नाबालिग लड़की की हत्या और बलात्कार के मामले में ५१ वर्षीय व्यक्ति को मौत की सजा

नाबालिग लड़की की हत्या और बलात्कार के मामले में ५१ वर्षीय व्यक्ति को मौत की सजा

मेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| मेंगलूरु में पॉक्सो मामलों की सुनवाई के लिए एक अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय-सह-फास्ट ट्रैक कोर्ट ने बेलगावी जिले के एक ५१ वर्षीय व्यक्ति को मेंगलूरु में एक १३ वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार और हत्या का दोषी पाते हुए मृत्युदंड और आजीवन कारावास की सजा सुनाई|

अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक कोर्ट) के.एस. मानु ने १० सितंबर को सावदत्ती तालुक के हंचिनाल गाँव के मूल निवासी फकीरप्पा हनुमप्पा मदारा के खिलाफ दोषसिद्धि और सजा का आदेश पारित किया| उस पर ६ अगस्त, २०२४ को पनाम्बूर पुलिस सीमा के जोकाटे में अपने रिश्तेदारों के साथ किराए के मकान में रह रही पीड़िता के साथ बलात्कार और हत्या का आरोप लगाया गया था| पनाम्बूर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा १०३(१) और ३३२(ए) हत्या और आपराधिक अतिक्रमण तथा १६ साल से कम उम्र के बच्चे पर यौन उत्पीड़न के अपराध के लिए यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, २०१२ की धारा ४(२) के तहत मामला दर्ज किया था|

वह तब से न्यायिक हिरासत में था| मदारा को हत्या के अपराध के लिए मृत्युदंड की सजा सुनाई गई, जबकि यौन उत्पीड़न के अपराध के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई| अदालत ने कहा दोनों सजाएँ साथ-साथ चलेंगी| आरोपी पर पीड़िता के माता-पिता को भुगतान करने के लिए १ लाख का जुर्माना लगाने के अलावा, अदालत ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को कर्नाटक पीड़ित प्रतिकर योजना २०११ और पॉक्सो नियम, २०१२ के नियम ७ के साथ बीएनएस की धारा १३५ के तहत परिवार को ४ लाख का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया| दोषी मदारा, जो जोकाटे में पीड़िता के रिश्तेदार के घर के पास रहता था, ६ अगस्त, २०२४ को, जब उसके रिश्तेदार घर से बाहर गए हुए थे, जबरन घर में घुस गया और उसका यौन उत्पीड़न किया|

बेलगावी की मूल निवासी, लड़की मेंगलूरु के एक सरकारी आवासीय विद्यालय में कक्षा ७ में पढ़ती थी| उसकी माँ उसे स्कूल में लगी चोट का इलाज कराने के लिए घर ले गई थी और नाग पंचमी की छुट्टी के बाद उसे स्कूल में शामिल होने के लिए जोकाटे में उसके चाचा के घर छोड़ गई थी| अभियोजन की शुरुआत पनाम्बूर के पुलिस निरीक्षक मोहम्मद सलीम अब्बास ने की, जिन्होंने आरोप पत्र दायर किया| पुलिस उपनिरीक्षक के.टी. श्रीकला और ज्ञानशेखर ने जांच की थी जबकि सरकारी वकील सहानादेवी ने अभियोजन चलाया था|

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