आतंकियों के साथ आतंकी ढांचों का खत्म होना जरूरी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दुनिया से दो-टूक कहा
पाकिस्तान को फंडिंग का मतलब आतंकवाद को फंडिंग
नई दिल्ली, 10 जून (एजेंसियां)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आतंकियों के साथ-साथ आतंकी ढांचों को खत्म करना जरूरी है। पूरी दुनिया में पाकिस्तान को बेनकाब करना जरूरी हो गया है। यह बात पूरी दुनिया के सामने आ रही है कि पाकिस्तान को फंडिंग का मतलब है कि आतंकवाद को फंडिंग। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान को मिलने वाली विदेशी आर्थिक मदद को बंद करना होगा। आतंकवाद को खाद-पानी नहीं मिलना चाहिए। इसमें संयुक्त राष्ट्र की भूमिका अहम है, लेकिन उसके निर्णयों पर सवालिया निशान लग रहे हैं। पाकिस्तान को आतंकवाद विरोधी समिति में उपाध्यक्ष बनाया गया है। यह बिल्ली से दूध की रखवाली करवाने वाली बात है। इससे बड़ी दुर्भाग्य की बात क्या हो सकती है। यह वही पाकिस्तान है, जिसकी जमीन का इस्तेमाल वैश्विक आतंकवाद के लिए होता रहा है। यहां हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकी खुले आम घूमते हैं और जहर उगलते हैं। उसे आप वाइस चेयरमैन बनाते हैं। आतंकी के जनाजे में पाकिस्तानी फौज के अफसर फातिहा पढ़ते नजर आते हैं, यह क्रूर मजाक से कम नहीं है।

राजनाथ ने कहा, जब हम राष्ट्रीय सुरक्षा की बात करते हैं तो सैनिकों की सुरक्षा और सरकार की मजबूती दिखाई देती है। इसके साथ एक और शक्ति होती है, स्वस्थ और स्वतंत्र पत्रकारिता। पत्रकारिता सिर्फ सूचना देने वाली नहीं, बल्कि समाज को सशक्त बनाने वाली और चेतना देने वाली शक्ति होती है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा पहलगाम में आतंकियों ने जिस तरह धर्म पूछकर लोगों को निशाना बनाया, उसने देश को झकझोर दिया। उन्होंने धर्म पूछकर मारा, लेकिन हमने उनका धर्म पूछकर नहीं, उनका कर्म देखकर मारा। यह देश की सामाजिक एकता पर हुआ हमला था। धर्म पूछकर मारने के पीछे उनका उद्देश्य था भारत की सांस्कृतिक एकता को नुकसान पहुंचाना। रक्षा मंत्री ने कहा, हमने उनके आतंकी ढांचे को तबाह कर दिया। लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के मुख्यालयों पर पहली बार किसी ने हमला किया है, तो वह भारत है। यह आतंकियों के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है।
अनुच्छेद 370 पर बोलते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि आप सभी ने देखा होगा कि जब तक जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 लागू था, तब तक सभी कहते थे कि कश्मीर भारत में तो है, लेकिन वह भारत से इंटिग्रेट नहीं है। अब 370 हटने के बाद वह भारत से पूरी तरह इंटिग्रेट हो गया है। जम्मू-कश्मीर में लाखों पर्यटक आए। जमीनी स्तर पर वहां सुशासन दिख रहा है। जम्मू-कश्मीर को भारत का मस्तक कहा जाता है, जब यह मस्तक चमकने लगा तो पड़ोसी को चमक बर्दाश्त नहीं हुई और उसने आतंकी वारदात को अंजाम दिया। आतंकियों को तो हमने जवाब दे दिया, लेकिन इस तरह की घटना भविष्य में न हो, यह भारतीय सुरक्षा से जुड़ा अहम मुद्दा है। अब जनता के स्तर पर भी सतर्क होने का समय आ गया है। आतंकवाद मानवता का सबसे बड़ा अभिशाप है।
उन्होंने कहा, मानवीय सभ्यता के सबसे अहम मूल्यों का यह दुश्मन है। आतंकवाद हमारे लोकतंत्र और सह-अस्तित्व के समक्ष बड़ा खतरा है। यह विकृत मानसिकता है। मानवता पर कलंक है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई मानवता के मूलभूत मूल्यों की रक्षा की लड़ाई है। मानवता के सामने जितनी भी भयावह बीमारियां आईं, वह देर-सवेर खत्म हुई। आतंकवाद भी महामारी है, उसे मरना ही है। लेकिन इसे अपनी मौत मरने को नहीं छोड़ा जा सकता। यह चुनौती देता रहेगा। इसलिए आतंकवाद की समस्या का अब स्थायी समाधान बहुत आवश्यक है।
