योगी सरकार का बड़ा प्रहार: अब यूपी में घुसपैठियों की धर-पकड़ शुरू

हर जिले में बनेंगे निरुद्ध केंद्र—साफ संदेश, “प्रदेश में अवैध घुसपैठियों को बर्दाश्त नहीं!

योगी सरकार का बड़ा प्रहार: अब यूपी में घुसपैठियों की धर-पकड़ शुरू

CM योगी का कड़ा निर्देश—ज़िलेवार पहचान, तुरंत गिरफ्तारी, निरुद्ध केंद्रों में नजरबंदी और तय प्रक्रिया के बाद देश से बाहर भेजा जाएगा।

नई दिल्ली, 22 नवम्बर (एजेंसियां)। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में अवैध घुसपैठ को लेकर अब तक का सबसे बड़ा और व्यापक अभियान शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को राज्य के सभी जिलाधिकारियों को “घुसपैठियों की पहचान करो और तुरंत कार्रवाई करो” के स्पष्ट और कठोर निर्देश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री का यह आदेश न केवल प्रशासनिक सख्ती का संकेत देता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि प्रदेश सरकार अब अवैध प्रवासियों के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस नीति को एक नए स्तर पर लागू करने जा रही है।

इस आदेश के बाद राज्य में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों, फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर प्रदेश में रहने वालों, और संदिग्ध गतिविधियों में शामिल बाहरी तत्वों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू होने वाली है।

हर जिले में बनेगा “निरुद्ध केंद्र”—अवैध प्रवासियों को अब खुले में रहने की छूट नहीं

मुख्यमंत्री द्वारा जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि राज्य के हर जिले में अस्थायी निरुद्ध केंद्र (डिटेंशन सेंटर) बनाए जाएंगे। इनमें—

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी अवैध घुसपैठिए को प्रदेश में खुला घूमने की अनुमति नहीं होगी और प्रशासन इसे लेकर पूरी तरह सख्त रहेगा।

योगी का दो टूक संदेश—“कानून-व्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता”

मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को स्पष्ट बताया कि—

“प्रदेश की सुरक्षा, कानून-व्यवस्था और सामाजिक समरसता सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

यह बयान केवल प्रशासनिक दिशा भर नहीं, बल्कि एक सख्त संदेश है कि उत्तर प्रदेश अब अवैध गतिविधियों, फर्जी पहचानपत्रों, मानव तस्करी और देश-विरोधी तत्वों के लिए सुरक्षित जगह नहीं बनने देगा।

नेपाल सीमा साझा करने के कारण विशेष सतर्कता—निगरानी बढ़ाई जाएगी

उत्तर प्रदेश नेपाल से खुली सीमा साझा करता है, जहाँ दोनों देशों के नागरिक बिना वीज़ा के आ-जा सकते हैं।
लेकिन इस खुली सीमा का दुरुपयोग कर अन्य देशों के नागरिक भी प्रवेश की कोशिश करते हैं। सरकार ने निर्णय लिया है कि—

  • सीमावर्ती ज़िलों में अतिरिक्त सतर्कता

  • संदिग्ध प्रवासियों की जांच

  • पहचान सत्यापन की तेज प्रक्रिया

  • स्थानीय पुलिस, एसएसबी और इंटेलिजेंस एजेंसियों की समन्वित टीम

अब प्रदेश में सीमा–पार गतिविधियों पर पहले से अधिक कड़ी निगरानी रखेगी।

बिहार चुनाव प्रचार के दौरान योगी का पुराना बयान फिर चर्चा में

तीन नवंबर को बिहार में चुनाव प्रचार के दौरान योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि—
“यदि राजग सत्ता में लौटा तो घुसपैठियों को राज्य से बाहर निकाला जाएगा और उनकी संपत्ति गरीबों में बांटी जाएगी।”

अब उत्तर प्रदेश में जारी यह कार्रवाई उसी नीति का विस्तार माना जा रहा है, जहाँ घुसपैठियों के खिलाफ राजनीतिक नेतृत्व पूरी तरह आक्रामक मोड में है।

अवैध घुसपैठ पर रोक—आखिर क्या कारण हैं सख्ती के?

राज्य सरकार के मुताबिक अवैध घुसपैठ से—

  • आपराधिक गतिविधियों में वृद्धि

  • फर्जी दस्तावेज़ों का इस्तेमाल

  • नौकरी, आवास और संसाधनों पर दबाव

  • आतंकवाद और ड्रग तस्करी जैसी गंभीर चुनौतियाँ

  • सामाजिक असंतुलन और सांप्रदायिक तनाव

जैसी समस्याएँ पैदा होती हैं।

सरकार अब इन सब पर एक साथ प्रहार करना चाहती है।
इसलिए इस बार अभियान सीमित नहीं, बल्कि पूर्ण पैमाने पर और निरंतर चलाने की तैयारी है।

जिलाधिकारियों की भूमिका—पहचान, सत्यापन, हिरासत और निष्कासन की चार-स्तरीय प्रणाली

मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद प्रत्येक जिले में निम्न प्रक्रिया लागू होगी—

  1. पहचान

    • संदिग्ध व्यक्तियों की लिस्ट

    • फर्जी दस्तावेज़ चेक

    • स्थानीय पुलिस व खुफिया विभाग की रिपोर्ट

  2. सत्यापन

    • विदेशियों की नागरिकता की जांच

    • उनके प्रवेश की वैधता

    • मोबाइल, बैंक और यात्रा विवरण

  3. हिरासत

    • निरुद्ध केंद्र में रखा जाएगा

    • किसी भी तरह की अवैध गतिविधि रोकना

  4. निष्कासन

    • कानूनी प्रक्रिया के बाद

    • मूल देश वापस भेजा जाएगा

यह प्रक्रिया पूरी तरह कानूनी और केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुरूप होगी।

प्रदेश में माहौल—जनता का व्यापक समर्थन, विपक्ष की प्रतिक्रिया का इंतजार

प्रदेश में बड़ा वर्ग इस कार्रवाई का स्वागत कर रहा है। लोग मानते हैं कि इससे—

  • अपराध कम होगा

  • संसाधनों पर दबाव कम पड़ेगा

  • प्रदेश सुरक्षित बनेगा

  • फर्जी पहचान से चल रहे कारोबार और नेटवर्क टूटेंगे

विपक्ष की ओर से इस पर फिलहाल कोई तीखी प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर बड़ा विमर्श छिड़ सकता है।