G20 में भारत की दहाड़: पीएम मोदी का ड्रग-टेरर गठजोड़ पर सीधा वार
दुनिया को विकास का नया भारतीय मॉडल दिखाया
भारत अब समस्याओं की ओर इशारा नहीं करता—भारत समाधान लेकर आता है।
पारंपरिक ज्ञान, स्वास्थ्य प्रतिक्रिया दल, अफ्रीका की ताकत बढ़ाने का संकल्प और ड्रग-टेरर पर निर्णायक प्रहार—ये चारों प्रस्ताव दिखाते हैं कि भारत वैश्विक नेतृत्व की भूमिका में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
मोदी ने ऐतिहासिक शब्दों में कहा—
“अब विकास के मानदंडों पर गहन पुनर्विचार का समय है। यह मॉडल अब नहीं चलेगा जिसने करोड़ों लोगों को पीछे छोड़ दिया और पृथ्वी का दोहन बढ़ाया।”
नई दिल्ली, 22 नवम्बर (एजेंसियां)। दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के पहले सत्र में भारत ने वैश्विक मंच पर एक बार फिर अपने नेतृत्व का लोहा मनवाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ऐसी ऐतिहासिक स्पीच दी जिसने न सिर्फ ड्रग-टेरर गठजोड़ को लेकर दुनिया की आंखें खोल दीं, बल्कि वैश्विक विकास की अवधारणाओं को भी चुनौती दी। मोदी ने साफ कहा कि अब वह समय समाप्त हो चुका है जब कुछ ताकतें दुनिया पर विकास का एकतरफा मॉडल थोपती थीं। भारत अब वह आवाज बन चुका है जो समावेशी, सतत और मानवीय विकास का नया रास्ता दिखा रहा है।
मोदी का संबोधन न सिर्फ भारत की सभ्यतागत सोच को दुनिया के सामने लाता है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि भारत अब फॉलोअर नहीं, बल्कि पॉलिसी मेकर और ग्लोबल एजेंडा सेट्टर की भूमिका निभा रहा है।
“विकास का पश्चिमी मॉडल फेल—मोदी ने दुनिया को चेताया”
सत्र ‘समावेशी और सतत आर्थिक विकास, जिसमें कोई पीछे न छूटे’ को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जी-20 लंबे समय से ग्लोबल फाइनेंस और विकास के मानकों को निर्धारित करता रहा है, लेकिन उसकी पहलों का फायदा दुनिया की बड़ी आबादी तक नहीं पहुंच पाया। संसाधनों की असमानता, प्रकृति के दोहन, और अमीर राष्ट्रों की नीतियों ने विकास के नाम पर असंतुलन पैदा किया है।
मोदी ने ऐतिहासिक शब्दों में कहा—
“अब विकास के मानदंडों पर गहन पुनर्विचार का समय है। यह मॉडल अब नहीं चलेगा जिसने करोड़ों लोगों को पीछे छोड़ दिया और पृथ्वी का दोहन बढ़ाया।”
अफ्रीका को इसका सबसे ज्यादा खामियाजा भुगतना पड़ा है। मोदी ने इस तथ्य को वैश्विक मंच पर जोरदार तरीके से रखा।
“अफ्रीका की प्रगति ही वैश्विक प्रगति का रास्ता”
मोदी ने इस बात पर गर्व व्यक्त किया कि भारत की अध्यक्षता में अफ्रीकी संघ को जी-20 का स्थायी सदस्य बनाया गया। यह कदम भारत की उस सोच को दिखाता है कि वह विश्व के सबसे पिछड़े और उपेक्षित महाद्वीप को उनके हक का स्थान दिलाने की दिशा में नेतृत्व कर रहा है।
मोदी ने कहा—
“अफ्रीका की प्रगति वैश्विक प्रगति के लिए अनिवार्य है। और भारत हमेशा अफ्रीका के साथ खड़ा रहा है।”
