हम चित्तपुर में रूट मार्च के लिए आरएसएस के अनुरोध पर विचार करेंगे: सरकार
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| कर्नाटक सरकार ने शुक्रवार को हाईकोर्ट को बताया कि वह चित्तपुर नगर में पथ संचलन (रूट मार्च) आयोजित करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की ओर दिए गए प्रस्ताव पर सकारात्मक तरीके से विचार करेगी| हाईकोर्ट ने 30 अक्तूबर को आरएसएस संयोजक अशोक पाटिल को निर्देश दिया था कि वह पांच नवंबर को जिले के अधिकारियों से महाधिवक्ता कार्यालय में बैठक करें, ताकि कार्यक्रम के संचालन के लिए रूपरेखा तैयार की जा सके| कोर्ट ने वरिष्ठ वकील अरुणा श्याम और महाधिवक्ता शशि किरण शेट्टी को भी बैठक में शामिल होने का निर्देश दिया, ताकि समन्वय सुचारू रूप से हो सके|
याचिकाकर्ता की ओर से अरुणा श्याम ने जस्टिस एमजीएस कमल की अदालत को बताया कि पांच नवंबर को बहुत अच्छी बैठक हुई और महाधिवक्ता के नेतृत्व में सभी पक्षों ने सक्रिय रूप से भाग लिया| उन्होंने कहा, हमने प्रतिनिधित्व किया और चर्चा रचनात्मक रही| महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि राज्य में इसी तरह के ११ अन्य रूट मार्च के आवेदन लंबित हैं| उन्होंने कहा कि सभी पर विचार किया जाएगा और कुछ शर्तों के साथ एक बार के लिए अनुमति दी जाएगी| उन्होंने भरोसा दिलाया, हम सभी को एक बार के लिए अनुमति देंगे, इसे किसी मिसाल के रूप में नहीं देखा जाएगा| उन्होंने अनुमतियों को अंतिम रूप देने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा| हाईकोर्ट ने इन प्रस्तुतियों को दर्ज करते हुए कहा कि पांच नवंबर की बैठक ’सकारात्मक और उत्पादक’ रही| याचिकाकर्ता की ओर से प्रस्तावित तारीखों 13 और 16 नवंबर पर विचार किया जा रहा है और राज्य जल्द ही अपना निर्णय बताएगा| अगली सुनवाई 13 नवंबर को होगी| कोर्ट के निर्देश पर पांच नवंबर को दूसरी बैठक थी, जिसमें जिला प्रशासन ने आयोजकों के साथ शांति समिति की बैठक आयोजित करने को कहा था|
यह कदम चित्तपुर में प्रस्तावित मार्च को लेकर तनाव की खबरों के कारण उठाया गया था| 28 अक्टूबर को कलबुर्गी में जिला प्रशासन की ओर से आयोजित ’शांति बैठक’ में आरएसएस और अन्य नौ संगठनों की रूट मार्च की अनुमति पर कोई सहमति नहीं बन पाई थी| यह विवाद तब शुरू हुआ जब 19 अक्टूबर को चित्तपुर के अधिकारियों ने यह कहते हुए आरएसएस की ओर से रूट मार्च करने की अनुमति को अस्वीकार कर दिया कि इससे शांति और कानून-व्यवस्था प्रभावित हो सकती है| चित्तपुर के तहसीलदार ने बताया कि भीम आर्मी और अन्य संगठनों ने भी उसी दिन और उसी मार्ग पर रूट मार्च आयोजित करने की इच्छा जताई थी| हालांकि, 19 अक्तूबर को आरएसएस की ओर से अशोक पाटिल की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि वह एक नया आवेदन दाखिल करें| कोर्ट ने राज्यों को भी इस पर विचार कर रिपोर्ट सौंपने को कहा|

