मैसूर के सीमांत गांवों में 21 बाघों के घूमने के बाद जारी अलर्ट
बेंगलुरु 15 नवंबर (एजेंसियां)। कर्नाटक वन विभाग ने मैसूर जिले के वन सीमांत गांवों में 21 बाघों के घूमने की सूचना मिलने के बाद शनिवार को अलर्ट जारी किया।
वन विभाग ने मैसूर जिले के वन-सीमांत गांवों में अलर्ट जारी कर दिया है। विभाग ने पुष्टि की है कि 21 बाघ वर्तमान में मानव बहुल क्षेत्रों से गुजर रहे हैं। इससे उन निवासियों में भय और बढ़ गया है जो पहले से ही एक महीने के भीतर बाघों के हमलों में तीन किसानों की मौत से स्तब्ध हैं।
उप वन संरक्षक परमेश ने यहां संवाददाताओं को बताया कि कुल 26 बाघ जंगल से भटक गए हैं जिनमें से अब तक पांच को पकड़ लिया गया है। शेष बाघ एचडी कोटे, सारागुर और मैसूर तालुकों में घूमते रहते हैं। एचडी कोटे के जंगलों से सटे गांवों में आठ बाघ, सारागुर तालुक के वन-सीमांत बस्तियों में तीन और मैसूर के सीमांत गांवों में 10 बाघ देखे गए हैं। विभाग ने जानवरों को पकड़ने के लिए तीन पालियों में लगातार अभियान शुरू किया है जिसमें उनकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए प्रशिक्षित जाल दल और थर्मल ड्रोन तैनात किए गए हैं।
श्री परमेश ने बताया कि अभियान अब बांदीपुर के हेदियाला उपखंड के मोलेयुर और नुगु क्षेत्रों में केंद्रित हैं। बाघों को पकड़ने के प्रयासों के अलावा वन विभाग ने किसानों को 10,000 मास्क वितरित किए हैं और उन्हें खेतों में काम करते समय इन्हें अपने सिर के पीछे पहनने की सलाह दी है। यह उपाय बाघों के हमलों को रोकने के उद्देश्य से किया गया है क्योंकि बाघ आमतौर पर मानव चेहरा देखकर हमला करने से बचते हैं। वन सीमा के आसपास रहने वाले ग्रामीणों को उम्मीद है कि सभी बाघों के पकड़े जाने या उनके सुरक्षित रूप से जंगल में वापस लौट जाने के बाद स्थिति सामान्य हो जाएगी। खतरा कम होने तक यह सघन अभियान जारी रहने की उम्मीद है।

