सीमा पर लगेंगे रेडियोधर्मिता जांचने वाले उपकरण
पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों पर कारगर प्रहार के बाद भारत में सतर्कता
नई दिल्ली, 16 मई (एजेंसियां)। ऑपरेशन सिंधु के तहत पाकिस्तान के कई ठिकानों पर हुए करारा हमले के बाद भारत सरकार ने एक बार फिर पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार, चीन और नेपाल से लगने वाले सीमा क्षेत्रों में रेडियोधर्मी पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए वैज्ञानिक उपकरणों की तैनाती की प्रक्रिया को सक्रिय कर दिया है।
ऑपरेशन सिंधु के बाद परमाणु उपकरणों में इस्तेमाल होने वाले रेडियोधर्मी पदार्थों की तस्करी को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। इसके पहले भी भारत सरकार ने पाकिस्तान और बांग्लादेश के रास्ते सीमावर्ती बिंदुओं से होने वाली संभावित परमाणु तस्करी को रोकने के लिए कई वैज्ञानिक उपाय किए थे।
इस बार भारत ने बॉर्डर पर तैनात होने वाले सुरक्षा बलों, चेक पोस्टों और पड़ोसी देशों की सीमाओं पर आईडीएफ (इंटीग्रेटेड डिफेंस फोर्स) के सहयोग से आरंभिक स्तर पर परमाणु जांच प्रणाली स्थापित करने का निर्णय लिया है।
रेडियोधर्मी पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए किए जा रहे उपाय
भारत सरकार के वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों का कहना है कि ऑपरेशन सिंधु के तहत पाकिस्तान के कई सैन्य ठिकानों पर हमले के बाद पड़ोसी देश बौखलाए हुए हैं। ऐसे में यह आशंका है कि पाकिस्तान, म्यांमार और नेपाल के रास्ते भारत की भूमि को अस्थिर करने के लिए परमाणु या रेडियोलॉजिकल फैला उपकरण बनाने के लिए कुछ कर सकता है।
आईडीएफ ड्राइव, माटीरियल स्कैनर में स्थित किया जाएगा जो थर्मल सेंसरों से युक्त होगा और रेडियोधर्मी विकिरण की जांच करेगा।
असम में श्रीमंतपुर, मिजोरम में तुइपुई, मेघालय में दावकी (सभी बांग्लादेशी सीमा पर), मणिपुर में मोरेह (म्यांमार सीमा), काठमांडू और जनकपुर (नेपाल) के जरिए भी कुछ ऐसे उपकरणों की तैनाती की जा रही है, जिससे किसी भी प्रकार की तस्करी या सामग्री की संदेहास्पद आवाजाही को रोका जा सके।