रक्षा मंत्री ने कहा, इतिहास ने यह बार-बार साबित किया है कि आतंकवाद का कितना भी बड़ा लक्ष्य हो, वह सफल नहीं हो सकता। यह सोचना भी कदापि उचित नहीं है कि कोई आतंकवादी किसी देश के लिए स्वतंत्रता सेनानी हो सकता है। 2016 में इस्लामाबाद में दक्षेस सम्मेलन में मैंने यही बात मजबूती से रखी थी। आतंकवाद की कोख से क्रांति नहीं, बर्बादी और नफरत ही पैदा होती है। हमने हमेशा देखा है कि पाकिस्तान जैसे देश आतंकवाद को समर्थन देते आए हैं। भारत की पहचान लोकतंत्र की जननी के रूप में, जबकि पाकिस्तान की पहचान आतंकवाद को जन्म देने वाले के रूप में हो रही है। राजनाथ सिंह ने कहा, कोई भी इंसान अपनी जड़ों को उजाड़ना नहीं चाहता। पाकिस्तान के पास स्पष्ट दिशा नहीं है, इसलिए वहां आतंकवाद धंधा बन चुका है। हमेशा किसी न किसी बाहरी शक्ति के दबाव में वह आता रहा है। पाकिस्तान की पीठ पर आज एक नहीं, कई बैताल बैठे हैं जो उसे प्रगति की राह पर नहीं जाने दे रहे। भारत चाहता है कि आतंकवाद पाकिस्तान से नहीं, बल्कि पूरी दुनिया से खत्म हो। पाकिस्तान को हमारी सलाह है कि अगर आपसे आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पा रही है तो हम आपकी मदद करने को भी तैयार हैं। भारत की सेनाएं सरहर के इस पार और उस पार कार्रवाई करने में सक्षम हैं। ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान ने भी यह देख लिया। पाकिस्तान जिद्दी बच्चे की तरह यह मानता नहीं। दुनिया पाकिस्तान पर कूटनीतिक, रणनीतिक और आर्थिक दबाव बनाए।
राजनाथ सिंह ने कहा, कोई भी इंसान अपनी जड़ों को उजाड़ना नहीं चाहता। पाकिस्तान के पास स्पष्ट दिशा नहीं है, इसलिए वहां आतंकवाद धंधा बन चुका है। हमेशा किसी न किसी बाहरी शक्ति के दबाव में वह आता रहा है। पाकिस्तान की पीठ पर आज एक नहीं, कई बैताल बैठे हैं जो उसे प्रगति की राह पर नहीं जाने दे रहे। भारत चाहता है कि आतंकवाद पाकिस्तान से नहीं, बल्कि पूरी दुनिया से खत्म हो। पाकिस्तान को हमारी सलाह है कि अगर आपसे आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पा रही है तो हम आपकी मदद करने को भी तैयार हैं। भारत की सेनाएं सरहद के इस पार और उस पार कार्रवाई करने में सक्षम हैं। ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान ने भी यह देख लिया। पाकिस्तान जिद्दी बच्चे की तरह यह मानता नहीं। दुनिया पाकिस्तान पर कूटनीतिक, रणनीतिक और आर्थिक दबाव बनाए।
उन्होंने कहा कि भारत आज सिर्फ सीमाओं की रक्षा नहीं कर रहा, बल्कि ऐसी व्यवस्था खड़ी रहा है जो हमें सामरिक, आर्थिक और तकनीकी रूप से मजबूत बना रही है। पहले हम रक्षा उपकरणों के लिए विदेशों पर निर्भर रहे थे। आज हम गौरव से कह सकते हैं कि हम आत्मनिर्भर बन रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर में बने बहुत से हथियार इस धरती पर भारतवासियों के हाथों से बने हैं। भारत के रक्षा क्षेत्र को मजबूती देना सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में रहा है। रक्षा मंत्री ने कहा कि रक्षा निर्माण के क्षेत्र में हमारे पास इंडिजनाइज्ड लिस्ट है। ऐसी चीजों की पहचान कर ली गई हैं, जो विदेशों में बनती हैं। इन चीजों को अब किसी भी सूरत में आयात नहीं करेंगे, इन्हें भारत में ही बनाएंगे। रक्षा क्षेत्र के हमारे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में भी लाइन रिप्लेसमेंट यूनिट्स में 5000 से ज्यादा चीजें भी भारत में ही बनेंगी। जब हम मेक इन इंडिया की तरफ बढ़ रहे हैं तो हमने स्वदेशी कंपनियों के हितों को भी ध्यान में रखा। सामान खरीदने के हमारे कुल बजट में से 75 फीसदी सामान हम स्वदेशी कंपनियों से ही खरीदेंगे। रियल टाइम डिफेंस एक्सपो हमने दुनिया को ऑपरेशन सिंदूर में दिखा दिया।
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