“स्टार्टअप को हर स्तर पर मिले ताकत, निवेशकों को न हो एक दिन की भी देरी”
यूपी में आईटी क्रांति तेज़: योगी का निर्देश
लखनऊ, 15 नवम्बर 2025। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में प्रदेश को आईटी और स्टार्टअप सेक्टर की नई राजधानी बनाने का स्पष्ट रोडमैप पेश किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में स्टार्टअप संस्कृति तेजी से मजबूत हो रही है और इसे वैश्विक प्रतिस्पर्धा के स्तर तक पहुंचाने के लिए प्रशिक्षण, परीक्षण सुविधाएं, और मार्केट लिंकेज—तीनों पर त्वरित कार्रवाई आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने जोर दिया कि युवाओं को तकनीक आधारित नई अर्थव्यवस्था से जोड़ना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने निर्देश दिया कि आईटी और आईटीईएस सेक्टर में अधिकतम युवाओं को जोड़ने के लिए प्रायोगिक प्रशिक्षण मॉडल विकसित किए जाएं और इयान रियलिटी जैसी संस्थाओं के साथ सहयोग को और बढ़ाया जाए।
योगी ने स्पष्ट चेतावनी दी कि आईटी निवेशकों को अनुमति में देरी, पारदर्शिता की कमी या प्रोत्साहन राशि में विलंब किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पात्र निवेशकों को समयबद्ध लाभ उपलब्ध हो, इसके लिए विभागीय जवाबदेही तय की जाए।
सेमीकंडक्टर उद्योग को बढ़ावा देने की दिशा में एक परियोजना पहले ही स्वीकृत हो चुकी है, जबकि दो और प्रस्तावों पर भारत सरकार से संवाद जारी है। साथ ही नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र में बड़े पैमाने पर नए लैंड बैंक विकसित करने के निर्देश दिए गए हैं।
बैठक में बताया गया कि 2017-18 के 3,862 करोड़ रुपये के इलेक्ट्रॉनिक निर्यात के मुकाबले वर्ष 2024-25 में यह बढ़कर 44,744 करोड़ रुपये पर पहुंच चुका है। वहीं आईटी निर्यात भी 55,711 करोड़ से बढ़कर 82,055 करोड़ रुपये हो गया है। डेटा सेंटर पॉलिसी के अंतर्गत 21,342 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव आए हैं, जिससे 10,000 से अधिक रोजगार सृजित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने स्टार्टअप फंड की निगरानी को और मजबूत करने के निर्देश दिए।

