आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ेंगे भारत और कुवैत

भारत-कुवैत का साझा बयान

आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ेंगे भारत और कुवैत

इस्लाम के नाम पर आतंकवाद की कुवैत ने की निंदा 

कुवैत, 23 दिसंबर (एजेंसियां)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कुवैत के अमीर शेख अल अहमद अल जबेर अल सबाह की वार्ता के बाद जारी किए गए संयुक्त बयान में विशेष तौर पर सीमा पार आतंकवाद पर प्रहार किया गया है। कहा गया है कि इस पूरे आतंकवादी तंत्र को ध्वस्त करने की आवश्यकता है और इसके लिए दोनों देश संयुक्त रूप से कार्रवाई करेंगे। साइबर स्पेस की मदद से आतंकवादी जिस तरह कट्टरता फैलाते हुए सामाजिक सौहार्द पर चोट कर रहे हैं, इसे भारत और कुवैत के नेताओं ने साझा प्रयास से खत्म करने का संकल्प लिया है। कुवैत ने इस्लाम के नाम पर हो रही आतंकवादी और जेहादी गतिविधियों की कड़े शब्दों में निंदा की।

कुवैत यात्रा के दरम्यान प्रधानमंत्री मोदी ने कुवैत में एक विशिष्ट प्रतिनिधिमंडल से आह्वान किया कि वे आज के बढ़ते भारत में ऊर्जा, रक्षा, चिकित्सा उपकरणों, फार्मा क्षेत्र तथा खाद्य पार्क जैसे आधुनिक क्षेत्र में निवेश के अवसर तलाशने के लिए भारत आएं। भारत को इससे दो लाभ होंगे, एक तो प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ेगा, दूसरे दोनों देशों के बीच संबंधों में और गहराई आएगी। भारतीय प्रधानमंत्री की कुवैत यात्रा कई मायनों में असाधारण कही जा सकती है। चार दशक बाद भारत के प्रधानमंत्री और कुवैत के राष्ट्र प्रमुख के बीच हुई मुलाकात के बाद दोनों देशों ने साथ मिलकर विकास करने का एक मजबूत खाका प्रस्तुत किया और इस्लामी आतंकवाद पर मिलकर प्रहार करने का संकल्प लिया, यह अत्यंत महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

मोदी की कुवैत यात्रा इस मायने में भी महत्वपूर्ण रही कि इसमें कुवैत ने जल्दी ही भारत में निवेश को लेकर संधि करने में रुचि दिखाई है। यहां यह जानना दिलचस्प होगा कि भारत में खाड़ी देशों से हो रहे पूंजी निवेश में आठ गुणा की वृद्धि होना एक बड़ी उपलब्धि है। भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आंकड़े देखें तो सितंबर 2013 और सितंबर 2024 के बीच एक बड़ा बदलाव दिखाई देता है। खाड़ी सहयोग परिषद के सदस्य देशों का भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आज 24.54 अरब डॉलर से ज्यादा हो चुका है। इसकी अप्रैल 2000 से सितंबर 2013 के बीच के निवेश से तुलना करें तो तब इन्हीं देशों का निवेश 3.046 अरब डॉलर होता है। जबकि आज का निवेश इससे आठ गुणा से ज्यादा बढ़ चुका है।

दो दिवसीय कुवैत दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों देशों के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध और भारतीय प्रवासियों के योगदान को भारत का सॉफ्ट पावर करार दिया। पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय सभ्यता और विरासत हमारे सॉफ्ट पावर की नींव है। यह ताकत पिछले एक दशक में तेजी से बढ़ी है। इसमें सिनेमा, खान-पान और पर्यटन क्षेत्र की बड़ी भूमिका है। कुवैत की एक समाचार एजेंसी को दिए साक्षात्कार में पीएम मोदी ने कहा कि कुवैत और खाड़ी देशों में भारतीय फिल्मों का निर्माण खूब होता है। यह दोनों देशों के सांस्कृतिक संबंधों का उदाहरण है। कुवैत के लोग भी भारतीय सिनेमा को पसंद करते हैं। यहां पर भारतीय फिल्मों और अभिनेताओं पर तीन साप्ताहिक शो चलते हैं।

