कांग्रेस ने 40 साल तक सरदार पटेल को इतिहास से गायब रखने की साजिश रची

नड्डा का बड़ा हमला

कांग्रेस ने 40 साल तक सरदार पटेल को इतिहास से गायब रखने की साजिश रची

नई दिल्ली, 22 नवम्बर (एजेंसियां)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने शनिवार को कांग्रेस पर ऐसा वार किया है जिसने स्वतंत्र भारत के इतिहास लेखन और राजनीतिक उपेक्षा को लेकर नई बहस छेड़ दी है। नड्डा ने साफ कहा कि स्वतंत्रता और एकीकरण की लड़ाई में सरदार पटेल की निर्णायक भूमिका को कांग्रेस और उसके नेताओं ने दुर्भावनापूर्ण और राजनीतिक स्वार्थ के कारण जानबूझकर दबाया। नड्डा का आरोप है कि आजादी के बाद चार दशकों तक देश की कमान संभालने वाली कांग्रेस ने सुनियोजित रणनीति के तहत पटेल को इतिहास के हाशिये पर धकेला, सिर्फ इसलिए कि उनकी छवि नेहरू परिवार से ज़्यादा मजबूत और लोकप्रिय थी।

नड्डा ‘ऐट 150 यूनिटी मार्च’ को हरी झंडी दिखाने के बाद एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि अगर किसी व्यक्ति ने सरदार पटेल की असल महानता को समझा और उन्हें इतिहास में उनका असली सम्मान दिलाया, तो वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं। कांग्रेस ने दशकों तक जिस योगदान को दबाया, उस योगदान को प्रधानमंत्री मोदी ने न सिर्फ उजागर किया बल्कि उसे वैश्विक स्तर पर स्थापित किया।

“कांग्रेस ने पटेल को इतिहास से मिटाने की कोशिश की” — नड्डा

नड्डा ने अपने संबोधन में बेहद तीखे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि देश के पहले उप-प्रधानमंत्री और गृह मंत्री रहे सरदार वल्लभभाई पटेल का योगदान इतना विराट था कि यदि उसे सही रूप में प्रस्तुत किया जाता, तो कांग्रेस की नेतृत्व कथा ढह जाती। इसलिए कांग्रेस ने एक संगठित प्रयास के तहत पटेल की उपेक्षा की और इतिहास में उनके कद को जानबूझकर कमतर करके पेश किया।

उन्होंने कहा,
“यह एक साज़िश थी… एक सोची-समझी रणनीति कि पटेल को वह स्थान न मिले जिसके वे सच्चे हकदार थे। उनकी लोकप्रियता और निर्णायक नेतृत्व कांग्रेस को रास नहीं आया।”

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नड्डा के अनुसार, आजादी के तुरंत बाद जब देश 562 रियासतों में बंटा था, अंग्रेजों की साज़िश थी कि भारत हमेशा विभाजित रहे। लेकिन सरदार पटेल ने लोहे की तरह कठोर इच्छाशक्ति के साथ महज़ दो वर्षों में इन सभी रियासतों को एक झंडे के नीचे एकजुट कर दिया। नड्डा कहते हैं कि इस ऐतिहासिक कार्य को कांग्रेस ने न तो सम्मान दिया और न ही इसे इतिहास पुस्तकों में वह स्थान देने दिया, जिसके पटेल हकदार थे।

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“1950 से 1991 तक सत्ता में रहने के बावजूद कांग्रेस ने पटेल को भारत रत्न तक नहीं दिया”

नड्डा का आरोप बेहद गंभीर है। उन्होंने कहा कि पटेल को 1991 तक भारत रत्न नहीं दिया गया, जबकि तब तक 40 साल तक कांग्रेस केंद्र की सत्ता पर काबिज रही। यह सवाल भी उन्होंने उठाया कि आखिर कौन-सी राजनीतिक मजबूरी थी जिसने कांग्रेस को देश के इस महानायक को सर्वोच्च नागरिक सम्मान देने से रोक रखा था?

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नड्डा ने कहा,
“इतिहास को मोड़ने, तथ्य दबाने और एक परिवार की महिमा गाथा लिखने के लिए कांग्रेस ने पटेल को systematically sidelined किया। यह इतिहास के साथ द्रोह था।”

“मोदी ने पटेल को इतिहास में उनका असली स्थान दिलाया”

नड्डा के भाषण का केंद्र प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल रही। उन्होंने कहा कि गुजरात के केवडिया में बनाई गई स्टैच्यू ऑफ यूनिटी केवल एक प्रतिमा नहीं, बल्कि वह प्रतीक है जिसे कांग्रेस 40 साल तक दबाने में लगी रही।

यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है, और यह इस बात का प्रमाण है कि पटेल की धरोहर को सम्मान देने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति चाहिए—जो सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी ने दिखाई।

नड्डा ने कहा,
“मोदी जी ने सच्ची श्रद्धांजलि दी। उन्होंने सुनिश्चित किया कि भारत की आने वाली पीढ़ियां जान सकें कि भारत का एकीकरण किसने किया और 562 रियासतों को एक भारत बनाने का श्रेय किसे जाता है।”

कांग्रेस की राजनीति और इतिहास का विकृतिकरण?

बीते वर्षों में कई बार यह चर्चा सामने आई है कि इतिहास के अध्यायों को चुनिंदा ढंग से लिखा गया, ताकि कुछ नेताओं की छवि हमेशा जनता के सामने चमकती रहे जबकि असल नायकों को उपेक्षित कर दिया गया। नड्डा के मुताबिक कांग्रेस की राजनीति हमेशा व्यक्ति-पूजा और वंशवाद पर आधारित रही। इस व्यवस्था में पटेल जैसा विशाल व्यक्तित्व कांग्रेस नेतृत्व के “राजनीतिक समीकरणों” में फिट नहीं बैठता था।

“विभाजित भारत को एक मजबूत राष्ट्र बनाया पटेल ने”—नड्डा

नड्डा ने कहा कि अंग्रेजों की इच्छा के विपरीत पटेल ने एक ऐसी अखंड भारत की नींव रखी, जिसने आगे चलकर देश को मजबूत राष्ट्र के रूप में स्थापित किया।
उन्होंने कहा कि आज भारत जिस आत्मविश्वास और एकता के साथ आगे बढ़ रहा है, उसकी बुनियाद पटेल ने ही रखी थी।

लेकिन कांग्रेस ने इन तथ्यों को कभी सामने नहीं आने दिया, ताकि राजनीतिक लाभ का तराजू एक तरफ झुका रहे।

“अब सच सामने आ रहा है”

नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश अपनी सच्ची ऐतिहासिक विरासत को पहचान रहा है।
पटेल की नीतियों, दृष्टि और राष्ट्रनिर्माण में उनकी भूमिका को अब वह सम्मान मिल रहा है जिससे कांग्रेस ने दशकों तक उन्हें वंचित रखा।