आठ साल में नया उत्तर प्रदेश : योगी सरकार का विकास, सुशासन और सांस्कृतिक पुनर्जागरण
लखनऊ, 20 सितम्बर (एजेंसी)। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपने आठ साल छह महीने पूरे कर लिए हैं और इन वर्षों को प्रदेश के इतिहास में परिवर्तनकारी काल के रूप में दर्ज किया जा रहा है। यह समय केवल सत्ता संचालन का नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के समग्र कायाकल्प का रहा है। जहां कभी यह प्रदेश अपराध, माफियातंत्र, भ्रष्टाचार और अव्यवस्था के कारण बदनाम था, वहीं आज यह कानून-व्यवस्था, निवेश, विकास, धार्मिक पुनर्जागरण और सांस्कृतिक पहचान के लिए पूरे देश और दुनिया में जाना जा रहा है। योगी आदित्यनाथ ने 19 मार्च 2017 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और अब उनके शासन का रिपोर्ट कार्ड बताता है कि वह वादा केवल भाषणों में नहीं रहा बल्कि जमीन पर उतरकर हकीकत बन चुका है।
आठ साल छह महीने के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी उपलब्धि कानून-व्यवस्था का सुधार माना जा रहा है। कभी अपराधियों और माफियाओं के लिए सुरक्षित पनाहगाह कहे जाने वाले यूपी में अब अपराधियों की नींद हराम है। बड़े-बड़े माफिया और बाहुबली या तो जेल में हैं या फिर उनकी अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चल चुका है। प्रदेश की सड़कों पर पहले जैसी अराजकता और डर का माहौल अब लगभग समाप्त हो चुका है। यह बदलाव केवल पुलिसिया कार्रवाई से नहीं आया बल्कि अपराध के तंत्र को तोड़ने के लिए व्यापक नीतिगत निर्णय किए गए। अपराध दर में अब पिछले आठ साल छह महीने में लगभग 35 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई और महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता बनाकर ‘मिशन शक्ति’ जैसे अभियानों को सफलतापूर्वक चलाया गया।
निवेश और विकास के क्षेत्र में भी योगी सरकार ने रिकॉर्ड कायम किया। आठ साल छह महीने में उत्तर प्रदेश ने 45 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त किए हैं। यह आंकड़ा बताता है कि प्रदेश की छवि कितनी तेजी से बदली है। पहले निवेशक यूपी में आने से कतराते थे, जबकि अब यह राज्य डिफेंस कॉरिडोर, इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग और डेटा सेंटर के प्रमुख हब के रूप में उभर रहा है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और गंगा एक्सप्रेसवे जैसे मेगा प्रोजेक्ट्स ने उत्तर प्रदेश को न केवल देश के अन्य राज्यों से बल्कि वैश्विक आर्थिक गलियारों से भी जोड़ दिया है। सड़कें अब उच्च गुणवत्ता वाली और आधुनिक तकनीक के अनुरूप विकसित की गई हैं।
स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में भी योगी सरकार के प्रयास ऐतिहासिक माने जा रहे हैं। गोरखपुर एम्स का उद्घाटन हो चुका है और 35 से अधिक जिलों में नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण चल रहा है। पहले मरीजों को गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए दिल्ली या लखनऊ का रुख करना पड़ता था, लेकिन अब हर जिले में मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। शिक्षा में “ऑपरेशन कायाकल्प” के तहत प्राथमिक विद्यालयों में आधारभूत ढांचे का विकास हुआ है। स्मार्ट क्लास, डिजिटल कंटेंट और मिशन प्रेरणा जैसे अभियानों से लाखों बच्चों को बेहतर शिक्षा का अवसर मिला है।
