्रीज कर दी जाएंगी। उस सूची के सभी मतदाताओं को बीएलओ द्वारा विशिष्ट गणना प्रपत्र दिए जाएंगे। इन गणना प्रपत्रों में वर्तमान मतदाता सूची के सभी आवश्यक विवरण होंगे। बीएलओ द्वारा मौजूदा मतदाताओं को प्रपत्र वितरित करने के बादजिन सभी के नाम गणना प्रपत्रों में हैंवे यह मिलान करने का प्रयास करेंगे कि क्या उनका नाम 2003 की मतदाता सूची में था। यदि हांतो उन्हें कोई अतिरिक्त दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता नहीं है। यदि उनका नाम नहींबल्कि उनके माता-पिता का नाम सूची में थातब भी उन्हें कोई अतिरिक्त दस्तावेज़ जमा करने की आवश्यकता नहीं है। 2002 से 2004 तक की एसआईआर मतदाता सूची आयोग की वेबसाइट पर देखा और मिलान किया जा सकता है।

पूरे देश में एसआईआर चरणबद्ध तरीके से होगा। जिन 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश में एसआईआर किया जाना है। इसमें अंडमान और निकोबारछत्तीसगढ़गोवागुजरातकेरललक्षद्वीपमध्य प्रदेशपुडुचेरीराजस्थानतमिलनाडुउत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। इन राज्यों में कुल मतदाताओं की संख्या करीब 51 करोड़ हैंजबकि यहां 5 लाख 33 हजार से ज्यादा पोलिंग स्टेशन और बीएलओ तैनात किए जाएंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि देश में 21 साल पहले आखिरी विशेष गहन पुनरीक्षण किया गया था। उन्होंने साफ किया कि एसआईआर में सभी योग्य मतदाताओं को जोड़ा जाएगा और अयोग्य मतदाताओं को वोटर लिस्ट से बाहर किया जाएगा। सीईसी ने कहा कि चुनावों से पहले एसआईआर किया जाना सबसे ज्यादा जरूरी है।

उन्होंने बताया कि हर घर पर बीएलओ तीन बार जाएंगे और मतदाताओं की जानकारी जुटाएंगे। इस दौरान बीएलओ की जिम्मेदारी होगी कि कोई भी योग्य मतदाता इस अभियान न छूटे और कोई भी अयोग्य मतदाता नहीं जुड़े। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि जिन राज्यों में एसआईआर की प्रक्रिया होनी हैवहां आज रात 12 बजे से मतदाता सूची फ्रीज हो जाएगी। उन्होंने ये भी बताया कि इस प्रक्रिया के दौरान दूसरे राज्यों में प्रवास करने वाले मतदाता ऑनलाइन फॉर्म भर सकेंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त

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विशेष गहन पुनरीक्षण का उद्देश्य मतदाता सूची में सुधार करना और इसमें नए मतदाताओं का समावेश करना है। इसमें नामों की जांचपुराने मतदाताओं की पुष्टिऔर आवश्यक संशोधन शामिल होंगे। आयोग ने बताया कि यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष होगी। एसआईआर के तहत मतदाता सूची में त्रुटियों को दूर कर नए मतदाताओं को शामिल किया जाएगाजिससे चुनावों में अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित हो सके।

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उल्लेखनीय है कि देश के पांच राज्यों में साल 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसमें असमतमिलनाडुपुडुचेरीकेरल और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। जिन राज्यों में इस समय स्थानीय निकाय चुनाव चल रहे हैं या होने वाले हैंवहां फिलहाल यह प्रक्रिया नहीं होगीक्योंकि स्थानीय स्तर का प्रशासन चुनावी कामकाज में व्यस्त रहेगा। चुनाव आयोग के अनुसारआज रात 12 बजे से 12 राज्यों में एसआईआर का दूसरा चरण शुरू हो रहा हैजो 7 फरवरी 2026 तक पूरा हो जाएगा। यानि 7 फरवरी 2026 को नई मतदाता सूची सामने आ जाएगी। चुनाव आयोग एसआईआर लागू करने की रूपरेखा तय करने के लिए राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) के साथ पहले ही दो बैठकें कर चुका है। कई सीईओ ने अपनी पिछली एसआईआर के बाद की मतदाता सूचियां अपनी वेबसाइटों पर डाल दी हैं।

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असम में एनआरसी के मुताबिक होगा एसआईआर

नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (एजेंसियां)। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि अभी असम में एसआईआर की प्रक्रिया शुरू नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि असम में नागरिकता से जुड़े नियम थोड़े अलग हैइसलिए वहां एसआईआर से प्रक्रिया अलग तरीके से चलेगी।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि असम में नागरिकता को लेकर अलग कानून हैं। वहां एनआरसी लागू है। यह भी असम में एसआईआर को फिलहाल के लिए टालने का एक कारण है। असम में मतदाता सूचियों के विशेष गन पुनरीक्षण के लिए थोड़ी अलग प्रक्रिया अपनानी होगी। इसलिए यह प्रक्रिया अलग से चलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में चल रहा विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) स्वतंत्रता के बाद से नौवां ऐसा अभ्यास है। ऐसी कोशिश पिछली बार 2002-04 में हुई थी।

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