राजन्ना के जाने से खाली हुए सहकारिता मंत्री पद के लिए प्रतिस्पर्धा शुरू
-डी.के. सुरेश दौड़ में
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| के.एन. राजन्ना के मंत्रिमंडल से बाहर होने के बाद खाली हुए सहकारिता विभाग को लेकर कांग्रेस में भारी खींचतान चल रही है| राजन्ना को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया है, जबकि एपेक्स बैंक और केएमएफ अध्यक्ष पदों के लिए चुनाव लंबित हैं| पूर्व सांसद डी.के. सुरेश, जो उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के भाई भी हैं, केएमएफ अध्यक्ष पद पर नजर गड़ाए हुए हैं| इसके अलावा, मलूर निर्वाचन क्षेत्र के विधायक के.वाई. नंजेगौड़ा, वर्तमान केएमएफ अध्यक्ष भीमा नायक और विधायक राघवेंद्र हितनाल सहित कई लोग भी इस पद पर नजर गड़ाए हुए हैं|
मंत्री सतीश जारकीहोली का गुट मुख्यमंत्री सिद्धरामैया के करीबी सहयोगी राघवेंद्र हितनाल को केएमएफ अध्यक्ष बनाने की कोशिश कर रहा था| राजन्ना अप्रत्यक्ष रूप से इसका समर्थन कर रहे थे| इस समय, मतदाता सूची में अनियमितताओं को लेकर कांग्रेस पार्टी के खिलाफ बयान देने के बाद राजन्ना मंत्रिमंडल से अपनी जगह खो चुके हैं| एक गुट मुख्यमंत्री सिद्धरामैया पर दबाव बना रहा है कि वे खाली किए गए सहकारिता विभाग को योजना एवं सांख्यिकी मंत्री डी. सुधाकर को सौंप दें|
लेकिन मंत्री सतीश जारकीहोली इस बात पर अड़े हैं कि यह विभाग उन्हें दिया जाए| सहकारिता विभाग मुख्यमंत्री के पास ही रखा जाए या उन्हें दिया जाए, अन्यथा गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर को दिया जाए| सहकारिता विभाग वर्तमान में बहुत महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ संभाल रहा है| यशस्विनी योजना सहकारी क्षेत्र में सदस्यों की नियुक्ति सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दे हैं|
केएमएफ और शीर्ष अध्यक्ष पद कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठित हैं| कांग्रेस के प्रभावशाली लोग और प्रभावशाली लोगों के परिवार के सदस्य इन पदों को पाने के लिए पैरवी कर रहे हैं| राजन्ना के जाने से डी.के. शिवकुमार का गुट राहत की सांस ले रहा है| अनुमान लगाया जा रहा है कि इन सभी पदों के लिए अपने मनचाहे लोगों को चुनना उनके लिए आसान होगा| राजन्ना को मंत्रिमंडल से हटाने के बाद अंतर्मुखी हो चुके मुख्यमंत्री सिद्धरामैया अपने ही गणित में लगे हुए हैं| इस स्तर पर इस बात को लेकर उत्सुकता बढ़ गई है कि सहकारिता विभाग किसे मिलेगा|