नागरिकता के बिना वोटर लिस्ट में नाम कैसे?

सोनिया गांधी की तरफ से नहीं आया कोई वकील

नागरिकता के बिना वोटर लिस्ट में नाम कैसे?

नई दिल्ली, 10 सितंबर (एजेंसियां)। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी का नाम भारतीय नागरिक बनने से पहले मतदाता सूची में शामिल होने वाले मामले में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। सोनिया गांधी की ओर से कोर्ट में कोई भी पेश नहीं हुआ। दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में आज इस मामले पर सुनवाई हुई। शिकायतकर्ता विकास त्रिपाठी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ने दलील दी कि मतदाता बनने के लिए सबसे पहले भारतीय नागरिक होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी ने भारतीय नागरिक की सीमा पार करने से पहले ही मतदाता सूची में नाम दर्ज करवा लिया। नारंग ने 1982 में सोनिया गांधी का नाम हटाने के पीछे का कारण भी पूछा और कहा कि जरूर चुनाव आयोग को फर्जी दस्तावेज मिले होंगे तभी नाम हटाया गया।

यह मामला सोनिया गांधी पर आपराधिक कार्रवाई करने की मांग से जुड़ा है। जब शिकायतकर्ता विकास त्रिपाठी ने कोर्ट में याचिका दायर कर सोनिया गांधी पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई। बताया गया कि सोनिया गांधी का नाम 1980 में मतदाता सूची में शामिल किया गया और 1982 में हटा लिया गया जबकि 1983 में सोनिया गांधी भारतीय नागरिक बनी थीं।

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