जाति, धर्म के आधार पर समाज को बांटने वालों से सावधान रहें: सीएम
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| मुख्यमंत्री सिद्धरामैया ने उन लोगों से सावधान रहने की जरूरत पर जोर दिया है जो अपने निहित स्वार्थों के लिए जाति और धर्म के आधार पर समाज को बांटने की कोशिश करते हैं| शनिवार रात बेलगावी जिले के कित्तूर में ’कित्तूर उत्सव’ के समापन समारोह में एक बड़ी सभा को संबोधित करते हुए, सिद्धरामैया ने कहा कि जब अंग्रेज भारत आए, तो उन्होंने लोगों को विभाजित किया और पूरे देश पर नियंत्रण करने के लिए उन्हें एक-दूसरे के खिलाफ लड़ने के लिए मजबूर किया|
उन्होंने कहा अब भी ऐसे लोग हैं जो आपको जाति और धर्म के आधार पर बांटने की कोशिश करते हैं| उनसे सावधान रहें| कित्तूर विद्रोह के इतिहास को याद करते हुए, सिद्धरामैया ने कहा कि ’सिपाही विद्रोह’ से 33 साल पहले, कित्तूर चेन्नम्मा ने अंग्रेजों को हराया था| उन्होंने याद करते हुए कहा अंग्रेजों को हराकर, उन्होंने कित्तूर के स्वाभिमान की जीत सुनिश्चित की| यह कांग्रेस सरकार थी जिसने 2017 में पहली बार ’कित्तूर उत्सव’ आयोजित किया था|
उन्होंने कहा जब अंग्रेज भारत आए, तो हमारे अपने लोगों ने उनका समर्थन किया| ऐसे ही लोगों ने रानी चेन्नम्मा और संगोल्ली रायन्ना के खिलाफ साजिश रची| अब भी यह प्रथा जारी है| लोग जाति और धर्म के नाम पर आपको आपस में लड़ाते हैं| उनसे सावधान रहें| मुख्यमंत्री ने वार्षिक सांस्कृतिक उत्सव के साफ-सुथरे संचालन के लिए विधायक बाबासाहेब पाटिल और उनकी टीम की सराहना की| इतिहास को याद रखने की जरूरत पर जोर देते हुए सिद्धरामैया ने कहा कि टीपू सुल्तान और हैदर अली दोनों ने अंग्रेजों की नींद हराम कर दी थी| उन्होंने कहा उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ जमकर लड़ाई लड़ी|
लेकिन जब सिद्धरामैया इतिहास को याद करते हैं, तो इसे तुष्टिकरण की राजनीति के रूप में पेश किया जाता है| बाबासाहेब अंबेडकर ने कहा था कि जो लोग इतिहास नहीं जानते, वे इतिहास नहीं बना सकते| हमें उनके शब्दों को नहीं भूलना चाहिए| सिद्धरामैया ने सभा को यह भी याद दिलाया कि यह कांग्रेस सरकार ही थी जिसने उस स्थान को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया था जहां रानी चेन्नम्मा ने अंतिम सांस ली थी|
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से बेलगावी हवाई अड्डे का नाम कित्तूर रानी चेन्नम्मा के नाम पर रखने की सिफारिश की थी, लेकिन उसने अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है| इस मौके पर लोक निर्माण मंत्री सतीश जारकीहोली, विजयानंद कशप्पनवर, एन.एच. कोनारड्डी, और बाबासाहेब पाटिल, विधायक और विभिन्न संत उपस्थित थे|

