यादगीर में डेंगू के मामलों की निगरानी के लिए वॉर रूम स्थापित
यादगीर/शुभ लाभ ब्यूरो| जिला अस्पताल में वॉर रूम की स्थापना के साथ, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने कर्नाटक के यादगीर जिले में डेंगू के मामलों से निपटने के लिए पहल की है| वॉर रूम में दो चिकित्सा कर्मचारियों को तैनात किया गया है जो यात्रा इतिहास वाले मरीजों और उन्हें दिए जा रहे उपचार पर नजर रखेंगे| वे उन्हें सावधानियों के बारे में भी सलाह देंगे| वेक्टर जनित रोगों के जिला रोकथाम अधिकारी साजिद ने कहा यह एक नियमित प्रक्रिया है जो विभाग हर साल जून और सितंबर के बीच करता है| यह अवधि डेंगू पर नियंत्रण के लिए सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है| दूसरी ओर, विभाग ने बीमारी का पता लगाने के लिए संदिग्ध मरीजों से लिए गए नमूनों की चिकित्सा जाँच की|
उन्होंने कहा जनवरी से अब तक १,३६४ नमूनों की जाँच की जा चुकी है, जिनमें से २७ में डेंगू की पुष्टि हुई है| विभाग ने जुलाई में डेंगू मुक्त माह मनाया और डेंगू से बचाव के तरीकों के बारे में जागरूकता फैलाई| आशा कार्यकर्ता हर शुक्रवार को घर-घर जाकर लार्वा सर्वेक्षण करती हैं| वे बीमारी को फैलने से रोकने के लिए ऐसे लार्वा को नष्ट करने की कार्रवाई करते हैं| कर्नाटक सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार, जिस घर में डेंगू के दो मामले सामने आते हैं, उसे हॉटस्पॉट कहा जाएगा| अधिकारी मच्छरों के काटने से बचने के लिए मरीजों को शरीर पर लगाने के लिए नीम का तेल बाँटेंगे|
डेंगू एक वायरल संक्रमण है जो संक्रमित मच्छरों के काटने से मनुष्यों में फैलता है| संक्रमित मच्छरों के काटने के बाद व्यक्ति को बुखार, सिरदर्द और बदन दर्द होता है| डॉ. साजिद ने कहा लोगों को अपने आस-पास साफ-सफाई बनाए रखनी चाहिए और जमा पानी को साफ करते रहना चाहिए| उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पुराने बेकार टायर, नारियल के छिलके और अन्य चीजें, जिन पर मच्छर अंडे देते हैं, घरों के आस-पास न रखी जाएँ| २०२३ में २,८५६ नमूनों की जाँच के बाद डेंगू के ९३ मामले सामने आए| २०२४ में ४,७४६ नमूनों की जाँच के बाद १३७ मामले पॉजिटिव पाए गए| २०२५ में (आज तक) १,२९० नमूनों के परीक्षण के बाद २७ मामले पॉजिटिव पाए गए|