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पीएम मोदी ने कहा कि ठीक ऐसे ही भारत और कुवैत के भोजन और पाक कला में भी कई समानताएं हैं। सदियों से दोनों देशों के लंबे संपर्क के कारण भाषा की समानता और शब्दावली भी समान है। एक ओर जहां भारत विविधता, शांति और सहिष्णुता पर जोर देता है जो कुवैत के बहु सांस्कृतिक सामाजिक मूल्यों से मेल खाता है। एक कुवैती विद्वान ने रामायण और महाभारत का अरबी अनुवाद किया। पर्यटन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत का पर्यटन क्षेत्र भी इसकी सॉफ्ट पावर है। 43 यूनेस्को विश्व धरोहरों के साथ हम पर्यटन सुविधाओं को बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। भारत इतिहास, संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता का अनूठा मिश्रण है। भारत में पर्यटन के अनूठे अवसर कुवैत को सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने का न्योता देते हैं।  पीएम मोदी ने कहा कि कुवैत के विकास में भारतीयों ने डॉक्टर, व्यवसायी, निर्माण श्रमिक, इंजीनियर, नर्स और अन्य पेशेवरों के तौर पर अहम योगदान दिया है। पीएम ने कहा कि जैसे-जैसे भारत और कुवैत के संबंध रणनीतिक साझेदारी की ओर बढ़ेंगे तो यहां भारतीय समुदाय की भूमिका में इजाफा होगा। मुझे यकीन है कि कुवैत का शीर्ष नेतृत्व भारतीय समुदाय की इस भूमिका का पहचानेगा और समर्थन देगा।

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पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच ऊर्जा द्विपक्षीय साझेदारी एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। पिछले वर्ष दोनों देशों के बीच व्यापार 10 अरब अमेरिकी डॉलर को पार कर गया। यह हमारी साझेदारी के गहरे विश्वास और पारस्परिक लाभ को दर्शाता है। भारत-कुवैत लगातार ऊर्जा क्षेत्र में शीर्ष 10 व्यापारिक साझेदारों में शुमार हैं। भारतीय कंपनियां कुवैत से कच्चे तेल, एलपीजी और पेट्रोलियम उत्पादों का आयात करती हैं। जबकि कुवैत को पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात भी करती हैं। कुवैत भारत का छठा सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता और चौथा सबसे बड़ा एलपीजी आपूर्तिकर्ता है। पीएम मोदी ने कहा कि आगे सहयोग की अपार संभावनाएं हैं, क्योंकि भारत तीसरा सबसे बड़ा वैश्विक ऊर्जा, तेल और एलपीजी उपभोक्ता बनकर उभर रहा है।

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पीएम ने कहा कि भारत को ग्लोबल साउथ की आवाज उठाने का मौका मिला है। हम साथी देशों की चिंताओं को भी समझते हैं। संघर्षों और खाद्य, ईंधन और उर्वरक की चुनौतियों ने वैश्विक दक्षिण क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित किया है। वे जलवायु परिवर्तन को भी झेल रहे हैं। भारत वैश्विक दक्षिण के लिए एक विश्वसनीय साझेदार, संकट के वक्त प्रथम प्रतिक्रियादाता, जलवायु कार्रवाई में अग्रणी तथा समावेशी वृद्धि एवं विकास का समर्थक है।

कुवैत समाचार एजेंसी (केयूएनए) को दिए एक साक्षात्कार में पीएम मोदी ने उन प्रयासों में मदद करने की इच्छा व्यक्त की, जिससे गाजा और यूक्रेन में शीघ्र शांति की बहाली हो सके। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि युद्ध के मैदान में ऐसे संघर्षों का समाधान नहीं खोजा जा सकता। उन्होंने मतभेदों को दूर करने तथा बातचीत के माध्यम से समाधान निकालने के लिए हितधारकों के बीच ईमानदार और व्यावहारिक सहभागिता के महत्व पर बल दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने फलस्तीन के लिए एक संप्रभु, स्वतंत्र और सक्षम राज्य की स्थापना के वास्ते बातचीत द्वारा दो-देश समाधान के प्रति भारत के समर्थन को भी दोहराया।

जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों को लेकर पीएम ने कहा कि हम कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, लेकिन जलवायु परिवर्तन से बड़ी कोई चुनौती नहीं है। हमें इसे लेकर सामूहिक कार्रवाई करने की जरूरत है। इसके लिए साथ आना होगा। भारत के नेतृत्व वाली हरित पहलों को सभी देशों के लिए जलवायु परिवर्तन से सामूहिक रूप से निपटने, पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने, आपदा-रोधी बुनियादी ढांचे का निर्माण करने और स्वच्छ ऊर्जा की ओर वैश्विक बदलाव को आगे बढ़ाने के लिए एक मंच के रूप में माना।

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