कोप्पल के गवी सिद्दप्पा हत्याकांड का मामला विधानसभा में गूंजा
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| कोप्पल गवी सिद्दप्पा हत्याकांड को विधानसभा में उठाने वाले भाजपा सदस्यों ने बुधवार को इस बात पर रोष व्यक्त किया कि राज्य की कांग्रेस सरकार ने एक हिंदू कार्यकर्ता की हत्या को हल्के में लिया है| विधानसभा के शून्यकाल के दौरान, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने कहा कि वाल्मीकि समुदाय के एक हिंदू कार्यकर्ता गवी सिद्दप्पा नामक युवक की दूसरे समुदाय के सैयद नामक व्यक्ति ने कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी, क्योंकि वह कथित तौर पर दूसरे धर्म की एक युवती से प्रेम करता था|
हत्या से एक दिन पहले, सैयद ने इंस्टाग्राम पर कुल्हाड़ी पकड़े हुए पोस्ट किया था और कहा था कि अगर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एहतियाती कदम उठाए होते तो हत्या टाली जा सकती थी| कोप्पल में हिंदू संगठनों द्वारा कोप्पल बंद का आह्वान करने के बाद, पुलिस ने तीन-चार आरोपियों को गिरफ्तार किया|
उन्होंने बताया कि गवी सिद्दप्पा के पिता निंगप्पा ने शिकायत दर्ज कराई थी| गवी सिद्दप्पा एक गरीब परिवार से हैं और राज्य सरकार को उनके परिवार के सदस्यों को ५० लाख रुपये का मुआवजा, दो एकड़ जमीन और सरकारी नौकरी देनी चाहिए| यह सुहास शेट्टी की हत्या जैसी ही एक हत्या है और इसकी जाँच राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) को सौंपी जानी चाहिए| उन्होंने कहा कि लोगों का स्थानीय पुलिस पर से विश्वास उठ गया है| इस दौरान, कोप्पल जिले के प्रभारी मंत्री शिवराज तंगदागी स्पष्टीकरण देने के लिए आगे आए|
पार्टी विधायक राघवेंद्र हितनाल भी स्पष्टीकरण देने के लिए आगे आए| लेकिन भाजपा विधायकों ने उन्हें ऐसा करने नहीं दिया| विपक्ष के नेता आर. अशोक, विधायक डॉ. सी.एन. अश्वथनारायण और भाजपा व जनता दल (एस) के सभी विधायक खड़े होकर अपना विरोध जताने लगे| उन्होंने नारे लगाए कि हत्या के तीन दिन बाद आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और सरकार को अपने गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार पर शर्म आनी चाहिए| इस अवसर पर, मंत्री प्रियांक खड़गे, चेलुवरायस्वामी, एम.बी. पाटिल, लक्ष्मी हेब्बालकर और अन्य की विपक्षी दलों के सदस्यों के साथ बहस हुई|
सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के बीच शोरगुल के कारण यह सुनना असंभव था कि कौन क्या कह रहा है| अध्यक्ष यू.टी. खादर ने हस्तक्षेप किया और कहा कि स्थायी आदेश और अन्य नियमों में गंभीर मामलों पर चर्चा करने का प्रावधान है| शून्यकाल में चर्चा की कोई गुंजाइश नहीं है| उन्होंने कहा कि अगर सरकार है, तो वह आज या कल चर्चा का जवाब देगी| भाजपा के सुरेश कुमार, अरगा ज्ञानेंद्र और अन्य ने बीच में ही टोकते हुए पूछा कि अध्यक्ष सरकार होने पर संदेह क्यों व्यक्त कर रहे हैं| अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि मेरी कन्नड़ सही नहीं है, आपको समझना चाहिए| विपक्षी सदस्यों ने टोकते हुए कहा कि आपकी कन्नड़ सही है और यह राय भी सही है कि सरकार नहीं है|