कथित आईएएस गौरव ने बिहार पहुंचाने के लिए दिए थे एक करोड़

कथित आईएएस गौरव ने बिहार पहुंचाने के लिए दिए थे एक करोड़

गोरखपुर, 08 नवंबर (एजेंसियां)। गोरखपुर स्टेशन पर करीब एक करोड़ रुपए के साथ पकड़े गए बिहार के रामचरण टोलामोकामा (पटना) निवासी मुकुंद माधव ने पूछताछ में जीआरपी को उलझाने की कोशिश की। पहले उसने कहा कि रकम गोरखपुर के बरगदवा के रहने वाले एक आईएएस की है। फिर उसने खुद उसे फर्जी आईएएस बता दिया। अब पुलिस यह जांच कर रही है कि आखिरकार बरगदवा के वे शातिर कौन हैंजो बिहार विधानसभा चुनाव में बड़ी रकम खपाने की कोशिश कर रहे हैं। पकड़े गए रुपए कथित तौर पर मोकामा विधानसभा क्षेत्र में चुनाव लड़ रहे बाहुबली प्रत्याशी के प्रचार-प्रसार में खर्च के लिए जाने की आशंका जताई जा रही है। पुलिस पकड़े गए मुकुंद से और पूछताछ कर फर्जी आईएएस के बारे में जानकारी जुटा रही है।

जीआरपी के अनुसारशुक्रवार सुबह गोरखपुर स्टेशन पर संदिग्ध हालात में घूम रहे युवक को रोककर पूछताछ की गई। उसने अपना नाम मुकुंद माधवनिवासी रामचरण टोलामोकामा (पटना) बताया। उसके पास एक बड़ा बैग था। जब जीआरपी कर्मियों ने बैग खोलने को कहा तो उसने पहले टालमटोल की। बाद में कहा कि बैग उसके नहीं बल्कि एक आईएएस अधिकारी गौरव कुमार का है और वह उसे बिहार पहुंचा रहा है। युवक का व्यवहार संदिग्ध लगने पर टीम ने दबाव बनाया तो पहले उसने बैग में 10 लाखफिर 50 लाख रुपए होने की बात कही। जब बैग खोला गया तो उसमें बड़ी मात्रा में 500 के नोट मिले। रुपए को तत्काल जब्त कर एसबीआई की शाखा में मशीन से गिनवाया गयाजिसमें कुल 99 लाख नौ हजार रुपए पाए गए। रकम जब्त करने के बाद जीआरपी ने सूचना आयकर विभाग और स्थानीय खुफिया इकाई (एलआईयू) को दी।

जांच के दौरान आरोपी ने बताया कि रुपए गोरखपुर के बरगदवां निवासी गौरव कुमार ने दिए थेजो खुद को आईएएस अधिकारी बताता है। उसने कहा था कि यह रकम मोकामा तक सुरक्षित पहुंचानी है। हालांकि न तो गौरव कुमार किसी सरकारी सेवा में पाया गया और न ही आरोपी के पास रकम से जुड़े कोई वैध कागजात मिले। पुलिस को शक है कि यह रकम मोकामा विधानसभा क्षेत्र में चुनावी गतिविधियों में खर्च की जानी थीजहां इस समय कई बाहुबली प्रत्याशी आमने-सामने हैं। इधर मामला संज्ञान में आने के बाद एलआईयू ने भी फर्जी आईएएस गौरव कुमार का पता लगाने में जुट गई है। जीआरपी ने जब मुकुंद से पूछताछ की तो पता चला कि वह ठेकेदारी के नाम पर लोगों से संपर्क बनाता है। यहीं नहीं रुपए देने वाले गौरव को भी फर्जी आईएएस बताकर प्रभावशाली लोगों से मेलजोल रखने की बात कही। प्राथमिक जांच में सामने आया कि गौरव कुमार का सरकारी सेवा से कोई संबंध नहीं है। फिलहाल उसकी लोकेशन ट्रेस की जा रही है।

आयकर विभाग की प्राथमिक जांच में यह रकम बेनामी बताई जा रही है। विभाग यह भी जांच कर रहा है कि इतने बड़े स्तर पर नकदी गोरखपुर से बिहार तक क्यों ले जाई जा रही थी और इसके पीछे कौन लोग सक्रिय हैं। वहीं एलआईयू को आशंका है कि यह रकम बिहार चुनाव में बाहुबलियों के उपयोग के लिए भेजी जा रही थी ताकि मोकामा क्षेत्र में मतदाताओं को प्रभावित किया जा सके। जीआरपी इंस्पेक्टर अनुज सिंह ने बताया कि मुकुंद माधव के बयान में कई विरोधाभास हैं। शुरुआत में उसने खुद को सरकारी ठेकेदार बताया और कहा कि यह रकम किसी परियोजना से जुड़ी हैलेकिन जब उससे दस्तावेज मांगे गए तो वह कोई प्रमाण पेश नहीं कर सका।

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जीआरपी इंस्पेक्टर के अनुसारबिहार पुलिस को भी मामले की जानकारी दी गई है। मोकामा और पटना पुलिस को गौरव कुमार और उसके संपर्कों की जांच का जिम्मा सौंपा गया है। अधिकारियों का मानना है कि यह मामला सिर्फ नकदी बरामदगी का नहींबल्कि चुनावी धन के गैरकानूनी हस्तांतरण का भी हो सकता है। फिलहाल पूरी रकम आयकर विभाग को सौंप दी गई है। पुलिस ने आरोपी मुकुंद माधव को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी हैजबकि रुपए देने वाले फर्जी आईएएस गौरव कुमार की तलाश में टीमें जुटी हैं। बरामद रकम को एसबीआई में गिनती कराने के बाद आयकर विभाग को सुपुर्द कर दिया गया। अब आयकर विभाग बैंक ट्रेलमोबाइल कॉल डिटेल और संभावित नेटवर्क की जांच में जुटा है। जीआरपी और स्थानीय खुफिया इकाई भी यह पता लगाने में लगी हैं कि रुपए बरगदवा से किसके निर्देश पर भेजे जा रहे थे। फिलहाल युवक से लगातार पूछताछ की जा रही है और पुलिस ने उसके मोबाइलयात्रा टिकट व अन्य दस्तावेज जब्त कर लिए हैं। जांच एजेंसियों ने कहा है कि अगर हवाला या चुनावी फंडिंग का कनेक्शन साबित होता है तो एफईएमए और पीएमएलए (मनी लॉन्ड्रिंग कानून) के तहत भी कार्रवाई की जाएगी।

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