ओडिशा के राज्यपाल ने घृणा को नकारते हुए एकता और करुणा का किया आह्वान
भुवनेश्वर 14 अगस्त (एजेंसी)। ओडिशा के राज्यपाल डॉ. हरि बाबू कंभमपति ने भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आज आयोजित कार्यक्रम में नागरिकों से घृणा को नकारने, करुणा को अपनाने और एकता को मज़बूत करने का आग्रह किया।
राजभवन के नए अभिषेक हॉल में आयोजित विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. कंभमपति ने कहा “ विभाजन के ज़ख्मों ने गहरे निशान छोड़े हैं जो आज भी हमारी राजनीति और धारणाओं को प्रभावित करते हैं। फिर भी, नफ़रत की राजनीति को हमारे दिलों को फिर कभी नहीं बाँटना चाहिए। सहिष्णुता, सहानुभूति और न्याय के माध्यम से एकता को पोषित किया जाना चाहिए।”
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, ओडिशा उच्च शिक्षा, खेल एवं युवा सेवा, तथा उड़िया भाषा, साहित्य एवं संस्कृति मंत्री सूर्यवंशी सूरज और प्रथम महिला जयश्री कंभमपति ने भाग लिया।
विभाजन को ‘ मानवता की सबसे गंभीर त्रासदियों में से एक’ बताते हुए, डॉ. कंभमपति ने उपमहाद्वीप के सांस्कृतिक और सांप्रदायिक बंधनों के टूटने के कारण हुए सामूहिक विस्थापन और अनगिनत लोगों की जान जाने को याद किया।
उन्होंने 14 अगस्त को इस वार्षिक समारोह की शुरुआत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की ताकि आने वाली पीढ़ियां इस त्रासदी की भयावहता को समझ सकें और उससे सीख सकें।
राज्यपाल ने विभाजन के दौरान विस्थापित हुए लोगों के प्रति ओडिशा की सहानुभूतिपूर्ण प्रतिक्रिया की भी सराहना की, जबकि राज्य भौगोलिक रूप से इसके केंद्रों से बहुत दूर था।
उन्होंने कहा,“ मानवता की यह भावना हमारे राज्य के नैतिक ताने-बाने में रची-बसी है।”
युवाओं से एकता और समावेशिता को बनाए रखने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा “ विभाजन विनाश करता है जबकि एकता निर्माण करती है। हमारी स्मृति हमें एकजुट होकर खड़े होने के संकल्प को और मजबूत करना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ऐसा अंधकार हमारी धरती पर फिर कभी न छाए।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता ने जहां आज़ादी दिलाई, वहीं लाखों परिवारों के लिए विस्थापन, अलगाव और क्षति का दर्द भी लाया।
उन्होंने कहा “ हमारे पूर्वजों ने विभाजन के ज़ख्म सहे लेकिन उस तबाही से एकता का सपना बुना।”
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि 14 अगस्त की भयावहता को याद किए बिना स्वतंत्रता दिवस का जश्न अधूरा है।
उन्होंने कहा “ इतिहास से सीखे बिना हम आगे नहीं बढ़ सकते।”
उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सूरज ने कहा कि विभाजन के दौरान लोगों ने जो दर्द सहा, उसे इतिहास में उचित मान्यता नहीं मिली।
इस कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद निरंजन बिशी, एकामरा भुवनेश्वर के विधायक बाबू सिंह और सैकड़ों नागरिक शामिल हुए। इस अवसर पर विस्थापित परिवारों को सम्मानित किया गया।