अब अंतरिम प्रधानमंत्री चुनने की कवायद
नेपाल में अनियंत्रित हिंसा को काबू करने उतरी सेना
पीएम, राष्ट्रपति समेत पूरे शासन का इस्तीफा
हिंसा में शामिल तत्वों पर संदेह, जेल भी तोड़ा
काठमांडू, 10 सितंबर (एजेंसियां)। नेपाल में जारी अनियंत्रित हिंसा को काबू में करने के लिए आखिरकार सेना को मैदान में उतरना पड़ा। वैसे भी प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और तमाम मंत्रियों के इस्तीफे से नेपाल में शासनिक-प्रशासनिक संकट खड़ा हो गया था। सेना ने सम्पूर्ण नेपाल में कर्फ्यू लागू कर दिया है। नेपाली सेना के प्रमुख जनरल अशोक राज सिगडेल ने देश के नाम अपने संबोधन में प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए आगे आने की अपील की। सेना प्रमुख ने चेतावनी दी कि अगर हिंसा, लूटपाट और आगजनी बंद नहीं हुई, तो सेना सख्त कार्रवाई करेगी। सेना प्रमुख ने कहा कि कुछ समूह इस स्थिति का अनुचित लाभ उठा रहे हैं और आम नागरिकों तथा सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
गिरफ्तारियां जारी हैं, लेकिन हिंसा भी जारी है। नेपाल की कई जेलों को भी तोड़ कर सैकड़ों अपराधी कैदी फरार हो गए हैं। यूपी सीमा पर कई कैदी दबोचे गए हैं। अब यह बात सामने आ रही है कि हिंसा में शामिल तत्व नेपाली नहीं थे। हिंसा फैलाने वाले उपद्रवियों में कट्टरपंथी इस्लामिक तत्व शामिल थे, जिन्होंने न केवल पूर्व प्रधानमंत्री की पत्नी को जिंदा जलाया, बल्कि हिंदुओं के पवित्रतम मंदिर पशुपतिनाथ पर भी हमला करने की कोशिश की। नेपाल के युवकों का ही कहना है कि पशुपतिनाथ मंदिर पर हमला करने का पाप नेपाल के युवक कैसे कर सकते हैं।
हिंसाग्रस्त नेपाल में नया कार्यकारी प्रधानमंत्री चुनने की कवायद भी शुरू हो गई है। पहले तो बालेन शाह का नाम चला लेकिन अब नेपाल की प्रथम महिला मुख्य न्यायाधीश रह चुकीं सुशीला कार्की के नाम को भारी समर्थन मिल रहा है। नेपाल की अस्थिरता के बीच भारतीय विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है और जरूरी हिदायतें दी हैं। नेपाल से खबर मिली है कि जेल तोड़ कर भागने वाले कैदियों की संख्या छह हजार से अधिक है। यह नेपाल और पड़ोसी देश भारत के लिए अतिरिक्त सिरदर्दी साबित हो रहा है। कास्की जेल से सबसे ज्यादा 773 कैदी भागे हैं। वहीं चितवन से 700 कैदी, कैलाली से 612 कैदी और जलेश्वर से 576 कैदी फरार हो गए हैं। इससे हिंसा और खतरनाक साबित हो सकती है। नेपाल के जलेश्वर से भागे 10 कैदियों ने भारत की सीमा में घुसने की कोशिश की, जिन्हें सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) ने पकड़ लिया।
प्रदर्शन के नाम पर फैलाई गई हिंसा में अब तक दो दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और देश के सुप्रीम कोर्ट, संसद, राष्ट्रपति भवन से लेकर तमाम सार्वजनिक संपत्तियां नष्ट हुई हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संयुक्त राष्ट्र के महासचिव गुटेरेस ने शांति बनाए रखने की अपील की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नेपाल में हुई हिंसा हृदयविदारक है और इसमें कई युवाओं की जान गई है, जिससे उन्हें बहुत पीड़ा हुई है। उन्होंने नेपाल की स्थिरता, शांति और समृद्धि को भारत के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए, सभी नेपाली भाई-बहनों से शांति बनाए रखने की विनम्र अपील की।
नेपाल में अंतरिम प्रधानमंत्री के चयन को लेकर हुई बैठक में शामिल पांच हजार से अधिक लोगों ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की का समर्थन किया। पहले काठमांडू महानगरपालिका के मेयर बालेन शाह का नाम चल रहा था, लेकिन अब वह नाम पीछे रह गया है। कार्यवाहक प्रधानमंत्री पद के लिए कुलमैन घिसिंग, सागर ढकाल और हर्क साम्पांग जैसे नामों का भी जिक्र हुआ था। लेकिन अब तक किसी चयनित नाम की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।
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