किसानों और गरीबों के लिए योगी सरकार ने विशेष योजनाएं लागू कीं। गन्ना किसानों का भुगतान, जो पहले सालों तक अटका रहता था, अब समय पर किया जा रहा है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद में उत्तर प्रदेश ने नया रिकॉर्ड बनाया। प्रधानमंत्री आवास योजना से लगभग 50 लाख गरीबों को घर मिले, उज्ज्वला योजना से 2 करोड़ रसोई गैस कनेक्शन मिले, स्वच्छ भारत मिशन से लाखों शौचालय बने और आयुष्मान भारत योजना से गरीबों को निःशुल्क इलाज की सुविधा मिली।
लेकिन योगी सरकार का सबसे बड़ा योगदान उत्तर प्रदेश की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को पुनर्जीवित करने में रहा है। अयोध्या, काशी और मथुरा जैसी धार्मिक नगरीयां, जो दशकों तक उपेक्षा का शिकार थीं, आज विश्व स्तर पर आकर्षण का केंद्र बन चुकी हैं। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण और हर साल भव्य दीपोत्सव का आयोजन प्रदेश की पहचान बन गया है। सरयू घाट पर 30 लाख दीपों की जगमगाहट न केवल गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाती है बल्कि रामनगरी को आध्यात्मिक केंद्र के रूप में स्थापित करती है।
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना और योगी सरकार के सहयोग से साकार हुआ, जिसने वाराणसी को धार्मिक पर्यटन की वैश्विक राजधानी बना दिया। मंदिर से गंगा घाट तक का यह मार्ग केवल आस्था का नहीं बल्कि विकास का भी प्रतीक है। मथुरा-वृंदावन में कृष्ण जन्मभूमि और उससे जुड़े स्थलों का विकास भी तेजी से हुआ है। यह पहली बार है जब धार्मिक नगरियों के कायाकल्प को शासन की प्राथमिकता में रखा गया।
आठ साल छह महीने का यह कार्यकाल पूर्व सरकारों से स्पष्ट तुलना करता है। जब 2012 से 2017 तक की सरकारों में अपराध अपने चरम पर था, कानून-व्यवस्था चरमराई हुई थी, निवेशक पलायन कर रहे थे और बिजली संकट से जनता जूझ रही थी, तब योगी सरकार ने न केवल इन चुनौतियों को हल किया बल्कि उत्तर प्रदेश को विकास और सुशासन का मॉडल राज्य बना दिया।
तुलनात्मक रिपोर्ट कार्ड
क्षेत्र | पूर्व सरकारें (2012-17) | योगी सरकार (2017-2025) |
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कानून-व्यवस्था | अपराध दर ऊँची, माफिया सक्रिय | अपराध में 35% की गिरावट, माफिया पर कार्रवाई |
निवेश | सीमित निवेश, उद्योग पलायन | 45 लाख करोड़ रुपये निवेश, डिफेंस कॉरिडोर, GIS सफल |
बुनियादी ढांचा | सड़क-विद्युत अव्यवस्था | एक्सप्रेसवे नेटवर्क, 24 घंटे बिजली आपूर्ति |
स्वास्थ्य/शिक्षा | मेडिकल सुविधाओं का अभाव | 35+ मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर एम्स, शिक्षा सुधार |
किसान और कल्याण | गन्ना भुगतान में देरी, योजनाएं अधूरी | समय पर भुगतान, व्यापक कल्याण योजनाएं |
धार्मिक पर्यटन | उपेक्षित स्थल | काशी कॉरिडोर, अयोध्या दीपोत्सव 30 लाख दीप, मथुरा विकास |
योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि उत्तर प्रदेश अब भय और बदनामी की पहचान से बाहर निकल चुका है। आठ साल छह महीने में प्रदेश ने कानून-व्यवस्था, विकास और सांस्कृतिक गौरव के क्षेत्र में ऐसी उपलब्धियां दर्ज की हैं जो आने वाले दशकों के लिए मील का पत्थर साबित होंगी। उत्तर प्रदेश अब न केवल देश में बल्कि विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है।
सात वर्षों में सीमित सुधार के बाद आठ साल छह महीने में प्रदेश ने वह कर दिखाया है, जो दशकों तक केवल वादों में था। अपराध कम हुआ, निवेश बढ़ा, बुनियादी ढांचा सुदृढ़ हुआ, धार्मिक नगरियों का कायाकल्प हुआ और सांस्कृतिक पहचान वैश्विक स्तर पर स्थापित हुई। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश का चेहरा बदल चुका है और योगी सरकार के आठ साल छह महीने प्रदेश की जनता के विश्वास और विकास की सबसे मजबूत गवाही देते हैं।
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