ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को तबाह करने वाले 9 फाइटर पायलट-ऑफिसर को वीर चक्र

86 गैलेंट्री अवॉर्ड का ऐलान

ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को तबाह करने वाले 9 फाइटर पायलट-ऑफिसर को वीर चक्र

नई दिल्ली, 14 अगस्त, (एजेंसियां)। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर ऑपरेशन सिंदूर में बहादुरी और साहस दिखाने वाले आर्म्ड फोर्स के 86 जवानों को गैलेंट्री अवॉर्ड देने का ऐलान हुआ है। वायुसेना के 52 जवानों को वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

एयरफोर्स के 9 ऑफिसर को वीर चक्र दिया गया है। इनमें ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को तबाह करने वाले फाइटर पायलट भी शामिल हैं। परमवीर चक्र और महावीर चक्र के बाद यह तीसरा सबसे बड़ा पुरस्कार है।

सरकार ने आर्म्ड फोर्स के 7 ऑफिसर को सर्वोत्तम युद्ध सेवा पदक दिया है। इनमें एयरफोर्स के 3, आर्मी के 2 और नेवी के एक ऑफिसर हैं। इससे पहले ये पदक कारगिल युद्ध के समय दिए गए थे।

इंडियन आर्मी के 18 जवानों को वीरता मेडल से सम्मानित किया गया है। भारतीय सेना के अधिकारी ने बताया कि 2 सीनियर इंडियन आर्मी ऑफिसर को सर्वोत्तम युद्ध सेवा पदक से सम्मानित किया गया। वहीं 4 कीर्ति चक्र, 4 वीर चक्र और 8 शौर्य चक्र दिए गए हैं।
BSF के 16 जवान वीरता मेडल से सम्मानित

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सीमा सुरक्षा बल (BSF) के 16 जवानों को गैलेंट्री मेडल दिया गया है। BSF देश की पहली सुरक्षा लाइन है, जो 2290 किलोमीटर लंबी भारत-पाकिस्तान सीमा और पश्चिमी इलाके में लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) की निगरानी और रक्षा करती है। ऑपरेशन के दौरान BSF के दो जवान शहीद और सात घायल हुए।

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इसके अलावा पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों को भी मेडल से सम्मानित किया है। इनमें जम्मू-कश्मीर पुलिस के 128, CRPF के 20 और छत्तीसगढ़ पुलिस के 14 पदक शामिल हैं।

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सेंट्रल-स्टेट फोर्स के 1090 पुलिसकर्मियों को सेवा पदक केंद्र सरकार ने सेंट्रल और स्टेट फोर्स के 1090 पुलिसकर्मियों को सेवा पदक देने की घोषणा की है। गृह मंत्रालय के मुताबिक, 233 पुलिसकर्मियों को वीरता मेडल, 99 को राष्ट्रपति का विशिष्ट सेवा पदक और 758 को उत्कृष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया है।

इनमें फायर सर्विस, होम गार्ड, सिविल डिफेंस और करेक्शनल सर्विस पर्सनल भी शामिल हैं। जम्मू-कश्मीर के सबसे ज्यादा 152 पुलिसकर्मियों को वीरता मेडल मिले हैं।

इन जांबाजों को मिलेगा वीर चक्र

1.  कर्नल कोशांक लांबा, 304 मीडियम रेजिमेंट (तोपखाना)

2. लेफ्टिनेंट कर्नल सुशील बिष्ट, मीडियम बैटरी (तोपखाना)

3. नायब सूबेदार सतीश कुमार, डोगरा रेजीमेंट

4. राइफलमैन सुनील कुमार, जम्मू कश्मीर लाइट इन्फेंट्री

5. ग्रुप कैप्टन रंजीत सिंह सिद्धू, फाइटर पायलट (रफाल)

6. ग्रुप कैप्टन मनीष अरोरा, फाइटर पायलट

7. ग्रुप कैप्टन अनिमेष पटनी, फाइटर पायलट

8. ग्रुप कैप्टन कुणाल कालरा, फाइटर पायलट

9. विंग कमांडर जॉय चंद्रा, फाइटर पायलट

10. स्क्वाड्रन लीडर सार्थक कुमार, फाइटर पायलट

11. स्क्वाड्रन लीडर सिद्धांत सिंह, फाइटर पायलट

12. स्क्वाड्रन लीडर रिजवान मलिक, फाइटर पायलट

13. फ्लाइट लेफ्टिनेंट आर्शवीर सिंह ठाकुर, फाइटर पायलट

14. सब इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज (मरणोपरांत), बीएसएफ

15. कॉन्स्टेबल दीपक चिंगाखम (मरणोपरांत), बीएसएफ

रक्षा मंत्रालय ने हालांकि, वीर चक्र देने के लिए प्रशस्ति पत्र का खुलासा नहीं किया है, लेकिन माना जा रहा है कि वायुसेना के उन फाइटर पायलट को वीर चक्र से नवाजा गया है, जिन्होंने पाकिस्तान में जैश ए मोहम्मद के बहावलपुर और मुरीदके स्थित लश्कर ए तैयबा के आतंकी हेडक्वार्टर को तबाह किया था. 

