संभल में एंटी टेररिस्ट स्क्वाड की यूनिट शुरू
आतंकी गतिविधियों की कई नई-पुरानी फाइलें खुलेंगी
संभल, 10 सितंबर (एजेंसियां)। संभल में एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) यूनिट का अस्थायी कार्यालय शुरू हो गया है। वर्ष 1990 के बाद से लापता हुए संभल के कई युवक आतंकवादी संगठनों में शामिल हो गए, तभी से खुफिया एजेंसियां लगातार नजर बनाए हुई थीं। अब एटीएस की इकाई उन सभी नई-पुरानी फाइलों को खंगालेगी और आवश्यक कार्रवाई करेगी।
एटीएस के अधिकारी ने बताया कि संभल के दो लोग आतंकी गतिविधियों में शामिल होने की सजा भी काट चुके हैं। कई की तलाश देश की सभी बड़ी खुफिया एजेंसी कर रही हैं। एक आतंकी अमेरिका के हमले में मारा जा चुका और एक एक युवक आतंकवादी होने के आरोप में पाकिस्तान की जेल में बंद है। इन गतिविधियों के कारण संभल जिला खुफिया एजेंसियों की रडार पर रहा है। दीपा सराय निवासी मोहम्मद उस्मान देश में आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का आरोपी है और 2023 से देश में भगोड़ा घोषित है। फिलहाल वह पाकिस्तान की जेल में बंद है। उस्मान के सम्पर्क संभल में किन लोगों से हैं इसकी छानबीन भी हो रही है। वर्ष 2005 में उसका नाम आतंकी गतिविधियों में सामने आया था। दिल्ली की स्पेशल सेल उसकी तलाश कर रही थी। लेकिन पता चला कि वह पाकिस्तान की जेल में बंद है।
दीपा सराय निवासी शरजिल और सईद अख्तर 1998 में लापता हुए थे। इन दोनों को ही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल तलाश कर रही है। स्पेशल सेल के अनुसार यह दोनों आतंकवादी हैं और इनके पोस्टर भी दिल्ली के थानों में लगे हैं। इनके बारे में कोई सुराग नहीं मिला और यह जिंदा हैं या मर गए। इसकी भी पुष्टि 27 वर्ष के अंदर नहीं हुई। पहली बार जानकारी 2005 में सामने आई थी। जब खुफिया एजेंसियां इन लोगों के परिजनों से पूछताछ करने के लिए पहुंची। दीपा सराय निवासी मौलाना आसिम उमर उर्फ शन्नू अलकायदा का दक्षिण एशिया प्रमुख था। वह 1998 में संभल से लापता हुआ था। वर्ष 2016 में अमेरिका ने आतंकियों की सूची जारी की थी। इसमें उसका नाम शामिल था। वर्ष 2019 में अमेरिका के हमले में मारा गया। सूत्रों का कहना है कि मौलाना आसिम उमर जिस समय लापता हुआ था। उसके अगले पांच वर्ष के अंदर कई युवक लापता हुए थे। उनमें किसी की गुमशुदगी तक दर्ज नहीं हुई।
24 नवंबर 2024 को जामा मस्जिद सर्वे के दौरान बवाल हो गया था। इसमें पांच लोगों की मौत हो गई थी। एसआईटी की छानबीन में सामने आया कि देश का बड़ा वाहन चोर शारिक साटा गिरोह के सदस्यों ने गोली चलाई थी। इन आरोपियों ने पाकिस्तानी कारतूस का इस्तेमाल किया था। तीन आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं। शारिक साटा का नाम हवाला कारोबार, हथियार तस्करी से भी जुड़ा है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से भी सम्पर्क होने का आरोप है। दिल्ली पुलिस ने नकली नोट के मामले में यह रिपोर्ट दर्ज की थी।
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