इस दौरान उन्होंने G20-अफ्रीका स्किल मल्टीप्लायर इनिशिएटिव का प्रस्ताव रखा, जिसके तहत अगले 10 वर्षों में अफ्रीका में 10 लाख प्रशिक्षित प्रशिक्षक तैयार किए जाएंगे।
“पारंपरिक ज्ञान भंडार: भारत दुनिया को दे रहा है नई दिशा”
मोदी ने दूसरा बड़ा प्रस्ताव रखा—G20 ग्लोबल ट्रेडिशनल नॉलेज रिपॉजिटरी।
भारत का आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा और परंपरागत ज्ञान दुनिया को स्वास्थ्य और कल्याण के नए मार्ग दिखा सकता है। यह सिर्फ जानकारी का संग्रह नहीं, बल्कि एक वैश्विक हेल्थ मॉडल का आधार बन सकता है।
मोदी का यह प्रस्ताव वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली को भारतीय परंपरागत ज्ञान की ओर मोड़ने की क्षमता रखता है।
“G20 ग्लोबल हेल्थकेयर रिस्पॉन्स टीम: भारत का विश्व स्वास्थ्य सुरक्षा में बड़ा कदम”
कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को यह सिखाया कि स्वास्थ्य आपातकाल किसी भी राष्ट्र की क्षमता से बाहर जा सकता है। इसी चुनौती को देखते हुए मोदी ने G20 Global Healthcare Response Team बनाने का सुझाव दिया।
उन्होंने कहा कि सदस्य देशों के विशेषज्ञ डॉक्टरों और मेडिकल टीमों को प्रशिक्षित करके एक वैश्विक आपातदल बनाया जाए जिसे किसी भी देश में संकट होने पर तुरंत भेजा जा सके।
यह विचार न केवल दूरदर्शी है, बल्कि भारत की उस नीति को भी दर्शाता है जिसमें वह संपूर्ण मानवता को ‘एक परिवार’ मानता है—यही एकात्म मानववाद का आधार है।
“ड्रग्स-आतंकवाद के गठजोड़ पर प्रहार—PM मोदी ने दुनिया को झकझोरा”
मोदी के भाषण का सबसे शक्तिशाली हिस्सा वह था जिसमें उन्होंने ड्रग-टेरर नेटवर्क पर कटाक्ष किया। उन्होंने स्पष्ट संदेश दिया कि आज फेंटेनाइल जैसे खतरनाक ड्रग्स दुनिया की नई महामारी बन चुके हैं। इन ड्रग्स की तस्करी सिर्फ स्वास्थ्य का मुद्दा नहीं, बल्कि आतंकवादी तंत्र की आर्थिक रीढ़ बन चुकी है।
मोदी ने कहा—
“मादक पदार्थों की तस्करी और आतंकवाद एक-दूसरे के सहयोगी हैं। यह एक वैश्विक खतरा है जिसे खत्म करना अनिवार्य है।”
भारत ने इस समस्या से निपटने के लिए जी-20 में ड्रग-टेरर कॉम्बैट इनिशिएटिव का प्रस्ताव रखा।
मोदी ने साफ कहा—
“आइए, इस बदहाल मादक पदार्थ-आतंकवादी अर्थव्यवस्था को मिलकर ध्वस्त करें।”
“भारत की भूमिका: समाधान देने वाला राष्ट्र”
मोदी ने अपने संबोधन में यह संदेश भी दिया कि भारत अब समस्याओं की ओर इशारा नहीं करता—भारत समाधान लेकर आता है।
पारंपरिक ज्ञान, स्वास्थ्य प्रतिक्रिया दल, अफ्रीका की ताकत बढ़ाने का संकल्प और ड्रग-टेरर पर निर्णायक प्रहार—ये चारों प्रस्ताव दिखाते हैं कि भारत वैश्विक नेतृत्व की भूमिका में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
भारत अब केवल जनसंख्या, बाजार या भू-राजनीतिक ताकत के आधार पर नहीं, बल्कि विचार नेतृत्व के तौर पर अपनी पहचान स्थापित कर चुका है।

