अब यूरिया की हर बोरी पर लगेगी गोदाम की मुहर
उत्तर प्रदेश में खाद संकट
तस्करी रोकने के लिए बनाई गई ये विशेष रणनीति
लखनऊ, 30 अगस्त (एजेंसियां)। यूपी में खाद संकट के बीच सरकार ने फैसला लिया है कि अब खाद की हर बोरी पर संबंधित गोदाम और समिति की मुहर लगाई जाएगी। इससे पता चल सकेगा कि संबंधित खाद किस समिति से उठाई गई है। प्रदेश में खाद की कालाबाजारी और तस्करी रोकने के लिए यह रणनीति अपनाई गई है।
प्रदेश में खरीफ सीजन में बॉर्डर के जिलों से खाद की तस्करी होने की शिकायत मिली। तमाम चौकसी के बाद भी यूरिया एवं अन्य खाद नेपाल पहुंच गई। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के निरीक्षण में भी यह बात सामने आई। जिन किसानों के पास एक बिस्वा भी खेत नहीं है, उनके नाम पर 40 से 50 बोरी खाद की खरीद फरोख्त हुई। सिद्धार्थनगर और महराजगंज जिले में ऐसे मामलों में रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई है। सीमावर्ती अन्य जिलों में भी इस तरह के मामले सामने आए हैं। कई स्थानों पर पकड़ी गई खाद सहकारी गोदाम की है अथवा निजी दुकान की, इसे लेकर भी विवाद की नौबत आई। ऐसे में सहकारिता विभाग ने नई रणनीति तैयार की है। अब रबी सीजन शुरू होने से पहले ही सहकारिता विभाग ने अपनी समितियों की खाद को मुहरबंद करने का फैसला लिया है। इसके तहत यूपी कोआपरेटिव फेडरेशन की गोदाम में खाद के पहुंचते ही बोरियों पर संबंधित फेडरेशन की मुहर लगाई जाएगी। यहां से खाद की बोरियां जिस सहकारी समिति में भेजी जाएंगी। उस समिति की भी मुहर लगेगी। ऐसे में कोई भी किसान खाद की बोरी लेकर निकलेगा तो आसानी से पता चल सकेगा कि वह किस समिति से खाद लेकर जा रहा है। साथ ही संबंधित समिति को किस गोदाम से खाद उपलब्ध कराई गई है, इसके भी स्पष्ट प्रमाण रहेंगे। इससे खाद की कालाबाजारी होने, तस्करी होने अथवा खाद की गुणवत्ता प्रभावित होने की दशा में संबंधित गोदाम के प्रभारी और समिति के सचिव के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जा सकेगी। सहकारिता विभाग के आयुक्त एवं निबंधक योगेश कुमार ने इस संबंध में पीसीएफ निदेशक और सभी जिलों के सहायक निबंधकों को निर्देश जारी किया है।
प्रदेश की 6861 सहकारी समितियों पर खाद का वितरण किया जा रहा है। प्रदेश में 28 अगस्त को समितियों पर 13942 मीट्रिक टन यूरिया का वितरण किया गया है। 29 अगस्त को 2.67 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 3.16 लाख मीट्रिक टन फास्फेट मौजूद रही। कई रैक रास्ते में हैं, जो 31 को विभिन्न जिलों में पहुंच जाएंगी। ऐसे में 31 अगस्त को समितियों के पास 4.61 लाख मीट्रिक टन यूरिया और 3.25 लाख मीट्रिक टन फास्फेट पहुंच जाएगी।
सहकारिता आयुक्त एवं निबंधक योगेश कुमार ने कहा, खाद को लेकर हर स्तर पर निगरानी की जा रही है। सचिवों की जिम्मेदारी भी तय की गई है। समितियों के सदस्य किसानों को वरीयता के आधार पर खाद उपलब्ध कराया जा रहा है। कई बार कालाबाजारी और तस्करी की स्थिति में समितियों पर भी आरोप लगता है। इन आरोपों को देखते हुए नई व्यवस्था अपनाई जा रही है ताकि हकीकत सामने आ सके। नई व्यवस्था से पारदर्शिता बढ़ेगी और जिम्मेदारी तय होगी।
निजी क्षेत्र के फुटकर दुकानदार खाद में हेराफेरी न करने पाए, इसके लिए भी तत्परता बरती जा रही है। कृषि विभाग की ओर से औचक निरीक्षण की प्रक्रिया निरंतर जारी रखी गई है। जिलों में खाद की कालाबाजारी की निगरानी में लगी टीम अब नए सिरे से जांच करेगी। इसके तहत तिथिवार थोक और फुटकर विक्रेताओं के रजिस्टर का मिलान किया जाएगा। मिलान के दौरान देखा जाएगा कि जिले के थोक विक्रेता के गोदाम से कितनी खाद निकली और फुटकर विक्रेता के गोदाम में संबंधित तिथि में कितनी खाद पहुंची। पिछले दिनों निदेशालय से जिलों में भेजी गई टीमों को यह इनपुट मिला कि थोक विक्रेता के यहां से चली खाद रास्ते में दूसरे स्थान पर चली जाती है। फुटकर विक्रेता एक से दो दिन में संबंधित खाद बिक्री की सूची तैयारी कर लेते हैं।