अमरनाथ यात्रा ड्यूटी पर जा रहे बीएसएफ  को दी जर्जर ट्रेन

रेलवे के चार अधिकारी निलंबित किए गए

 अमरनाथ यात्रा ड्यूटी पर जा रहे बीएसएफ  को दी जर्जर ट्रेन

नई दिल्ली, 11 जून (एजेंसियां)। अमरनाथ यात्रा में ड्यूटी के लिए जा रहे बीएसएफ के 1200 जवानों को रेलवे की ओर से खस्ताहाल ट्रेन दी गई थी। ट्रेन का हाल देखकर जवानों ने उसमें चढ़ने से इन्कार कर दिया। रेल मंत्री ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए चार अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा ड्यूटी पर जा रहे बीएसएफ के 1200 जवानों को जर्जर ट्रेन देने के मामले में गाज गिर गई है। रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने बुधवार को कैबिनेट की प्रेस ब्रीफिंग के दौरान बताया कि खराब रैक देने के मामले में रेलवे के चार अधिकारी सस्पेंड कर दिए गए हैं। यह स्पेशल ट्रेन छह जून को बीएसएफ जवानों को लेकर त्रिपुरा के उदयपुर रेलवे स्टेशन से जम्मू तवी स्टेशन के लिए रवाना होनी थी। मंत्रालय ने ट्रेन बदलने के साथ ही इस गलती के लिए जिम्मेदार अलीपुरद्वार मंडल के चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।

बीएसएफ के जवानों को भारतीय रेलवे ने एक ऐसी ट्रेन मुहैया करा दी कि उसकी जर्जर हालत देखकर जवान दंग रह गए। ट्रेन की हालत देखकर ऐसा लग रहा था कि जैसे उसे लंबे समय से इस्तेमाल ही न किया गया हो। खिड़कीदरवाजेबिजली उपकरण व टॉयलेटसब जर्जर हालत में थे। बीएसएफ जवानों ने अपने आला अधिकारियों को उक्त घटना से अवगत कराया। चार दिन बाद मंगलवार को एनएफआर जोन ने दूसरी ट्रेन उपलब्ध कराई। बीएसएफ जवानों को अमरनाथ यात्री की ड्यूटी के लिए कश्मीर पहुंचना था।

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सीमा सुरक्षा बल बीएसएफ के जवानों की वीरता को खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी माना है। बीएसएफ जवानों ने सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया था। अमित शाह ने जम्मू में बीएसएफ जवानों की पीठ थपथपाते हुए कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जब पाकिस्तान ने हमारे नागरिक रियाहशी इलाकों पर हमला कियातब अकेले बीएसएफ के जम्मू फ्रंटियर ने 118 से ज्यादा पाकिस्तान की पोस्ट तबाह कर दी। उन्हें भारी नुकसान पहुंचाया गया। दुश्मन की संपूर्ण निगरानी प्रणाली को चुन-चुन कर ध्वस्त किया गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा थाउसे खड़ा करने में दुश्मन को शायद चार-पांच साल का समय लगे।

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बीएसएफ आईजी गुवाहाटी फ्रंटियर की ऑपरेशन ब्रांच द्वारा एनएफ रेलवे मालेगांव गुवाहाटी (असम) से एक स्पेशल ट्रेन की व्यवस्था करने का आग्रह किया गया था। इस गाड़ी में बीएसएफ के लगभग 12 सौ जवान सवार होने थे। इनमें त्रिपुरा फ्रंटियर बीएसएफ की सात कंपनीगुवाहाटी फ्रंटियर से तीन कंपनियां और एम एंड सी फ्रंटियर की भी तीन कंपनियां शामिल हैं। इन सभी कंपनियों के 12 सौ जवानों को एडहॉक 12 व 13 बटालियन के हिस्से के तौर पर अमरनाथ यात्रा 2025 की ड्यूटी के लिए रवाना होना था। यह स्पेशल ट्रेन उदयपुर रेलवे स्टेशन (त्रिपुरा) से छह जून को जम्मू तवी रेलवे स्टेशन के लिए चलनी थी। बीएसएफ की तरफ से जवानों की सुगमता के मद्देनजररेलवे से एसी 2 वाले दो कोचएसी 3 के दो कोचस्लीपर के 16 कोच और 4 जीएस/एसएलआर मुहैया कराने की मांग की गई। उदयपुर (त्रिपुरा)अमबासा (त्रिपुरा) बदरपुर (असम)गोलपारा और कूचविहार (पश्चिम बंगाल) रेलवे स्टेशन से बीएसएफ जवानों को स्पेशल ट्रेन नंबर 00709 में सवार होना था।

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बीएसएफ के कंपनी कमांडर ने उदयपुर से चलने वाली स्पेशल ट्रेन का निरीक्षण किया कि वह जवानों की सुरक्षा एवं दूसरी आवश्यकताओं के हिसाब से ठीक है या नहीं। निरीक्षण के दौरान ट्रेन के हालात देखकर बीएसएफ के अधिकारी और जवान हैरान रह गए। सूत्रों के मुताबिकट्रेन के वैगनों की स्थिति अमानवीय और दयनीय थी। इसका उपयोग जवानों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए नहीं किया जा सकता। जांच के बाद पता चला कि महीनों से वैगन का इस्तेमाल नहीं किया गया था। प्रत्येक वैगन में हर जगह टूटी हुई वस्तुएं पड़ी थीं। ट्रेन की खिड़कियों और दरवाजों में छेद बने हुए थे। टॉयलेट सीटेंटूटी पड़ी थी। ट्रेन के फर्श पर सैकड़ों कॉकरोच दौड़ रहे थे। अधिकांश सीटों पर गंदगी फैली हुई थी। ट्रेन के कई वैगनों में बल्ब या बिजली का कनेक्शन ही नहीं था।

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ट्रेन में एक कंपनी के शस्त्र/आवासभंडार और जवानों के बिस्तर के लिए उपलब्ध कराई गई जगह पर्याप्त नहीं थी। इस मामले को बीएसएफ के आला अधिकारियों के संज्ञान में भी लाया गया। कंपनी कमांडर की ओर से बताया गया कि ट्रेन के वैगनयात्रा के उपयोग के लिए नहीं थे। आंतरिक सुरक्षा ड्यूटी के लिए रवाना हो रहे बीएसएफ जवानों के लिए इस तरह की ट्रेन में सफर करना जोखिम भरा है। मंगलवार को इस मामले में जब भारतीय रेलवे के एनएफआर जोन के एक वरिष्ठ अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा था कि छह जून को रवाना होने वाली ट्रेन रद्द हो गई थी। वजहबीएसएफ की तरफ से ट्रेन की खामियों को लेकर कड़ी आपत्ति जताई गई थी। इस वजह से अब उन्हें दूसरी ट्रेन दी गई है। नई ट्रेन मंगलवार को रवाना कर दी गई है। इसके चलते बीएसएफ जवानों की अमरनाथ यात्रा के लिए तैनाती में भी देरी हो गई है। पहले इन जवानों को कश्मीर में 12 जून तक तैनात किया जाना था।

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