फाइटर पायलट को भी वीर चक्र देने का ऐलान

इसके अलावा उन फाइटर पायलट को भी वीर चक्र देने का ऐलान किया गया है, जिन्होंने पाकिस्तान के एयरबेस पर बमबारी कर नेस्तानबूद किया था. वायुसेना की एस-400 मिसाइल प्रणाली से पाकिस्तान के फाइटर जेट और टोही विमान गिराने वाले जांबाज वायु-योद्धाओं को वीर चक्र से नवाजा गया है. थलसेना के उन दो अधिकारियों को वीर चक्र देने की घोषणा की गई है, जिन्होंने अपनी तोप के जरिए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानी पीओके में आतंकियों के ठिकानों को बर्बाद किया था.

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान शौर्य की गाथा

बीएसएफ के सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज और कॉन्स्टेबल दीपक चिंगाखम, एक साथ जम्मू क्षेत्र की खरखोला बीओपी (चौकी) पर तैनात थे. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एसआई इम्तियाज और उनके साथी कॉन्स्टेबल दीपक ने पाकिस्तानी की चौकियों पर जबरदस्त बमबारी कर बर्बाद किया था. इसी दौरान पाकिस्तान ने खरखोला चौकी पर मोर्टार से हमला कर दिया. 

अपने साथियों की जान बचाने के लिए एसआई इम्तियाज और दीपक चौकी से बाहर आए और दूसरे सीमा-प्रहरियों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने लगे. उसी वक्त पाकिस्तान की तरफ से एक ड्रोन ने दोनों पर बम गिरा दिया. दोनों इस हमले में बुरी तरह जख्मी हुए और बाद में मिलिट्री हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया.

26 एयर ऑफिसर्स को सम्मान

गलवान घाटी की झड़प (2020) के बाद पहली बार है कि सरकार (राष्ट्रपति) ने देश के वीर सैनिकों को युद्धकाल से जुड़ा वीरता पुरस्कार दिया है. गलवान घाटी की हिंसा में देश के लिए बलिदान देने वाले कर्नल संतोष बाबू को मरणोपरांत महावीर चक्र से नवाजा गया था, जो देश का दूसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार है.   

राष्ट्रपति ने वायुसेना के 26 एयर ऑफिसर्स को ऑपरेशन सिंदूर में हिस्सा लेने के लिए वायुसेना (वीरता) से नवाजा है. इनमें दो वायु-योद्धा, भारतीय वायुसेना के दो पूर्व एयर चीफ मार्शल के बेटे हैं. पूर्व वायुसेना प्रमुख एनएके ब्राउन (2014-16) के बेटे ग्रुप कैप्टन उमर ब्राउन और पूर्व वायुसेना प्रमुख वीआर चौधरी (2021-24) के बेटे मिहिर चौधरी का नाम भी ऑपरेशन सिंदूर में वीरता मेडल पाने वाले में शुमार है.

07 टॉप कमांडर्स को सर्वोत्तम युद्ध सेवा मेडल

थलसेना, वायुसेना और नौसेना के 07 टॉप कमांडर्स को सर्वोत्तम युद्ध सेवा मेडल से नवाजा गया है. इन सभी को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान महत्वपूर्ण रणनीति बनाने के लिए सम्मान दिया गया है.

1. लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा, कमांडिंग इन चीफ, उत्तरी कमान (उधमपुर). पूरे जम्मू कश्मीर, सियाचिन और लेह-लद्दाख की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाती है सेना की उत्तरी कमान.

2. लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स). अब पदोन्नति के बाद थलसेना के डिप्टी चीफ (उप-प्रमुख) बन गए हैं.

3.  वाइस एडमिरल संजय जसजीत सिंह, कमांडिंग इन चीफ, पश्चिमी कमान (नौसेना). इसी महीने रिटायर हुए हैं.

4. एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी, वाइस चीफ (वायुसेना)

5. एयर मार्शल जीतेंद्र मिश्रा, कमांडिंग इन चीफ, पश्चिमी कमान (वायुसेना)

6. एयर मार्शल एके भारती, डीजी, एयर ऑप्स (वायुसेना)

कुल 127 वीरता मेडल देने का ऐलान

79वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति ने कुल 127 वीरता मेडल देने का ऐलान किया है. इनमें 15 वीर चक्र के अलावा 04 कीर्ति चक्र (शांति काल का दूसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार), 16 शौर्य चक्र (शांति काल का तीसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार), दो सेना मेडल (बार), 58 सेना मेडल, छह (06) नौ सेना मेडल, 26 वायुसेना मेडल शामिल हैं.

राष्ट्रपति ने सात (07) सर्वोत्तम युद्ध सेवा मेडल के अलावा 09 उत्तम युद्ध सेवा मेडल और 24 युद्ध सेवा मेडल दिए जाने की घोषणा की है. इसके साथ ही 290 मेन्सन इन डिस्पेच भी थलसेना, नौसेना, वायुसेना और बीआरओ के जवानों को दिए गए हैं.

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