दिवालिया कंपनी के मालिकों और दलालों ने किया फ्रॉड  

कई बैंकों से की गई 346 करोड़ की धोखाधड़ी

 दिवालिया कंपनी के मालिकों और दलालों ने किया फ्रॉड  

काले धन से अय्याशी: कांग्रेस विधायक ईडी के शिकंजे में

नई दिल्ली 10 सितंबर (एजेंसियां)। 346 करोड़ के बैंक फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को दिल्ली, एनसीआरतमिलनाडु और कर्नाटक में व्यापक छापामारी की। यह घोटाला बिजली क्षेत्र की कंपनी और उसके प्रवर्तकों की ओर से किया गया। गुरुग्राम स्थित हाइथ्रो पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल)उसके निदेशकों अमूल गबरानी और अजय कुमार बिश्नोई के अलावा कुछ अन्य के खिलाफ ईडी की जांच चल रही है। एचपीसीएल कंपनी खुद को दिवालिया भी घोषित कर चुकी है और उसके लिक्विडेशन की प्रक्रिया भी चल रही है। दूसरी तरफ, कर्नाटक के कांग्रेस विधायक केसी वीरेंद्र पर भी सौ करोड़ से अधिक की अवैध सम्पत्ति मामले में ईडी ने कार्रवाई की है।

धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज ईडी का मामला फरवरी 2025 में सीबीआई की ओर से दर्ज की गई एक प्राथमिकी से जुड़ा है। प्रवर्तकों पर आरोप है कि उन्होंने ऋण राशि को अपनी कुछ संबद्ध संस्थाओं को हस्तांतरित कर दियाजिससे बैंकों को नुकसान हुआ। ईडी के गुरुग्राम क्षेत्रीय कार्यालय ने इस जांच के तहत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में स्थित पांच परिसरोंचेन्नई में तीन और बेंगलुरु में एक परिसर की तलाशी ली। शिकायतकर्ता बैंकों की ओर से घोषित कथित धोखाधड़ी की राशि 346.08 करोड़ रुपए हैजिसमें पीएनबी की ओर से 168.07 करोड़ रुपएआईसीआईसीआई बैंक की ओर से 77.81 करोड़ रुपएकोटक महिंद्रा बैंक की ओर से 44.49 करोड़ रुपए और यूनियन बैंक की ओर से 55.71 करोड़ रुपए शामिल हैं। यह धोखाधड़ी 2009 और 2015 के बीच हुई बताई गई है।

एचपीसीएल एक विद्युत पारेषण और वितरण क्षेत्र की कंपनी है। यह विद्युत पारेषण लाइनों के लिए टर्नकी परियोजनाओं के डिजाइननिर्माण और निर्माण में लगी हुई थी। यह आरोप है कि कंपनी के प्रवर्तकों और निदेशकों ने बहु-बैंकिंग व्यवस्था के तहत कंसोर्टियम के प्रमुख बैंक पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से कुल 165.71 करोड़ रुपए की ऋण सुविधाएं प्राप्त कीं। प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि बैंक गारंटियों को वित्तपोषित ब्याज सावधि ऋण (एफआईटीएल) में बदलने सहित कई पुनर्गठनों के बावजूद एचपीसीएल ने डिफॉल्ट किया और 31 मार्च, 2015 को इसे गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) घोषित कर दिया गया। बाद में 13 जून, 2024 को आरबीआई के पास इसके बतौर धोखाधड़ी के रूप में नामित करने की रिपोर्ट भेज दी गई।

कर्नाटक के चित्रदुर्ग से कांग्रेस विधायक केसी वीरेंद्र की की अवैध कमाई और सम्पत्तियों की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जांच कर रहा है। 6 सितंबर को चल्लकेरे में विधायक के ठिकानों पर छापे में सोनाचांदी और करोड़ों की सम्पत्ति बरामद हुई थी। ईडी ने विधायक के ठिकानों से 21.43 किलो सोने के बिस्किट10.98 किलो सोने की परत वाली चांदी और करीब 1 किलो के गहने जब्त किए। इनकी कुल कीमत करीब 24 करोड़ रुपए बताई गई है। यह कोई पहली बरामदगी नहीं है। इससे पहले हुई छापेमारियों और जब्तियों को मिलाकर इस पूरे केस में अब तक 100 करोड़ रुपए से अधिक की अवैध सम्पत्ति सामने आ चुकी है।

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ईडी की जांच में सबसे बड़ा खुलासा यह हुआ है कि विधायक वीरेंद्र और उनके साथियों ने ऑनलाइन सट्टेबाजी का नेटवर्क चलाया। उन्होंने किंग567राजा567लायन567प्ले567 और प्लेविन567 जैसी वेबसाइटें बनाकर लाखों लोगों से करोड़ों रुपए वसूले। यह पैसा सीधा उनके खातों में नहीं डाला जाता थाबल्कि इसे पेमेंट गेटवे और फर्जी (म्यूल) बैंक खातों के जरिए इधर-उधर घुमाया जाता थाताकि इसकी असली पहचान छुपी रहे। जांच एजेंसी के पास अब ऐसे ठोस सबूत हैंजिनसे यह साफ हो गया है कि सारी कमाई अवैध थी और मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इसे सफेद दिखाने की कोशिश की गई।

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जांच में यह भी सामने आया है कि विधायक और उसका परिवार इस काले धन का इस्तेमाल शाही जीवनशैली अपनाने में कर रहे थे। उसने कई बार अंतरराष्ट्रीय यात्राएं कीं, जिनका खर्च इन्हीं पैसों से उठाया गया। साथ ही करोड़ों रुपए की लग्जरी कारें भी खरीदी गईं। ईडी ने दस्तावेजों से यह भी पाया कि एक मर्सीडीज कार एबीएच इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर खरीदी गई थी। वहीं, एक रेंज रोवर कार की फंडिंग गुलशन खट्टर नाम के व्यक्ति ने की थी। जांचकर्ताओं का मानना है कि यह सारी सम्पत्ति अवैध रूप से अर्जित पैसों से खरीदी गई और इन्हें भी जब्ती की कार्रवाई में शामिल किया जाएगा। इससे पहले 4 सितंबर को बेंगलुरु की एक विशेष अदालत ने विधायक वीरेंद्र की ईडी कस्टडी को 4 दिन और बढ़ा दिया था। अदालत में पेश किए गए दस्तावेजों से साफ हुआ कि उसने सट्टेबाजी से कमाए गए पैसों को वैध दिखाने के लिए बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग की। ईडी अधिकारियों का कहना है कि जांच अभी शुरुआती चरण में है और आने वाले दिनों में इस केस से जुड़े और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।

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